S.Jaishnakar : 'क्या मोदी मुस्लिम विरोधी हैं और क्या वे हिन्दू राष्ट्र बना रहे हैं?' पत्रकार ने पूछा सवाल तो विदेश मंत्री ने दिया ये जवाब
S. Jaishnakar : पत्रकार ने विदेश मंत्री से सवाल किया कि आपको यह बात पसंद आए या नहीं, लेकिन एक गहरी धारणा है कि हिंदू राष्ट्रवाद की बहुत बातें हो रही हैं, कुछ किताबें छापी जा रही हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी हैं....
S. Jaishnakar : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Govt Of India) पर विपक्षी दलों की ओर से आरोप लगते रहते हैं कि वह हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रही है और एक समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बना रही है। सत्ताधारी भाजपा सरकार पर आरोप लगाते जाते हैं कि वह भारत को हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) बनाने की ओर ले जा रही है और देश का सेक्युलरिज्म खतरे में है। लेकिन अब यही सवाल दुनियाभर के लोगों को चिंतित करने लगा है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें विदेशी पत्रकारों के हिंदू राष्ट्रवाद और सेक्युलरिज्म के सवालों का जवाब देते हैं।
दरअसल एक पैनल डिस्कशन के बाद विदेशी पत्रकार उनसे सवाल करता है कि आपने भारत में हुए कई पॉजिटिव बदलाव बताए...लेकिन एक बदलाव ऐसा है जो हमें चिंतित कर रहा है और जिसे हम महसूस कर रहे हैं वह यह है कि संविधान और सेक्युलर स्टेट के प्रति प्रतिबद्धता और हिंदू राष्ट्रवाद का राजनीतिकरण और उसका उदय। इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर कहते हैं- 'देखिए न तो मैं आपके विश्लेषण से सहमत हूं और न ही इससे उठने वाले सवाल से। मैं इसको अलग तरह से सामने रखूंगा, हमने आजादी के सत्तर सालों के बाद जो देखा है, वह दरअसल भारत के लोकतंत्रीकरण के नतीजे हैं।'
'मतलब आजतक राजनीतिक ताकत, सामाजिक ताकत और कुछ हद तक आर्थिक ताकत हमारे देश के बड़े शहरों में थी जहां लोग इग्लिश बोलते थे। जहां उन्हें मेरे जैसे लोगों की तरह आराम मिलता है, ये ताकतें उनके हाथ से निकलकर दूसरी तरह के लोगों के हाथों में चली गई हैं। ये ऐसे लोग हैं जो अपनी मातृभाषा बोलते हैं और अपनी संस्कृति की जड़ों से जुड़े रहते हैं। मेरी समझ में भारत में जो बदलाव आ रहे हैं, वो असल में लोकतंत्र की जमीनी स्तर की ताकत है, इसलिए मैं नहीं मानता हूं कि सेक्युलरिज्म खतरे में है।'
जयशंकर जवाब में आगे कहते हैं, 'सेक्युलरिज्म कोई कानून नहीं है और न ही कोई संवैधानिक विश्वास है। सेक्युलरिज्म हमारी सोसायटी का लोकाचार है, विचारधारा है और अगर हमारे समाज का लोकाचार सब धर्मों को साथ लेकर चलने का नहीं होता तो कोई भी कानून और संविधान इसे सुनिश्चित नहीं कर पाता। मुझे नहीं लगता कि हमारे समाज का लोकचार बदला है और भारत और हिंदुओं का लोकाचार बहुत ही सेक्युलर है।'
इसके बाद उनसे दूसरा पत्रकार सवाल करता है कि भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है और एशिया में सबसे ज्यादा है। आपको यह बात पसंद आए या नहीं, लेकिन एक गहरी धारणा है कि हिंदू राष्ट्रवाद की बहुत बातें हो रही हैं, कुछ किताबें छापी जा रही हैं। जिनमें कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुस्लिम विरोधी हैं। मेरा सीधा सवाल है कि भारत और आप दुनियाभर में इस्लाम को कैसे संभालेंगे? इसके जवाब में वह कहते हैं- मैं नहीं जानता कि क्या आपको पता है या नहीं कि हमारे पास एक राष्ट्रीय संस्था है, जिसकी भारत में अच्छी पहचान और पकड़ है, उसका नाम है- जमीयत उलेमा ए हिंद। उनकी अभी सालाना मीटिंग हुई और वे बड़ा खुलकर कश्मीर में हो रहे बदलावों के पक्ष में बोले। मुझे नहीं लगता कि कश्मीर मुद्दे को धर्म के दृष्टिकोण देखा जाना चाहिए। अगर भारत में हो रहे बदलावों को देखें तो मैं कहूंगा कि भारत का आधुनिकीकरण हो रहा है और वो भी एक बड़े रोचक तरीके से। इसमें राज्य का कोई हाथ नहीं है।'
'मेरे हिसाब से सरकार जो करती है वो स्मार्टफोन से छिप जाती है। आज के दिन किसी के हाथ में पैसा आता है तो वह मरेी तरह कार लेने की सोचता है। जिसकी उम्र 16-17 साल है, वो पैसा हाथ आते ही नया फोन लेने की सोचते हैं। आप एक ज्यादा शहरी समाज देख सकते हैं। एक ऐसा समाज जो मेरिट के हिसाब से लोगों को तोलता है। सामाजिक लाभ फैल रहे हैं। उसी समय आंतरिक बदलाव भी हो रहे हैं। मैं कहूंगा कि हमारे समाज में अब परंपरागत पहचान का वजन पहले से कम हो रहा है।'
विदेश मंत्री आगे कहते हैं- अगर आप जानना चाहो कि भारतीय राज्य और राजनीतिक पार्टियां कैसे अप्रोच करते हैं तो आप देख सकते हैं कि हमारे किस तरह पारदर्शी रिश्ते हैं। पिछले कुछ सालों को देखें तो खासतौर पर खाड़ी देश और आप जानते ही खाड़ी देशों में किस धर्म के लोग ज्यादा रहते हैं। मेरे ख्याल से वो लोग यह देखते भी हैं और समझते भी कि वे भारत के घरेलू मामलों में अपना इंटरेस्ट नहीं देखते हैं। मेरे को नहीं ल गता कि हमारा दुनियाभर के मुस्लिम समाज के साथ कोई टकराव है या होगा।