हर आपदा आम नागरिकों को बना देती है कंगाल, मगर पूंजीपतियों और उनकी संपत्ति में बेशुमार वृद्धि

पूंजीवाद का अर्थशास्त्र की किताबों में सिद्धांत कुछ भी हो, पर धरातल पर गरीब जनता का निवाला छीनकर ही पूंजीवाद पनपता है, पूंजीवाद का यह असर अब सामान्य जनता भी समझने लगी है, तभी अब पूंजीपतियों का विरोध किया जाने लगा है...

Update: 2021-06-25 05:23 GMT

कोरोना महामारी में आम लोगों को पड़े खाने के लाले, मगर पूंजीपतियों की संपत्ति में बेतहाशा बढ़ोत्तरी जारी

महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

जनज्वार। दुनियाभर में हरेक समस्या, आपदा और महामारी आम नागरिकों को पहले से भी अधिक गरीब कर देती है, पर इन्हीं आपदाओं के बीच पूंजीपतियों की संख्या बढ़ जाती है और उनकी संपत्ति भी। यह पूंजीवाद का करिश्मा है, और कोविड जैसी वैश्विक महामारी, जिसने पूरी दुनिया में तहलका मचाया है, के बीच भी पूंजीपति पहले से अधिक अमीर हो गए हैं।

जाहिर है, पूंजीवाद का अर्थशास्त्र की किताबों में सिद्धांत कुछ भी हो, पर धरातल पर गरीब जनता का निवाला छीनकर ही पूंजीवाद पनपता है। पूंजीवाद का यह असर अब सामान्य जनता भी समझने लगी है, तभी अब पूंजीपतियों का विरोध किया जाने लगा है।

हमारे देश में किसानों ने अपने आन्दोलन के साथ ही अडानी-अम्बानी जैसे पूंजीपतियों का विरोध किया है, क्योंकि उन्हें पता है नए कृषि कानूनों से किसानों की समस्याएं लगातार बढ़ती जायेंगी और इसी समस्या से अडानी-अम्बानी के गोदाम भरते जायेंगे। भारत की राह पर अब अमेरिका की जनता भी चल पड़ी है, और उनके साथ अनेक देश के नागरिक खड़े हैं। अमेरिका में अब अमेज़न के संस्थापक और चीफ एग्जीक्यूटिव जेफ बेजोस का विरोध हो रहा है।

मई 2019 के आंकड़ों के अनुसार कुल 186 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ जेफ़ बेजोस दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति है। सभी अमीर व्यक्ति अनेक तरीके के कारोबार में संलग्न रहते हैं और बेजोस भी ऐसे ही हैं, भले ही दुनिया उन्हें केवल अमेज़न के मालिक के तौर पर जानती हो। अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र वाशिंगटन पोस्ट के मालिक भी बेजोस हैं और दूसरी तरफ अंतरिक्ष यान बनाने वाली कंपनी के भी मालिक हैं। वर्ष 2013 में जेफ़ बेजोस ने 25 करोड़ डॉलर में वाशिंगटन पोस्ट को खरीदा था। उनकी अंतरिक्ष यान से सम्बंधित कंपनी का नाम है, ब्लू ओरिजिन। इस कंपनी ने एक अंतरिक्ष यान तैयार किया है, जिसका नाम न्यू शेपर्ड है।

न्यू शेपर्ड अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान 20 जुलाई को भरने वाला है, और इसमें जेफ़ बेजोस अपने भाई मार्क बेजोस के साथ उड़ान भरने वाले हैं। इसमें 6 और भी यात्री जाने वाले हैं, जिनके लिए 2.8 करोड़ डॉलर का टिकट है और इनका चयन 7500 पंजीकृत व्यक्तियों में से किया जाएगा। पूरी दुनिया में लोग पूंजीपतियों से चिढते हैं, पर उनके सीधे विरोध का मौका कम ही मिलता है। दुनियाभर में अमेज़न पर खरीदारी करने वाले लोगों की संख्या भले ही लगातार बढ़ रही हो पर बेजोस या दूसरे अरबपतियों से सामान्य जनता नाखुश ही रहती है।

बेजोस के अंतरिक्ष में जाने की खबर के बाद लोगों को बेजोस और दूसरे अरबपतियों के विरोध का नायाब मौका मिल गया है। वेबसाइट change.org पर बहुत सारे पेटीशन जनता की तरफ से डाले जाते हैं, जिसका समर्थन करते हुए सामान्य जनता इसपर हस्ताक्षर करती है। यह एक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान है। इस वेबसाईट पर इन दिनों जेफ़ बेजोस के विरुद्ध एक पेटीशन है, जिसपर एक लाख सोलह हजार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किये हैं। इस पेटीशन के अनुसार जेफ़ बेजोस जब अंतरिक्ष में जाएँ तब यह सुनिश्चित करना चाहिए की वे वापस पृथ्वी पर नहीं आयें। इस पेटीशन का शीर्षक है, Do not allow Jeff Bezos to return to Earth और इसे Ric G ने 24 जून को शुरू किया है।

इस पेटीशन के अनुसार अरबपतियों का अस्तित्व पृथ्वी और अंतरिक्ष कहीं नहीं होना चाहिए, फिर भी उन्हें फैसला लेना है और उन्हें अंतरिक्ष में ही रहना चाहिए। "जेफ़ बेजोस आर्थिक तौर के साथ मानसिक तौर पर भी मानवता से बहुत दूर हैं और उनमें उन गुणों का भी अभाव है, जिसके चलते हम आदमी बनते हैं। अरबपतियों को और बड़े औद्योगिक घरानों को समाज के उत्थान में अपनी पूरी भूमिका निभानी चाहिए, और ऐसा करने तक जेफ़ बेजोस को अंतरिक्ष में ही रहना चाहिए।"

बेजोस ने इन्स्टाग्राम पर एक वीडियो के माध्यम से बताया था कि पांच वर्ष की उम्र से ही उनका अंतरिक्ष में जाने का सपना था। इस पर भी पेटीशन में लिखा गया है कि "वर्षों पहले अमीर देशों ने मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष में जाने का कार्यक्रम बनाया था, पर बेजोस तो इसे पर्यटन स्थल बना रहे हैं और अपना सपना पूरा कर रहे हैं।"

इसमें अन्य अरबपतियों का भी जिक्र है, "सरकारें क्यों केवल जेफ़ बेजोस, बिल गेट्स, एलोन मस्क या वारेन बफेट जैसे मुट्ठीभर पूंजीपतियों के अधिकारों की रक्षा करना चाहती है जिससे वे अनावश्यक पूंजी जमा करते रहें और दूसरी तरफ समाज की सभी समस्याओं के हल के लिए गरीब और मध्यम वर्ग टैक्स भरता रहे।"

पेटीशन में आगे लिखा है, समाज इन तथाकथित अरबपतियों के चोंचले से ऊब चुका है, जो समाज की थोड़ी सेवा के बदले अपनी तिजोरी का आकार लगातार बड़ा करते जाते हैं। ऐसे अरबपति और कॉर्पोरेट घराने ही समाज को चन्द मदद कर इसे एक व्यापक नीति के तौर पर इस्तेमाल करने लगते हैं। गरीबी, भूख, बेघर, स्वास्थ्य और समाज के भले के लिए एक सख्त नीति और सरकारी इच्छाशक्ति की जरूरत है, किसी चैरिटी की नहीं।"

बेजोस के विरोध के पीछे अनेक कारण हैं। लम्बे समय से अमेज़न के कर्मचारियों के वेतन और कार्य शर्तों पर लिखा जा रहा है। इस कंपनी में कर्मचारियों की लगातार दुर्दशा होती है, उनसे गुलामों की तरह वर्ताव किया जाता है, वर्षों एक ही तनख्वाह मिलती है और हरेक तरीके से कोशिश की जाती है की कर्मचारी अपने कोई यूनियन न बना सकें। अरबपतियों द्वारा समाज सेवा के नाम पर दी जाने वाली राशि बेजोस द्वारा नगण्य ही दी जाती है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सर्वाधिक अमीरों में सबसे कंजूस माना जाता है, पर उन्होंने भी पिछले वर्ष अपनी कुल संपत्ति का 3 प्रतिशत से अधिक हिस्सा चैरिटी में दिया। दूसरी तरफ जेफ़ बेजोस ने पिछले वर्ष अपनी संपत्ति का एक प्रतिशत से भी कम हिस्सा समाज सेवा में लगाया। दुनिया के लगभग हरेक देश में अमेज़न पर आरोप है कि अपने कारोबार को बढाने के लिए यह गलत तरीके से व्यापार करती है।

जेफ़ बेजोस का अंतरिक्ष यान कुल 11 मिनट के लिए उड़ान भरेगा और पृथ्वी से लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाएगा। अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बेजोस ने लिखा था, अंतरिक्ष से धरती पर देखने भर से मनुष्य का पृथ्वी से और मानवता से रिश्ता गहरा हो जाता है। अब देखना तो यह है कि अंतरिक्ष से वापस आने के बाद क्या अमेज़न के कर्मचारियों के हालात बदलेंगे?

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