पाक पीएम इमरान खान को भारत के खिलाफ मिला बोलने का मौका, गुरुग्राम नमाज विवाद पर जता दी 'चिंता'
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुग्राम में नमाज पर रोक की निंदा करते हुए कहा है कि हमारी सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा के भाजपा शासित राज्यों में संघ परिवार के कट्टरपंथियों और अधिकारियों की मिलीभगत द्वारा मस्जिदों पर हमलों और तोड़फोड़ को लेकर चिंतित है।
नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से गुरुग्राम में नमाज ( Gurugram Namaz Controversy ) को लेकर जारी विवाद पर पाकिस्तान ने भारत सरकार को नसीहत दी है। पाक पीएम इमरान खान ( Pak PM Imran Khan ) ने इस मौके पर लपकते हुए इंडिया के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की है। दरअसल, हरियाणा के गुरुग्राम में स्थानीय प्रशासन ने हाल ही में स्थानीयों के विरोध का हवाला देते हुए 37 अलग-अलग स्थानों पर जुम्मे की नमाज अदा करने पर रोक लगाई दी है। इसको लेकर सीमा पार से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि हमारी सरकार उत्तर प्रदेश और हरियाणा के भाजपा ( BJP ) शासित राज्यों में संघ परिवार के कट्टरपंथियों और अधिकारियों की मिलीभगत द्वारा मस्जिदों पर हमलों और तोड़फोड़ के चलते चिंतित है।
त्रिपुरा हिंसा का भी किया जिक्र
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ( PMEA ) ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा कि यूपी और हरियाणा में मुस्लिम धार्मिक स्थलों को लेकर लगातार घृणित घटनाएं हो रही हैं। एक ऐसी ही घटना में कट्टरपंथी हिंदू समूहों द्वारा मुस्लिमों के पवित्र स्थल पर कथित तौर पर गाय के गोबर का भी इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय चिंताओं के बावजूद त्रिपुरा में मुस्लिमों और उनके धार्मिक स्थलों, घरों और बिजनेस पर लगातार हमले जारी हैं।
इस मुद्दे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बीजेपी शासित प्रदेशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघनों के खिलाफ आवाज उठाने वाले सैंकड़ों लोगों, वकीलों और पत्रकारों को यूएपीए जैसे कठोर कानूनों के तहत गिरफ्तार किया जा रहा है। साथ ही ऐसे लोगों को परेशान भी किया जा रहा है।
यूएन से की इस बात की अपील
पाक विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सहित भाजपा के कई कट्टरपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा मुस्लिमों की दुकानों, मस्जिदों और धर्मस्थलों पर हिंसक हमले भी किए गए हैं। इस मामले में पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील करता है कि बढ़ते इस्लामोफोबिया को रोकने के लिए वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करें। भारत में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ हिंसक हमलों को रोका जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए।
बता दें कि नवंबर 2021 में गुरुग्राम के स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि स्थानीय लोगों की सहमति देने के बाद ही नमाज अदा करने के लिए जगह तय की जाएंगी। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके में नमाज अदा करने को लेकर किसी तरह का विरोध न हो। पिछले शुक्रवार को संयुक्त संघर्ष समिति से जुड़े एक समूह ने सेक्टर 12ए के एक नमाज स्थल पर डेरा डाल लिया था। साथ ही एक वॉलीबॉल कोर्ट बनाने की बात कही थी। एक अन्य समूह ने सारहौल में एक पार्क में इकठ्ठा होकर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज कहीं और अदा करने के लिए मजबूर किया। इन घटनाओं के बाद गुरुग्राम के स्थानीय प्रशासन ने 37 सार्वजनिक स्थलों पर नमाज अदा करने पर रोक लगा दी थी।