पाकिस्तान ने भारत के दो मजदूरों को पकड़कर बनाया नाटकीय वीडियो, मां-बाप ने कहा जासूसी का आरोप झूठा

इस वीडियो में दोनों युवक अपने-अपने बयान दे रहे हैं। दोनों के बयान देने के अंदाज से साफ झलक रहा है कि उनसे यह जबरन बुलवाया जा रहा है।

Update: 2020-06-17 15:04 GMT

जनज्वार ब्यूरो। पाकिस्तान सुरक्षाबलों ने एक बार फिर अपनी कायराना हरकत को दोहराया है। पाकिस्तानी सेना ने हमेशा की तरह पहले तो जम्मू-कश्मीर में भारतीय सीमा क्षेत्र से सटे इलाकों से दो मजदूर युवकों का अपहरण कर लिया और फिर उनपर जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। दोनों युवक कई सालों से अपने घरों से लापता थे पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वह दावा करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि भारत ने दो लड़कों को पाकिस्तान में जासूसी के लिए एलओसी पार करवाया। एलओसी पार करते ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

इस वीडियो में दोनों युवक अपने-अपने बयान दे रहे हैं। दोनों के बयान देने के अंदाज से साफ झलक रहा है कि उनसे यह जबरन बुलवाया जा रहा है। वहीं पाकिस्तान के कब्जे में फंसे इन भारतीयों के परिजनों के बयान भी सामने आए हैं जिसमें वह दोनों वापस अपने घरों को भेजने की अपील करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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फिरोज अहमद लोन के पिता ने कहा कि 2018 में मेरा बेटा गायब हुआ। तब से आजतक पता नहीं चला। एक वायरल वीडियो से मालूम चल गया कि वो पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के कब्जे में है। उसपर इल्जाम लगाया जा रहा है कि वो जासूसी करने आया था। ये सब झूठ है। मैं दोनों मुल्कों से आग्रह करता हूं कि मेरा बेटा वापस कर दिया जाए।

नूर मोहम्मद वानी के चाचा ने कहा कि उसने नौंवी तक की पढ़ाई की है। इसलिए वह मजदूरी के सिलसिले में कहीं भी जा रहा था। 2015 से आजतक उसका घर से कोई संपर्क नहीं रहा। पाकिस्तानी सेना की ओर से एक वीडियो वायरल किया गया है जिसमें यह दिखाया गया है कि दो नामी लड़कों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसमें वह कहते हैं कि हिंदुस्तान की आर्मी ने उन्हें जासूसी के सिलसिले में भेज दिया है।

'इन लड़कों पर यह आरोप जबरन थोप दिए गए हैं और उनसे जबरन बयान दिलवाया जाता है कि हिंदुस्तान की आर्मी ने भेजा है। आजतक ये लड़के ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे। ये लड़के पाकिस्तान कैसे पहुंचे, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है। हमने अपने भतीजे की कहीं भी रिपोर्ट नहीं लिखवाई थी क्योंकि वह मजदूरी के लिए कहीं भी चले जाता था। मेरी हिंदुस्तान और पाकिस्तान की दोनों सरकारों से आग्रह है कि दोनों लड़कों को जासूस न समझकर छोड़ दिया जाए। आरोप बेबुनियाद है।'

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