Al-Aqsa Mosque Under Attack: अल-अक्सा मस्जिद में निहत्थे फिलिस्तीनी नमाज़ियों पर हमला, इजराइली पुलिस की बर्बरता में 152 घायल

Al-Aqsa Mosque Under Attack: रमजान के महीने में मुसलमानों के तीसरी सबसे पवित्र स्थल पर हिंसा हो गई. यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) में निहत्थे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सुरक्षा बलों ने बर्बरता की हद पार कर दी.

Update: 2022-04-15 17:57 GMT

Al-Aqsa Mosque Under Attack: रमजान के महीने में मुसलमानों के तीसरी सबसे पवित्र स्थल पर हिंसा हो गई. यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) में निहत्थे फिलिस्तीनियों पर इजरायली सुरक्षा बलों ने बर्बरता की हद पार कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले में 157 से अधिक फिलिस्तीनी नमाज़ी घायल हो गए हैं.

इस घटना में 157 फिलिस्तीनी घायल हो गए हैं. वहीं 400 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इजरायल अल अक्सा मस्जिद पर अपना अधिकार मानता है और उसने मस्जिद में फिलिस्तीनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. रमजान के मौके पर ये प्रतिबंध हटाए गए थे.

सुबह की नमाज के लिए मस्जिद में हजारों की संख्या में नमाजी जमा हुए थे जिस दौरान इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर हमला कर दिया. समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल-अक्सा मस्जिद की देखभाल करने वाली समिति ने कहा कि इजरायली पुलिस ने सुबह होने से पहले ही मस्जिद में प्रवेश किया था. इजरायल ने कहा कि रमजान को देखते हुए सुबह की नमाज के लिए मस्जिद में हजारों लोग जमा हुए थे और उसकी सेना हिंसा करने के लिए रखे गए चट्टानों और पत्थरों को हटाने के लिए मस्जिद में घुसी.

इस्लाम में अल-अक्सा मस्जिद का महत्व

अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम धर्म मानने वालों के लिए एक पवित्र जगह है. इसे हरम-अल शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. यह इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह मानी जाती है. माना जाता है कि इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद ने यहां नमाज पढ़ा था. यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जो यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है. यहूदी इसे 'टेंपल माउंट' कहते हैं. दो धर्मों का केंद्र बिंदु के कारण ही यहां अक्सर विवाद हो जाता है.

यहूदियों-मुस्लिमों के झगड़े की वजह

यरुशलम में लगभग 1204 सिनेगॉग, 158 गिरजें, 73 मस्जिदें, बहुत सी प्राचीन कब्रें, 2 म्‍यूजियम और एक अभयारण्य है। दरअसल यह पवित्र शहर यहूदियों, मुसलमानों और ईसाइयों के लिए बहुत महत्व रखता है। यहीं पर तीनों धर्मों के पवित्र टेंपल हैं और तीनों ही धर्म के लोग इस पर अपना अधिकार चाहते हैं। यरुशलम के मुस्लिम इलाके में स्थित 35 एकड़ क्षेत्रफल में फैले नोबेल अभयारण्य में ही अल अक्सा मस्जिद है जो मुसलमानों के लिए मदीना, काबा के बाद तीसरा पवित्र स्थान है, क्योंकि इसी स्थान से हजरत मुहम्मद स्वर्ग गए थे।

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