'अमेरिका जान गया भारत नहीं-क्योंकि हमारी सरकार चुनाव में व्यस्त थी' यूक्रेन में फंसी छात्रा का Modi सरकार पर आरोप
छात्रा ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन को कैसे पता चल गया कि संकट आने वाला है और उन्होने समय रहते अपने लोगों को निकाल लिया। जबकि हमारी सरकार चुनाव में व्यस्त रही...
Russia Ukraine War: यूक्रेन के बुखारेस्ट में फंसी एक मेडिकल छात्र ने भारत सरकार (Indian Government) पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। आज तक से बात करते हुए इस छात्रा ने कहा कि अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडेन को कैसे पता चल गया कि संकट आने वाला है और उन्होने समय रहते अपने लोगों को निकाल लिया। जबकि हमारी सरकार चुनाव (Election) में व्यस्त रही।
लड़की आगे कहती है कि उसने भारत सरकार को कई ई-मेल्स (E-Mails) किए लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। उनके मैसेज की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। हमारे देश की सरकार चुनाव जीतने में लगी रही। नतीजा यह रहा कि आज हम यहां फंसे हुए हैं। छात्रा ने भारत सरकार पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है।
स्वतंत्र पत्रकार साक्षी जोशी ने यह क्लिप शेयर करते हुए लिखा है, 'आज यहाँ अमेरिका के बच्चे क्यों नहीं फंसे हैं हम भारतीय क्यों फंसे हैं? जो बाइडेन को कैसे पता चल गया बच्चों को निकालना है आपको कैसे नहीं पता चला! आप यूपी के चुनावों में व्यस्त थे।' यूक्रेन में फँसी छात्रा जिसने पूरी PR मशीनरी को Expose कर दिया।'
पूर्व सांसद और बिहार की राजनीति का बड़ा चेहरा पप्पू यादव ने एक छात्रा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, 'धिक्कार है बेशर्म मोदी सरकार को! भारत की बेटियों को रूसी सैनिक उठा ले जा रहे हैं। रोमानिया के सैनिक भारतीय छात्रों को पीट रहे है। PM मोदी वोट मांग रहे हैं। डूब मरो सरकार!'
वहीं, पूर्व सांसद उदित राज ने भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होने लिखा है कि, 'दुखद ख़बर पोलैंड की सीमा पर भारतीय छात्रों को बुरी तरह पीटा। मोदी सरकार की सलाह पर यूक्रेन से गए छात्र थे ये। चुनाव में व्यस्त पीएम का यही डंका बज रहा हैं।'
बता दें कि, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित तमाम राज्यों के सैंकड़ो छात्र-छात्रा यूक्रेन में फंसे हैं और वहां से निकलने की जद्दोजहद में जुटे हैं। लेकिन वह अभी तक निकल पाने में कामयाब नहीं हो सके हैं। रविवार को वेनिप्रो मे फंसी हरिद्वार की छात्रा ने वीडियो शेयर करते हुए बताया कि रोमानिया बॉर्डर पर भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ क्रूर व्यवहार किया जा रहा है, उन्हें लातों से पीटा जा रहा है। वे चुपचाप इस बर्बरता को सहने को मजबूर हैं।