चीन ने यूरोपीय संघ की संस्थाओं व व्यक्तियों पर लगाया प्रतिबंध, अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का लगाया आरोप

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय पक्ष की कार्रवाई ने वास्तविकता की उपेक्षा कर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया है और खुले तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कानून व अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नीति-नियमों का उल्लंघन किया है

Update: 2021-03-24 03:30 GMT

बीजिंग। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह घोषणा की कि चीन ने यूरोपीय संघ में ऐसे 10 व्यक्तियों और 4 संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया, जिन्होंने चीन की प्रभुसत्ता और हितों को नुकसान पहुंचाया, बुरी इच्छा से चीन के बारे में झूठी व गलत सूचनाएं फैलाई हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर 22 मार्च को जारी खबर के अनुसार, संबंधित व्यक्ति तथा उनके परिजन चीन की मुख्य भूमि, हांगकांग व मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकेंगे और उनसे जुड़े उद्यम व संस्थाएं भी चीन के साथ आदान-प्रदान नहीं कर सकेंगे।

22 मार्च को यूरोपीय संघ ने झूठ व गलत सूचनाओं के आधार पर तथाकथित शिनच्यांग के मानवाधिकार मामले की आड़ में चीन के संबंधित व्यक्तियों व संस्थाओं पर एकतरफा प्रतिबंध लगाया।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यूरोपीय पक्ष की कार्रवाई ने वास्तविकता की उपेक्षा कर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप किया है और खुले तौर पर अंतर्राष्ट्रीय कानून व अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नीति-नियमों का उल्लंघन किया है, जिसने चीन-यूरोप संबंधों को गंभीर रूप से बर्बाद किया है। चीन ने इसका दृढ़ विरोध किया और कड़ी निंदा भी की।

इस प्रवक्ता के अनुसार, अपने देश की प्रभुसत्ता, सुरक्षा व विकास के लाभ की रक्षा में चीन सरकार का विकल्प अविचल है। चीन ने यूरोपीय पक्ष से अपनी गलती की गंभीरता को समझकर इसे ठीक करने का आग्रह किया। नहीं तो चीन ज्यादा कठोर प्रतिक्रिया करेगा।

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