Russia-Ukraine Crisis : SWIFT क्या है? क्यों हो रही इसकी चर्चा, इस हथियार का इस्तेमाल कर रूस को कितना नुकसान पहुंचाएंगे US और EU
Russia-Ukraine Crisis : दुनिया की प्रमुख संदेश सेवा SWIFT भारत समेत 200 से अधिक देशों में लगभग 11 हजार बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को जोड़ती है, इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है....
Russia-Ukraine Crisis : यूक्रेन के खिलाफ रूस (Russia) की ओर से युद्ध की घोषणा के बाद आज चौथा दिन है। दुनियाभर के मीडिया में इस वक्त यह युद्ध (Russia Ukrain War) कवर किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका और उसके सहयोगी देशों व साझेदारों ने स्विप्ट (SWIFT) से संबद्ध रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ पाबंदी लगाने का फैसला किया है। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को एक संयुक्त बयान जारी किया गया जिसके मुताबिक प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्ग की संपत्तियों का पता लगाने व उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित किय गया है।
SWIFT एक वैश्विक वित्तीय भुगतान तंत्र है। इसका पूरा नाम सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन है। SWIFT की स्थापना साल 1973 में की गई थी। यह वास्तविकता में धन के किसी भी हस्तांतरण को स्वयं नहीं संभालता है लेकिन इसकी संदेश प्रणाली बैंकों को तेजी से सुरक्षित और सस्ते में संचार करने का साधन प्रदान करती है। 1970 के दशक में टेलेक्स मशीनों पर भरोसा करने के लिए इसे विकसित किया गया था।
दुनिया की प्रमुख संदेश सेवा SWIFT भारत समेत 200 से अधिक देशों में लगभग 11 हजार बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को जोड़ता है। इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस को इससे बाहर किया गया है जो कि उसके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
SWIFT का उपयोग बैंक आपस में रकम के हस्तांतरण, ग्राहकों के लिए रकम के हस्तांतरण और संपत्ति के लिए ऑर्डर खरीदने और बेचने के बारे में मानकीकृत संदेश भेजने के लिए करते हैं। बेल्जियम स्थित गैर सूचीबद्ध फर्म SWIFT बैंको का एक कॉपरेटिव है जो तटस्थ रहने की घोषणा करता है। वित्तीय क्षेत्र में इसकी भूमिका प्रमुख रूप से आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने में भी रही है।
SWIFT के मुताबिक यूजर्स की संख्या के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद रूस ही दूसरे नंबर पर है। वहां इस सिस्टम से संबद्ध करीब तीन सौ रूसी वित्तीय संस्थान हैं। यानि रूस के आधे से ज्यादा वित्तीय संस्थान SWIFT के सदस्य हैं। हालांकि रूस के पास अपना घरेलू वित्तीय ढांचा भी है जिसमें बैंक हस्तारण के लिए एसपीएफएस सिस्टम और वीजा, मास्टर कार्ड सिस्टम के समान भुगतान के लिए मीर सिस्टम भी शामिल है।
SWIFT की ओर से बैंकों को हटाना एक कड़ा प्रतिबंध माना जाता है क्योंकि लगभग सभी बैंक इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। रूस अपने अहम तेल व गैस निर्यात के लिए इस प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है।
रूसी बैंकों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों से जुड़े बयान में कहा गया कि अमेरिका और उसके सहयोगी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि चुनिंदा रूसी बैंकों को SWIFT से हटाया जाए। इससे ये बैंक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से कट जाएंगे और इससे उनकी वैश्विक स्तर पर संचालन की क्षमता कमजोर होगी।