Pakistan Political Crisis : इमरान खान ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकित किया

Pakistan Political Crisis : पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन (Newspaper The Dawn) ने भी रिपोर्ट दी है कि प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कहा गया है, 'मैं पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद के नाम पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में विचार करने का प्रस्ताव करता हूं...

Update: 2022-04-04 15:00 GMT

Pakistan Political Crisis : इमरान खान ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकित किया

Pakistan Political Crisis : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद (Gulzar Ahmad) को कार्यवाहक प्रधानमंत्री (Caretaker Prime Minister) पद के लिए नामांकित किया है। इमरान की ओर से यह प्रतिक्रिया तब आई है जब राष्ट्रपति (President) ने कुछ घंटे पहले इमरान खान और प्रतिपक्ष के नेता से कार्यवाहक प्रधानमंत्री (Caretaker Prime Minister) का नाम मांगा था।

दोनों तरफ़ से सहमति बनने के बाद ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री तय होंगे। हालांकि विपक्ष के नेताओं ने ऐसी किसी प्र​क्रिया में सम्मिलित होने से इनकार कर दिया है, जबकि इमरान ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए नाम भेजा है।

इसकी घोषणा इमरान ख़ान की पार्टी पीटीआई के नेता फवाद चौधरी (Fawad Choudhary) ने की। उन्होंने कहा कि प्रीमियर ने पीटीआई (PTI) की कोर कमेटी से मंजूरी के बाद निर्णय लिया है।

पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन (Newspaper The Dawn) ने भी रिपोर्ट दी है कि प्रधानमंत्री की ओर से राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में कहा गया है, 'मैं पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद के नाम पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में विचार करने का प्रस्ताव करता हूं।

आपको बता दें कि बीते रविवार 03 अप्रैल को पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से बचने के लिए इमरान खान ने एक दांव खेला था। अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग से पहले ही पाक नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने सदन को स्थिगित कर दिया था।

इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली (National Assembly) को भंग कर नए चुनाव कराने की अनुशंसा कर दी थी। इसके बाद राष्ट्रपति (President) ने नेशनल असेंबली को भंग ​कर दिया था। इस घटना से विपक्षी नेताओं में काफी रोष हैं। विपक्षी नेताओं ने इस फैसले को लोकतंत्र के खिलाफ बताया था। इमरान खान बार-बार अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को विपक्षी साजिश बता रहे थे।

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