Bulldozer Action : बुलडोजर एक्शन पर अबतक क्या-क्या बोला इंटरनेशनल मीडिया ?

Bulldozer Action : टीआरटी वर्ल्ड में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बुलडोजर का इस्तेमाल लंबे वक्त से भारत की पहचान रहे धार्मिक सद्भाव और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व यानि जियो और जीने दो को खत्म करने के लिए किया जा रहा है....

Update: 2022-04-23 11:15 GMT

Bulldozer Action : '20 करोड़ मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रही सरकार', बुलडोजर एक्शन पर क्या बोला इंटरनेशनल मीडिया ?

Bulldozer Action : राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके (Jahangirpuri Area) में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल को लेकर बीते कई दिनों से देश के भीतर और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया (International Media) में चर्चा गरम है। बुधवार सुबह नगर निगम (NDMC) की टीम भारी सुरक्षा के बीच अतिक्रमण हटाने जहांगीरपुरी पहुंची थी। यह वही जगह थी जहां कुछ दिन पहले हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के दिन दो समुदायों के बीच हिंसा (Communal Violence In Delhi) हुई थी।

हिंसा के बाद बुलडोजर चलने के मामले पर इस मुद्दे पर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई। दो दिन पहले जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी थी। कई अखबारों और रिपोर्टों में कहा गया कि जिन लोगों के घर तोड़े गए उनमें से अधिकतर मुसलमान थे। रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि कोर्ट ने अतिक्रमण हटाओ अभियान को स्थगित करने का आदेश दिया था लेकिन इसके बाद भी कुछ देर तक यह अभियान चलता रहा। 

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार जेसीबी कंपनी के बनाए बुलडोजर का इस्तेमाल अधिकतर गरीब मुसलमानों के घरों और व्यवसाय को तबाह करने के लिए किया गया। रिपोर्ट कहती है कि ये उन्हें झड़प के दौरान बहुसंख्यक हिंदू समूह पर कथित तौर पर पत्थर फेंकने के आरोप में सजा दी गई। रिपोर्ट में लिखा गया है कि आलोचकों का कहना है कि भारत की मोदी सरकार ने अल्पसंख्यक मुसलमान समुदाय को डराने, कथित तौर पर बिना न्यायिक प्रक्रिया से उन्हें उनके गुनाहों की सजा देने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया। हालांकि भारत सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि इस प्रक्रिया के दौरान किसी एक समुदाय के ही लोगों के घर टूटे हैं। 

टीआरटी वर्ल्ड में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार बुलडोजर का इस्तेमाल लंबे वक्त से भारत की पहचान रहे धार्मिक सद्भाव और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व यानि जियो और जीने दो को खत्म करने के लिए किया जा रहा है। वेबसाइट ने एक लेख छापा जिसमें कहा गया है कि देश की सत्ताधारी दक्षिणपंथी बीजेपी अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए मुसलमानों को निशाना बना रही है। 

अलजजीरा ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका से जुड़ी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य के बड़े नेता से संकेत लेते हुए मध्यप्रदेश के खरगोन में प्रशासन ने करीब पचास संपत्तियों को जमींदोज किया। इनमें से अधिकतर मुसलमानों की दुकानें या घर थे जिनपर हिंसा भड़काने का आरोप था। मोदी के गृहराज्य के गुजरात से भी रामनवमी के बाद हुई हिंसा के बाद इस तरह की घटनाएं सामने आयीं थीं। कानून के जानकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इन घटनाओं की निंदा की है। अलजजीरा के अनुसार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान को उनके समर्थक बुलडोजर मामा कह रहे हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ को चुनाव के दौरान बुलडोजर बाबा कहा जाने लगा था। इसी साल 25 फरवरी को बीजेपी नेता अरुण यादव ने अपनी टाइमलाइन पर सात सेकंड का वीडियो पोस्ट किया था जिसमें एक प्लेन में बैठे योगी आदित्यनाथ अपनी चुनावी सभा को दिखाते हुए बुलडोजर के चुनावी सभा में खड़े होने की बात कहते हैं। 

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी एक घंटे तक घरों और दुकानों की तोड़फोड़ का काम जारी रहा। एक मस्जिद तक आने वाली सीढ़ियों को भी तोड़ा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बुलडोजर को मस्जिद से करीब पचास किमी दूर हिंदू मंदिर में प्रवेश करने के रास्ते में रोका गया। इसके बाद मुसलमानों ने आरोप लगाया कि इस अभियान में उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया है।  

रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा- भारत के कई हिस्सों में हाल ही में बुलडोजर चलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। जिसके बारे में आलोचक कहते हैं कि यह देश के बीस करोड़ मुसलमानों को डराने की सत्ताधारी सरकार की कोशिश है। वेबसाइट के अनुसार बीजेपी नेताओं और पार्टी से जुड़े कट्टर हिंदू समूहों ने इन घटनाओं का समर्थन किया है और कहा है कि वह कानून का पालन कर रहे हैं। 

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