Islamic Terrorist Attack : 3 इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर बांग्लादेशी हिंदू, 9 साल में 3721 हमले
Islamic Terrorist Attack : बांग्लादेश में तीन ऐसे इस्लामिक संगठन हैं जिनका धार्मिक हमलों में सक्रिय भूमिका रहती है। इन संगठनों में अंसरुल्लाह बांग्ला टीम, हिफाज़त-ए-इस्लाम और जमात उल मुजाहिदीन का नाम शामिल है।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू लगातार कट्टरपंथी संगठनों के निशाने पर हैं। बीते दिनों दशहरा के विजयदशमी के दिन बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे। बांग्लादेश के नौवाखाली जिले में इस्कॉन मंदिर पर कट्टरपंथियों ने हमला किया था जिसमें एक सदस्य की मौत हो गई थी। हालांकि, ये कोई पहली घटना नहीं थी। इससे पहले 9 साल में बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं पर 3721 हमले हो चुके हैं।
भारत हिंसा से अछूता नहीं
शेख हसीना और उनके मंत्री लगातार धार्मिक सदभावना की बात करते हैं। विजयदशमी के दिन हिंसा पर भी शेख हसीना कहा था कि दोषी कोई भी हो बख़्शा नहीं जाएगा। लेकिन फिर भी अल्पसंख्यकों की घटना कम नहीं हो रही है। वैसे, एक और बात बता दे सिर्फ बांग्लादेश में ही नहीं साउथ एशिया के बहुत से देशों अल्पसंख्यक के ऊपर अत्याचार हो रहा है। कई देशों में तो अल्पसंख्यको के नरसंहार भी हुए है। बांग्लादेश में हिंदू, पाकिस्तान में हिन्दू, अहमदिया और बलूच, श्रीलंका में तमिल और म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं। इससे भारत भी अछूता नहीं यहां भी अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। तमाम ऐसे राइट विंग संगठन है जिसके निशाने पर अक्सर अल्पसंख्यक होते हैं।
खैर, अभी बांग्लादेश की बात करें तो प्रमुख रूप तीन ऐसे इस्लामिक संगठन हैं जिनका धार्मिक हमलों में सक्रिय भूमिका रहती हैं। इन संगठनों में अंसरुल्लाह बांग्ला टीम, हिफाज़त-ए -इस्लाम और जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश का नाम शामिल है।
जानिए, ये कब बने और कौन हैं इनके कर्ताधर्ता
अंसरुल्लाह बांग्ला टीम, सरगना - मुहम्मद जसीमुद्दीन रहमानी
रहमानी ढाका की एक मस्जिद में इमाम था। 2008-2013 तक यानी पांच साल में उसने ये संगठन खड़ा किया था। अंसरुल्लाह बांग्ला टीम की वेबसाइट के जरिए वह अपने विचारों का प्रचार—प्रसार करता था। इस वेबसाइट का सर्वर पाकिस्तान में है। फेसबुक पर इस नाम पेज अभी भी मौजूद है। ये वहां मुसलामनों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काने काम करता है। 2013 में बांग्लादेश में सेक्युलर ब्लागर्स की निर्मम हत्याओं के बाद पहली बार सामने आया। 2015 में एक बड़ी बैंक डकैती में शामिल होने के बाद बांग्लादेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया।
हिफाजत-ए-इस्लाम, सरगना - महिबुल्लाह बाबूनागरी
2010 में मदरसा शिक्षकों व छात्रों ने बनाया था। फंडिंग पाकिस्तान करता है। 2009 में बांग्लादेश सरकार ने महिला विकास नीति का मसौदा तैयार किया था, जिसका कट्टरपंथी गुटों ने विरोध किया और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। इसी के बाद ये संगठन पूरी दुनिया में चर्चा में आ गया था। इसी साल मार्च-अप्रैल में एक युवक ने जॉइंट सेकेट्री ममुनुल हक की आलोचना करते हुए वीडियो अपलोड कर दिया था। विरोध में 80 हिंदुओं के घर फूंक दिए गए। इसी संगठन ने पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे पर दंगे भड़काए और हिंसा की।
हिफाजत-ए-इस्लाम, सरगना - माहिबुल्लाह बबुनागरी
2010 इस कट्टरपंथी संगठन को मदरसा शिक्षको व छात्रों ने बनाया। फंडिंग पाकिस्तान करता है। 2009 में बांग्लादेश सरकार ने महिला विकास निति का मसौदा तैयार किया था, जिनका कट्टरपंथी गुटों ने विरोध किया और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। इसी के बाद ये संगठन चर्चा में आ गया था। इसी साल मार्च -अप्रैल में एक युवक ने जॉइंट सेकेट्री ममुनुल हक़ की आलोचना करते हुए एक वीडियो अपलोड कर दिया था। इसके विरोध में 80 हिन्दुओ के घर फुक दिए गए। इसी सगठन ने पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे पर दंगे भड़काए और हिंसा की।
जमात -उल -मुजहिदीन बांग्लादेश , सरग़ना - मौलाना सैदुर रहमान
जमात -उल -मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) 1998 में था। 2005 में तब सुर्खियों में आया, जब बांग्लादेश के 64 जिलों में करीब 500 सिलसिलेवार धमाके किए। इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने इस संगठन के सभी प्रमुख सदस्यों का सफाया कर दिया था। 2010 तक ये माना जाने लगा था कि ये सगठन खत्म हो चुका है। हालांकि, 2014 में इस संगठन की मौजूदगी तब पता चली जब वर्दवान में गलती से एक विस्फ़ोट हुआ था। फिर संगठन के खुफ़िया ठिकाने सामने आए। 2016 में जेएमबी के ही एक गुट ने ढाका की होली आर्टिजन बेकरी में विस्फोट किया था।
हर साल हिंदुओं पर लगभग 413 हमले
1. अग्रणी राइट्स ग्रुप आइन ओ सेलिश के मुताबिक़ बीते 9 साल में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ के 1678 केस दर्ज हुए। साल 2014 सबसे भयवाह रहा जिसमें हिन्दुओं के 1201 घर उजाड़े गए।
2. बांग्लादेश में सितंबर, 2021 तक हिंदुओं के 196 घर, ट्रेडिंग सेंटर और मंदिर उजाड़े जा चुके हैं।
3. जनवरी, 2013 से सितंबर 2021 के बीच हुई तोड़फोड़ की कुल घटनाओं में सबसे ज्यादा 45. 11 % में मंदिरों, मूर्तियों और प्रतिमाओं को निशाना बनाया गया। जबकि 42.35% घटनाएं अल्पसंख्यक हिन्दुओं के घरों पर हमलों की हैं।
4. न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान करीब 18 हज़ार बड़ी आपराधिक वारदात हुईं। करीब एक हज़ार हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म और 200 के साथ गैंगरेप जैसी घटना हुई। इसके बड़ी संख्या में हिंदू भारत में पलयान कर आए।