नेपाल अब 7 साल बाद भारतीय महिलाओं को देगा नागरिकता, बढ़ सकता है तनाव

इस कानून को बनाने के पीछे ओली सरकार की एक ही मंशा है कि नेपाल और भारत के बीच में जो पारिवारिक संबंध है, जो खून का रिश्ता है उसे भी खत्म कर दिया जाए...

Update: 2020-06-21 03:43 GMT

जनज्वार। भारत और नेपाल के बीच नक्शा विवाद का असर अब दोनों देशों के बीच सैकड़ों सालों से चले आ रहे रोटी-बेटी के रिश्ते पर भी पडऩे लगा है। नेपाल सरकार ने विवादित नक़्शे को संसद से पास कराने के बाद अब ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसके तहत अगर कोई नेपाल का नागरिक भारतीय गांव की लड़कियों से शादी करता है तो उस लड़की के सभी अधिकार समाप्त हो जाएंगे और भारतीय लड़कियों नेपाल की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 7 सालों तक इंतजार करना होगा।

शनिवार को प्रधानमंत्री निवास में हुई नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी की बैठक में नागरिकता संबंधी संशोधित कानून को संसद से पास कराने का फैसला किया गया है। चूंकि सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के पास लगभग दो तिहाई बहुमत है इसलिए संसद से यह कानून आसानी से पास हो जाएगा।

दोनों देशों के पारिवारिक संबंध खत्म करना की है मंशा

इस कानून को बनाने के पीछे ओली सरकार की एक ही मंशा है कि नेपाल और भारत के बीच में जो पारिवारिक संबंध है, जो खून का रिश्ता है उसे भी खत्म कर दिया जाए। देश में राजनीतिक और कूटनीतिक रिश्ते खत्म करने पर उतारू ओली सरकार अब दोनों देशों के बीच रहे पारिवारिक संबंध को खत्म करने की तरफ बढ़ रही है।

तुरंत नहीं मिलेगी नागरिकता

नए कानून के बाद यदि कोई नेपाल का नागरिक भारतीय गांव की लड़कियों से शादी करता है तो उस लड़की के सभी अधिकार समाप्त हो जाएंगे। नेपाल की नागरिकता उसे तुरंत नहीं दी जाएगी। नेपाल के नागरिक से शादी करके वहां जाने वाली भारतीय महिलाओं को अब नेपाल की नागरिकता प्राप्त करने के लिए 7 सालों तक इंतजार करना होगा।

राजनीतिक अधिकारों से रहना होगा वंचित

इस दौरान इन सात वर्षों तक नेपाल में भारतीय विवाहित महिलाओं को सभी प्रकार के राजनीतिक अधिकार से वंचित रहना होगा। एक तरह से देखें तो भारत के साथ नेपाल अपने उन रिश्तों के समाप्त कर लेना चाहता है, जो पिछले सैकड़ों सालों से दोनों देशों के बीच चली आ रही थी।

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