ID कार्ड दिखाता रहा साथी लेकिन तालिबान ने पंजशीर में एक युवक को सड़क पर गोलियों से भून डाला!
इससे पहले तालिबानियों ने पंजशीर पर कब्जे का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह पंजशीर छोड़ कर भाग गए हैं। वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने कहा था कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है...
जनज्वार। पंजशीर (Panjshir) में एक युवक को उसके घर से निकालकर तालिबान के लड़ाकों (Talibani Fighter) ने सड़क पर दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला। अफगानिस्तान से संचालित एक न्यूज पोर्टल के मुताबिक तालिबान का आरोप है कि यह युवक पंजशीर के नॉर्दर्न अलायंस की सेना में शामिल था।
बताया जा रहा है कि, मृतक का दूसरा साथी तालिबानियों को उसका ID कार्ड दिखाता रह गया, लेकिन वे नहीं माने और उसको गोली मार दी। हालांकि तालिबानियों द्वारा मारे गये इस युवक की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।
इससे पहले तालिबानियों ने पंजशीर पर कब्जे का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि अहमद मसूद और अमरुल्लाह सालेह पंजशीर छोड़ कर भाग गए हैं। वहीं पंजशीर के लड़ाकों ने कहा था कि अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। नॉर्दर्न अलायंस (Nordern Alliance) और रेजिस्टेंस फोर्स (Resistance Force) के मुखिया अहमद मसूद ने कहा था कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे का दावा झूठा है। हमारे लड़ाके अभी भी उनका सामना कर रहे हैं।
अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ने भी एक हफ्ते पहले एक वीडियो जारी कर पंजशीर से भागने की बात का खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि वे आखिरी सांस तक तालिबान के खिलाफ लड़ते रहेंगे। इससे पहले तालिबानियों ने उनके बड़े भाई की पंजशीर में हत्या कर दी थी। तालिबानियों ने उनके परिवार को शव देने से भी मना कर दिया। तालिबान ने कहा कि उसका शव सड़ जाना चाहिए।
काबुल यूनिवर्सिटी की बुर्के में पहली क्लास
तालिबान शरिया कानून (Shariya Kanoon) को लागू करने को लेकर किस कदर हावी है, इसका नजारा शनिवार को काबुल यूनिवर्सिटी (Kabul University) में देखने को मिला। तालिबान के नेताओं ने यहां शरिया को लेकर एक लेक्चर का आयोजन किया। कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 300 युवतियां शामिल हुईं। सभी युवतियां सर से पांव तक बुर्के से ढंकी हुई थीं।