Pakistans political crisis : 4 साल में अर्श से फर्श तक कैसे पहुंचे इमरान, किसने दिया बुलेट प्रूफ शील्ड पहनने का सुझाव

Pakistans political crisis : इमरान खान आजकल जो भी निर्णय लेते हैं वो उनके खिलाफ ही जाता है। उन्होंने सेना को चिट्ठी बम से काबू में करने की कोशिश की तो इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने चिट्टी जारी करने पर रोक लगा दी। जन सैलाब के जरिए सियासी दबाव बनाने के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।?

Update: 2022-03-31 02:51 GMT

पाकिस्तान पीएम इमरान खान । 

Pakistans political crisis : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) के सितारे पिछले कुछ समय से गर्दिश में हैं। आजकल वो जो भी निर्णय लेते हैं वह उनके खिलाफ जाता है। उन्होंने सेना को चिट्ठी बम ( Letter Bomb ) से काबू में करने की कोशिश की तो इस्लामाबाद हाईकोर्ट ( Islamabad High Court ) ने चिट्टी जारी करने पर रोक लगा दी। जन सैलाब के जरिए सियासी दबाव बनाने के खिलाफ विपक्ष ने पाक नेशनल असेंबली ( Pakistan national Assembly ) में अविश्वास प्रस्ताव ( No Confidence Motion ) पेश कर दिया। पाकिस्तान में इमरजेंसी लगाने और देश को संबोधित करने की बात सामने आई तो पाक आर्मी ( Pak Army ) जनरल और आईएसआई डीजी ने बुधवार शाम को मुलाकात उनकी दोनों ख्वाहिशों पर पानी फेर दिया। अब पीटीआई ( PTI ) के एक कद्दावर नेता ने कहा है कि उनकी जान को खतरा है। हालात यह है कि वो पिछले चार साल में अर्श से फर्श पर आ गए हैं।

संकट में साथियों ने छोड़ा साथ

फिलहाल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( Imran Khan ) अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी कुर्सी बचती नजर नहीं आ रही है। चीन ने उनके पक्ष में यहां तक कह दिया कि अगर पाकिस्तान ( Pakistan ) में सियासी उथल-पुथल अमेरिका की साजिश है तो हम इमरान खान के साथ हैं। इसके बावजूद 30 मार्च को इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सहयोगी पार्टी MQM ने भी विपक्ष का दामन थाम लिया। इसके बाद उनकी सरकार अल्पमत में आ गई है।

Pak नेशनल असेंबलली का सियासी गणित

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल सदस्यों की संख्या 342 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 172 सदस्यों की जरूरत होती है। चार साल पहले जब इमरान खान सत्ता पर काबिज हुए थे तो उन्हें 179 सदस्यों का समर्थन हासिल था। MQM के विपक्ष के साथ जाने के बाद इमरान के पास 164 सदस्यों का समर्थन बचा है। कहा जा रहा है कि पीटीआई के 30 से ज्यादा सांसद खुलकर विरोध में आ गए हैं। फिलहाल इमरान दावा कर रहे हैं कि उनके पक्ष में PTI के 155, PMLQ के 4, GDA के 3, BAP के 1 और AML का एक सदस्य हैं।

पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों की बात करें तो विपक्ष को 175 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। इसमें PMLN के 84, PPP के 56, MQMP के 7, MMA के 14, निर्दलीय 3, PML-Q का 1, ANP का 1, BNPM के 4, BAP के 4 और JWP का 1 सदस्य शामिल है।

सेना भी नहीं है इमरान के साथ

पाकिस्तान में ताजा सियासी समीकरण यह है कि इमरान खान ( Imran Khan ) के साथ वहां की सेना भी नहीं है। अभी तक इमरान सेना के दम पर सियासी संकटों से उबरते आये हैं। लेकिन इस बार सेना ने उनसे अपना हाथ खींच लिया है। 2018 में पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए इमरान खान अब अपनी ही फौज को हजम नहीं हो पा रहे हैं। इसकी नजराना हाल ही में इमरान के उस बयान से भी मिल गया जब उन्होंने भारतीय सेना की तारीफ कर दी। सेना को एक चिट्ठी जारी करने की चेतावनी दे दी। साथ ही इमरान ने कहा था कि भारत की सेना सरकार के फैसलों में दखल नहीं देती है।

सियासी चक्रव्यूह में ऐसे फंसे इमरान

बता दें कि चार साल पहले इमरान खान ( Imran khan ) ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी। 2019 में इमरान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ा दिया। यहां तक सबकुछ ठीकठाक चलता रहा। लेकिन अफागानिस्तान में जिस अंदाज में उन्होंने आईएसआई चीफ को तालिबान संकट का समाधान के लिए भेजा, सेना उनसे नाराज हो गई। अक्टूबर 2021 में आईएसआई चीफ के ट्रांसफर को लेकर इमरान और बाजवा के बीच तनातनी शुरू हुई, जो बाजवा द्वारा नए आईएसआई के डीजी नियुक्त करने के बाद से चरम पर पहुंच गई है।

इसके बाद जनवरी 2022 में इमरान खान ने सेना पर विपक्ष के साथ सियासी डील करने का आरोप लगा दिया। 10 मार्च 2022 को पाक आर्मी ने कहा कि सेना तटस्थ है। इस बयान के बाद से इमरान नाराज चल रहे हैं और कुसी बचाने में जुटे हैं। दूसरी कुछ सहयोगी भी उनसे दूर हो गए हैं। पीटीआई के दर्जनों सांसदों ने उनके खिलाफ बिगुल फूंक रखा है।

पाक में हीरो से जीरो कैसे हुए

दरअसल, इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता से बड़े बड़े वादे किए थे। सत्ता में आने के बाद एक भी वादे पूरे नहीं हुए। उलटे पाकिस्तान कमजोर होता है। इमरान सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तानी रुपया बेहद कमजोर हुआ। महंगाई पाक के इतिहास में चरम पर है। 2018 के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 123 से गिरकर 177 पर पहुंच गया। बेरोजगारी दर 3 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी हो गई। एफएटीई ने ग्रे लिस्ट में डाल रखा है। वो पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकाल पाये। कट्टरपंथियों का जरूरत से ज्यादा समर्थन करने का दांव भी उनके खिलाफ गया। यानि इमरान खान चारों तरफ से घिर गए हैं।

किसने बताया पाक पीएम को जान का खतरा

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के वरिष्ठ नेता फैसल वावड़ा ने दावा किया है कि इमरान खान की जान को खतरा है। इसलिए उन्हें मेरी सलाह है कि वो बुलेट प्रूफ शील्ड का इस्तेमाल करें। इमरान खान की हत्या की साजिश रची जा रही है।

Tags:    

Similar News