Fact Check : क्या नरेंद्र मोदी ने वास्तव में कहा था 'अबकी बार-ट्रंप सरकार'?

Fact Check : ह्यूस्टन, टेक्सास में 23 सितंबर 2019 का "हाउडी, मोदी" (Howdy Mody) कार्यक्रम उल्लेखनीय था क्योंकि बड़े देशों के दो नेताओं की एक रैली में एक साथ दिखाई देने की दुर्लभ घटना थी जिसमें दोनों ने बेहद मुखर राजनीतिक भाषण दिए थे।

Update: 2021-09-28 07:47 GMT

(गुट निरपेक्ष नीति को छोड़कर भारत ने की बड़ी भूल)

वरिष्ठ पत्रकार दिनकर कुमार का विश्लेषण

Fact Check जनज्वार। ट्रम्प के साथ गलबहियां करने के चक्कर में मोदी सरकार (Modi Govt) ने भारत की गुट-निरपेक्ष विदेश नीति (Non Aligned Foreign Policy) को त्याग कर जो भयंकर गलती की उसके खामियाजे के तौर पर आज दुनिया भर में भारत (India) की इज्जत दो कौड़ी की रह गई है। डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) का चुनाव अभियान में खुलकर प्रचार करते हुए नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भारत के प्रधानमंत्री पद की गरिमा की भी ऐसी तैसी कर दी थी। अब अमेरिका में ट्रम्प की जगह बाइडेन (Joe Biden) राष्ट्रपति हैं जो मोदी की हरकत को भूले नहीं हैं।

शायद यही वजह है कि इस बार अमेरिका यात्रा के समय मोदी को कदम कदम पर उपेक्षा और तिरस्कार का सामना करना पड़ा है और सोशल मीडिया खुलकर उनका मज़ाक उड़ा रहा है। मोदी अर्ध सत्यों को हथियार बनाकर राजनीति करते रहे हैं। लेकिन ट्रम्प के समर्थन में आजमाया गया अर्ध सत्य उनके लिए भारी पड़ गया है।

ह्यूस्टन, टेक्सास में 23 सितंबर 2019 का "हाउडी, मोदी" (Howdy Mody) कार्यक्रम उल्लेखनीय था क्योंकि बड़े देशों के दो नेताओं की एक रैली में एक साथ दिखाई देने की दुर्लभ घटना थी जिसमें दोनों ने बेहद मुखर राजनीतिक भाषण दिए थे।

मोदी ने कहा: "अब की बार, ट्रम्प सरकार।" यह 2014 के आम चुनावों (Lok Sabha Elelction 2014) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा इस्तेमाल किए गए नारे 'अब की बार, मोदी सरकार' का एक नया रूप था।

मोदी द्वारा इस वाक्यांश का उपयोग, जब वह 50,000 दर्शकों के लिए डोनाल्ड ट्रम्प का परिचय दे रहे थे, ने कुछ आलोचनाओं को आमंत्रित किया। समाचार संगठनों ने इसे चुनावी वर्ष में एक अमेरिकी उम्मीदवार के समर्थन के रूप में लिया। इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि मोदी 'व्हाइट हाउस (White House) में दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन करते हैं।'

कांग्रेस (Congress) ने एक भारतीय प्रधानमंत्री (Indian Prime Minister) द्वारा एक अमेरिकी राजनेता के लिए प्रचार करने की अनुचितता की ओर ध्यान आकर्षित किया। लेकिन क्या मोदी ने वास्तव में फिर से चुनाव के लिए ट्रम्प का समर्थन किया?

विशुद्ध रूप से तकनीकी दृष्टिकोण से, कोई यह तर्क दे सकता है कि मोदी ने वास्तव में ऐसा नहीं किया। यहां उनके सटीक शब्द हैं: 'दोस्तों, हम भारत में राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं, उम्मीदवार ट्रम्प के शब्द, 'अब की बार, ट्रम्प सरकार।'

कोई यह तर्क दे सकता है कि मोदी केवल 2016 में ट्रम्प की उम्मीदवारी का जिक्र कर रहे थे, जब भारतीय-अमेरिकी आबादी के उद्देश्य से एक विज्ञापन में उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन निश्चित रूप से, यह केवल उत्तर का हिस्सा होगा।

आखिर मोदी और ट्रंप (Narendra Modi And Donald Trump) दोनों टीमों के सदस्यों ने समन्वय किया होगा और चर्चा की होगी कि कोई भी नेता क्या कहने जा रहा है, इसलिए दोनों को पता होगा कि नेता सीधे राजनीतिक भाषण देने की योजना बना रहे थे।

यह कोई विदेश नीति केंद्रित घटना या भारतीय-अमेरिकी संबंधों (India US Relations) का वर्चस्व नहीं था। जबकि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए हामी भरी, उनके भाषणों का बड़ा हिस्सा उनकी अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों और उनकी चुनावी लोकप्रियता पर केंद्रित था।

इसलिए मोदी की भूमिका और 'अब की बार, ट्रम्प सरकार' लाइन के उनके आह्वान को कार्यालय में एक और कार्यकाल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थन के अलावा कुछ भी देखना मुश्किल होगा। जबकि दर्शकों से भारी समर्थन मिला, अन्य लोगों ने भारतीय नेता की एक अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन करने की इच्छा पर सवाल उठाया।

उसी दौरान वाशिंगटन डीसी (Washington DC) की तीन दिवसीय यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने इस धारणा का जोरदार खंडन किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2020 के चुनाव अभियान के लिए ट्रम्प की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए इस नारे का इस्तेमाल किया।

'नहीं, उन्होंने ऐसा नहीं कहा,' प्रधानमंत्री के अपने ह्यूस्टन संबोधन में कथित तौर पर नारे का उपयोग करने के निहितार्थ के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने भारतीय पत्रकारों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा।

'मुझे लगता है प्रधानमंत्री ने जो कहा, उसे बहुत ध्यान से देखें। मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि उम्मीदवार ट्रम्प ने इसका इस्तेमाल किया था ('अब की बार ट्रम्प सरकार')। इसलिए पीएम अतीत की बात कर रहे थे।'

जयशंकर ने सवाल के जवाब में कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें जो कहा गया, उसकी ईमानदारी से गलत व्याख्या करनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि आप किसी की अच्छी सेवा कर रहे हैं।'

22 सितंबर को ह्यूस्टन में 50,000 से अधिक भारतीय अमेरिकियों की विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 'हम भारत में ट्रम्प के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं'।

इसके तुरंत बाद भारत में विपक्षी कांग्रेस (Congress) पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी पर ट्रम्प के उम्मीदवार का समर्थन करने का आरोप लगाया था। सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) ने इससे इनकार किया।

'मेरा मतलब है, वह (मोदी) बहुत स्पष्ट थे कि वह किस बारे में बात कर रहे थे। वह कह रहे थे, आपने एक उम्मीदवार के रूप में यही कहा था, जिससे पता चलता है कि आप (एक उम्मीदवार के रूप में भी भारत और उसके लोगों से जुड़ने) की कोशिश कर रहे थे,' जयशंकर ने पत्रकार से सटीक होने का आग्रह करते हुए कहा।

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