Gabriel Boric : चिली में 35 वर्षीय युवा नेता गेब्रियल बोरिक ने रचा इतिहास, बने नए राष्ट्रपति
Gabriel Boric : गेब्रियल बोरिक चिली में सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति चुने गए हैं..
Gabriel Boric : चिली के राष्ट्रपति चुनाव में युवा वामपंथी नेता गेब्रियल बोरिक (Gabriel Boric) ने जीत दर्ज की है। इसके साथ ही वह चिली के इतिहास में सबसे कम उम्र (35 वर्ष) में राष्ट्रपति (President) बनने वाले शख्स बन गए हैं। इसके साथ ही वह दुनिया के दूसरे सबसे कम्र के राष्ट्रप्रमुख बन गए हैं। 90 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्री की रिपोर्टिंग के साथ गेब्रियल बोरिक को 56 प्रतिशत मत मिले जबकि उनके प्रतिद्वंदी सांसद जोस एंटोनियो कास्ट को 4 प्रतिशत मत मिले।
कास्ट ने खुद की एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें वह फोन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को उनकी शानदार जीत के लिए बधाई दी। उन्हें निवर्तमान राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने भी बधाई देने के लिए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल की।
निवर्तमान राष्ट्रपति पिनेरा से बातचीत में बोरिक ने कहा कि वह सभी चिली वासियों के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। गेब्रियल की जीत के बात उनके हजारों समर्थकों ने सैनटियागो में सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया।
35 वर्षीय बोरिक मार्च में पदभार ग्रहण करने पर चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति बन जाएंगे। वह साल 2014 में उन कई कार्यकर्ताओं में से एक थे जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए हुए प्रमुख विरोध प्रदर्शनों के बाद कांग्रेस के लिए चुने गए थे। बोरिक ने चुनाव से पहले सैन्य तानाशाही के दौरान की नवउदारवादी नीतियों को भी दफन करने की कसमें खाईं।
चिली की पिछली सैन्य तानाशाही का बचाव करने का इतिहास रखने वाले उनके प्रतिद्वंदी कास्ट पिछले महीने मतदान के पहले दौर में बोरिक से दो अंक आगे रहे लेकिन बहुमत हासिल करने में असफल रहे।
ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता किसी भी राजनीतिक पार्टी के पक्ष में नहीं रहते हैं। बोरिक ने राजधानी सैनटियागो में अपने आधार से आगे बढ़कर ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं को आकर्षित करने पर जोर लगाया जिन्होंने चुनाव से पहले सर्वेक्षणों में बड़े अंतर को उलटने में मदद की। उदाहरण के लिए एंटोफगास्टा के उत्तरी क्षेत्र, जहां वह पहले दौर के मतदान में तीसरे स्थान पर रहे, में उन्होंने कास्त को लगभग 20 अंक हासिल किए।
वहीं उनके प्रतिद्वंदी धार्मिक रोमन कैथोलिक और नौ बच्चों के 55 वर्षीय पिता कास्ट 2017 में 8 प्रतिशत से कम वोट हासिल करने बाद दक्षिणपंथ में उभरे। इस चुनाव में उन्होंने रूढ़िवादी पारिवारिक मूल्यों पर जोर देने वाले विभाजनकारी प्रवचन दिए। इसके साथ ही उन्होंने मतदाताओं में यह भी डर पैदा करने की कोशिश की कि हैती और वेनेजुएला से प्रवासियों की वृद्धि हो रही है जिससे अपराध बढ़ रहे हैं।