French Defence Minister Florence Parly : फ्रांस के फैसले से चौंका चीन, ऑकस से नहीं बदलेगा इंडिया-पैसिफिक का भूगोल

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच ऑकस समझौते के तहत कैनबरा को परमाणु पनडुब्बियां मिलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से फ्रांस जुड़ा है। ऑकस से इस क्षेत्र का भूगोल नहीं बदलेगा।

Update: 2021-12-17 12:45 GMT

नई दिल्ली। कोरोना काल में दूसरी बार भारत दौरे पर आईं फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली (  French Defence Minister Florence Parly ) भारतीय सुरक्षा हितों ( Indian defence interest ) की रक्षा के लिए तत्काल सहयोग का आश्वासन देकर चीन ( China ) को चौंका दिया है। फ्रांस के इस रुख ये पाकिस्तान ( Pakistan ) को भी झटका लगा है। फ्रेंच डिफेंस मिनिस्टर ने कहा कि चीनी आक्रामकता के खिलाफ हम भारत की हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। हम बिना विलंब के भारतीय रक्षा जरूरतों के मुताबिक रफाल ( Rafale fighter jet ) की मांग को पूरा करेंगे।

भारत के खिलाफ चीन जरूरत से ज्यादा आक्रामक

फ्रेंच रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि चीन का व्यवहार जरूरत से ज्यादा आक्रामक है। हम इस तरह के व्यवहार का सामना करने, जलवायु परिवर्तन और व्यापार जैसे मुद्दों पर चीन के खिलाफ और भारत के साथ बेहतर तालमेल जोर देना चाहते हैं। इंडो पैसिफिक (  India-Pacific ) क्षेत्र में कानून के मुताबिक काम होने चाहिए। इस क्षेत्र में भी फ्रांस भारत का सहयोग करने के लिए तैयार है।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि भारतीय वायु सेना राफेल जेट विमान से संतुष्ट है। हमें बहुत गर्व है कि कोविड-19 के बावजूद फ्रांस तय शर्तों के मुताबिक भारत को 36 राफेल विमानों की आपूर्ति कर रहा है। राफेल की आपूर्ति दोनों देशों के बीस मजबूत संबंधों का प्रतीक है।

ऑकस नहीं बदलेगा इंडिया-पैसिफिक का भूगोल

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच ऑकस (  AUKUS ) समझौते के तहत कैनबरा को परमाणु पनडुब्बियां मिलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र से फ्रांस जुड़ा है। इस क्षेत्र का भूगोल नहीं बदलेगा। फ्रांस एक इंडो-पैसिफिक देश है। हम एक साथ मिलकर इस क्षेत्र में न केवल अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि इसे स्थायित्व देने के लिए घनिष्ठ बहुपक्षीय संबंध भारत और फ्रांस के बीच मजबूत आधार होगा। हमने ऑस्ट्रेलिया के साथ बहुत अच्छे संबंध विकसित किए थे। ऑस्ट्रेलिया द्वारा अमेरिका से परमाणु पणडुब्बी हासिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। यह हमारे लिए बहुत निराशाजनक मसला है।

बता दें कि 23 सितंबर, 2016 को नई दिल्ली में भारत द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक करार पर दोनों देश के बीच समझौता हुआ था। समझौतों के तहत 36 में से 33 राफेल भारत को मिल चुके हैं। तीन और विमान अप्रैल 2022 तक मिलने की उम्मीद है। 

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