तालिबानी जुल्म की खौफनाक तस्वीर,प्रदर्शन कवर कर रहे पत्रकारों को पीट-पीटकर किया लहूलुहान
महिला प्रर्दशनकारियों और मौके पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को बुरी तरह से पीटा गया, कई पत्रकारों को हिरासत में लेकर उनके साथ बर्बरता की सारी हदें पार की गईं..
जनज्वार। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही उनकी बर्बरता की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। अब पत्रकारों पर तालिबानी जुल्म की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसे देख उनकी बर्बरता की भयावहता स्पष्ट होती है। तालिबान ने कल बुधवार को काबुल में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे पत्रकारों पर यह जुल्म ढाया है। तालिबान द्वारा पत्रकारों को हिरासत में लेकर इस बुरी तरह से पीटा गया है और उन्हें लहूलुहान कर दिया। अब ये पत्रकार चल भी नहीं पा रहे हैं।
तालिबानी शासन शुरू होने के साथ ही महिलाओं और बच्चियों पर बेशुमार पाबंदियां लगाने के बाद तालिबान अब पत्रकारों के पीछे पड़ गया है। कहा जा रहा है कि तालिबान को पाकिस्तान का खुला समर्थन प्राप्त है और अब यह भी साफ हो गया कि तालिबान महिलाओं को अपने शासन में किसी भी तरह की हिस्सेदारी नहीं देनेवाला है। इसी के विरोध में मंगलवार को अफगानिस्तान के काबुल में महिलाएं सड़क पर प्रर्दशन करने उतरीं थीं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि महिला प्रर्दशनकारियों और मौके पर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों को यहां पर बुरी तरह से पीटा गया। कई पत्रकारों को हिरासत में लेकर उनके साथ बर्बरता की सारी हदें पार की गईं।
तालिबान द्वारा पत्रकारों की पिटाई की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह तालिबानियों नें अपना काम कर रहे पत्रकारों के साथ क्रूरता की। सोशल मीडिया पर तालिबानी जुल्म के शिकार पत्रकारों की तस्वीर अफगानिस्तान को कवर कर रहे न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार शरीफ हसन द्वारा साझा की गई है। तस्वीरों को पोस्ट करते हुए शारीफ हसन लिखते हैं,
"एतिलाट्रोज समाचार के दो पत्रकारों को पर्दशन कवर करने के दौरान हिरासत में ले लिया गया, और फिर बुरी तरह पीटने के बाद छोड़ दिया गया। एक ठीक से चलने के हालत में भी नहीं है। ये तस्वीरे उक्त समाचार पत्र के पब्लिशर द्वारा पोस्ट की गई है। "
तालिबान द्वारा पीटे गए दोनों पत्रकारों की आज एक अन्य तस्वीर साझा करते हुए पत्रकार शरीफ हसन लिखते हैं, "@yamphoto द्वारा खींचीं गई दोनों पत्रकारों की तस्वीर जिन्हें कल काबुल में हिरासत में लेकर यातनाएं गई और पीटा गया।"
वहीं, तस्वीरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। तसवीरों ने देश- विदेश के लोगों को झकझोर कर रख दिया है। तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि दोनों पत्रकारों के पीठ पर गहरे जख्म के निशान हैं जो काफी भयावह हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को प्रर्दशन कर रहे लोगों को हटाने के लिए तालिबान लड़ाकों द्वारा गोलीबारी की गई और प्रदर्शन को कवर कर रहे कई अफगान पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन तस्वीरों ने लोगों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है और दुनिया को तालिबान की क्रूरता दिखा दी है। इस घटना के बाद लोग यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि तालिबान का विरोध करने वालों के साथ तालिबान कैसा बर्ताव करेगा।
मंगलवार को काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के सामने अफगानी मामलों में पाकिस्तान के कथित हस्तक्षेप के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। सोशल मीडिया पर तालिबान के खिलाफ कई पोस्ट भी किए गए हैं जिसमें पत्रकारों को रिहा करने की मांग की गई है।
घटना के बाद, सिर्फ अफगानिस्तान में ही नहीं बल्कि, भारत समेत पूरी विश्व में तालिबान का विरोध करते हुए लोग सड़क पर मार्च करते हुए दिखे।
मंगलवार को हुई घटना के बाद तालिबान ने विरोध प्रदर्शनों पर कई तरह की पांबदियां लगा दी है। अफगानी मीडिया के अनुसार, किसी भी तरह के प्रदर्शन से पहले अब न्याय मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी। इसके आलावा प्रदर्शन करने का मकसद, जगह, समय, विरोध में इस्तेमाल होने वाले नारे आदि का ब्योरा भी सुरक्षा एजेंसियों को देनी होगी।
गौरतलब है कि यह कोई पहली घटना नही है जब तालिबान नें पत्रकारों पर जुल्म किया हो। इससे पहले भी पिछले महीने काबुल पर कब्जे के बाद से खबरे आ रही हैं कि तालिबान आये दिन पत्रकारों के साथ मारपीट करता है और तालिबान के खिलाफ कुछ भी लिखने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जाती है।
ऐसे ही एक मामले में जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले ने जानकारी दी कि तालिबानी लड़ाकों ने उसके एक पत्रकार को पकड़ने के लिए घर-घर जाकर तलाशी ली और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी।