जो बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद पहले भाषण में क्या कहा?
जो बाइडेन सबसे अधिक उम्र के अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं, जबकि कमला हैरिस पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं। बाइडेन ने अपने पहले भाषण में अमेरिका की एकजुटता पर जोर दिया...
जनज्वार। डेमोक्रेटिक पार्टी के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण किया। उनके साथ ही भारत से संबंध रखने वाली कमला हैरिस ने अमेरिका की उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। इन दोनों नेताओं के शपथ ग्रहण के साथ अमेरिका में दो रिकार्ड भी बना। 78 वर्षीय जे बाइडेन अबतक सबसे अधिक उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले शख्स हैं, जबकि कमला हैरिस पहली महिला राजनेता हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रति पद तक पहुंची हैं।
वाशिंगटन डीसी स्थित यूएस कैपिटल में आयोजित इस समारोह में जो बाइडेन अपनी पत्नी जिल जैकोब के साथ पहुंचे, जबकि कमला हैरिस अपने पति डोउग इमहोफ के साथ कार्यक्रम में पहुंचीं। शपथ ग्रहण के मौके पर प्रसिद्ध अमेरिकी गायिका लेडी गागा ने अमेरिका का राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले संबोधन में बाइडेन ने कहा कि यह जनवरी का दिन है और उनकी पूरी आत्मा अमेरिका को एक साथ लाने, अपने लोगों को एकजुट करने और अपने राष्ट्र को एकजुट करने में लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि हमें विभाजित करने वाली ताकतें गहरी हैं और वे वास्तविक हैं, लेकिन मुझे यह भी पता है कि वे नए नहीं हैं। अमेरिका के नव नियुक्त राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने पहले संबोधन में कहा कि हमारा इतिहास अमेरिकी आदर्श के बीच एक निरंतर संघर्ष का रहा है।
उन्होंने कहा कि आज कमला हैरिस अमेरिकी इतिहास में पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं इसलिए ये मत कहिए कि चीजें बदल नहीं सकती।
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका का परीक्षण किया गया है और हम इसके लिए और मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमने एलायंस को मजबूत करेंगे और एक बार फिर से जुड़ेंगे। अतीत के कल की चुनौतियों के लिए नहीं बल्कि आज और आने वाले कल की चुनौतियों के लिए। हम अपनी शक्ति के उदाहरण से नहीं बल्कि अपने उदाहरण की शक्ति से आगे बढेंगे।
बाइडेन ने कहा कि वे संविधान की रक्षा करेंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे, अमेरिका की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा, मैं आपकी सेवा में वह सबकुछ रखूंगा जो सत्ता के लिए नहीं संभावनाओं के लिए है, व्यक्तिगत हितों के लिए नहीं बल्कि जनता की भलाई के लिए है।
बाइडेन ने कहा कि लोकतंत्र में जिस सबसे मुश्किल चीज की जरूरत होती है वह है एकता। उन्होंने कहा कि हमने फिर से सीखा है कि लोकतंत्र कीमती होता है, लोकतंत्र नाजुक होता है और वह कायम है। उन्होंने कैपिटल हिल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले यहां हुई हिंसा ने कैपिटल की नींव हिला कर रख दी थी, लेकिन आज हम एक राष्ट्र के तौर पर साथ हैं, ईश्वर के साये में हम शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता का हस्तांतरण कर रहे हैं जैसा हम दो सदियों से करते आए हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी और व्हाइट सुप्रीमेसी का बढना चुनौती होगा और वे उसका सामना करेंगे व उसे हराएंगे। डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह की कुछ घटनाओं ने हमें सीखाया कि यहां सच भी है, झूठ भी है। उन्होंने कहा कि शक्ति और लाभ के लिए झूठ बोले गए।
शपथ ग्रहण समारोह में डोनाल्ड ट्रंप शामिल नहीं हुए, हालांकि पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जार्ज बुश व बराक ओबामा शामिल हुए और बाइडेन ने पूर्व के नेताओं के आभार व्यक्त किया। हालांकि ट्रंप प्रशासन के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।