Russia Ukraine War : युद्ध रोकने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री पहुंचे रूस, क्या खत्म होने वाली है जंग?

Russia-Ukraine War : नफ्ताली बेनेट और व्लादिमिर पुतिन के बीच अचानक मुलाकात के बाद से कयासबाजी का दौर जारी है।

Update: 2022-03-06 03:19 GMT

(युद्ध रोकने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री रूस पहुंचे)

Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 11वें दिन भी जारी है। इस बीच यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए पूरी ताकत से जुटा रूस को समझाने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट अचानक रुस पहुंचकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों के बीच घंटों लंबी बातचीत हुई। इसके बाद बेनेट अपने देश लौटने की बजाय तुरंत जर्मनी के चांसलर से मिलने जर्मनी पहुंच गए।

दरअसल, रुस-यूक्रेन के बीच छिड़ी इस लड़ाई में नाटो का सदस्य जर्मनी ऐसा मुल्क है, जो रूस के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर है। जर्मनी ने पुतिन को खलनायक साबित करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। फिलहाल कूटनीतिक विशेषज्ञ ये आकलन लगा रहे हैं कि पुतिन-बेनेट के बीच कोई खिचड़ी जरुर पकी है। वरना नेफ्टाली को जर्मनी जाने की जरुरत ही नहीं होती।

नफ्ताली के अचानक पुतिन से मुलाकात के बाद से कयासबाजी का दौर जारी है। पुतिन नाटो देशों यानी यूरोप के लगाए आर्थिक प्रतिबंधों से रूस में आने वाली बदहाली का अंदाजा लगा चुके हैं। इसलिए ये माना जा रहा है कि उन्होंने इजरायली पीएम के जरिए नाटो देशों के पास युद्ध विराम करने से जुड़ी कुछ शर्तों का कोई खाका भेजा हो। हालांकि, इस बारे में इजरायल की तरफ से साफतौर कुछ भी नहीं बताया गया है। बेनेट के कार्यालय ने दोनों नेताओं की रूसी राष्ट्रपति कार्यालय में हुई मुलाकात की पुष्टि करते हुए सिर्फ इतना ही कहा है कि ये मुलाकात की घंटे तक चली।

भारत की तरह इजरायल भी रुस और यूक्रेन दोनों का ही मित्र राष्ट्र है। वो भी हमारी तरह ही किसी मुल्क को विनाश के रास्ते पर ले जाने के खिलाफ है। बताया जाता है कि रूसी सेना के भीषण हमलों को देखकर ही यूक्रैन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की ने बेनेट के आगे गुहार लगाई थी कि वे पुतिन से कहें कि बातचीत के जरिए इस संकट को हल किया जाए। उसके बाद ही बेनेट ने पुतिन से फोन पर चर्चा करके उन्हें यूक्रेन से बातचीत करने के लिए राजी किया था।

अपने कदम से पीछे नहीं हटने वाले पुतिन ने बेनेट की बात मानी ओर यूक्रेन से बात करने के लिए अपना प्रतिनिधि मंडल भी भेजा। रुस और यूक्रैन के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है, जो बेनतीजा रही है। सोमवार को तीसरे दौर की बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है। पोलैंड की सीमा के नजदीक बेलारूस में पिछले गुरुवार को हुई बातचीत में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार व्लादिमीर मेदिन्स्की ने कहा कि दोनों पक्षों की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। संघर्ष के राजनीतिक समाधान से संबंधित मुद्दों समेत एक-एक बात लिखी गई है. हालांकि उन्होंने विस्तार से इसकी जानकारी नहीं दी लेकिन इतना जरुर कहा कि उनकी ओर से आपसी सहमति बनी है।

रूस और यूक्रेन नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारे बनाने के अस्थाई समझौते पर पहुंच गए हैं। रूस के वरिष्ठ सांसद लियोनिद स्लुत्स्की ने कहा कि अगले दौर की बातचीत में समझौते हो सकते हैं, जिन्हें रूस और यूक्रेन की संसदों द्वारा अनुमोदित किए जाने की आवश्यकता होगी।

अंतराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी है कि इजराइल ने रूसी हमले की निंदा करते हुए यूक्रेन के साथ एकजुटता व्यक्त की है। यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी है। सामरिक विशेषज्ञ कहते हैं कि इजरायल फिलहाल एक साथ दो भूमिका निभा रहा है। पहला तो ये कि वो मध्यस्थता करके इस युद्ध को कहतम कराना चाहता है लेकिन साथ ही वह यूक्रेन की मदद करके रुस को ये भी संदेश दे रहा है कि उसे कमजोर समझने की गलती न करे। उनके मुताबिक अन्तराष्ट्रीय कूटनीति में इजरायल का ये अपनी तरह का अलग ही रवैया होता है। एक तरफ वो संकट का समाधान करवाने का पक्षधर होता है, तो वहीं अपने से कमजोर मित्र राष्ट्र का साथ देकर ताकतवर मुल्क को ये अहसास भी करा देता है कि उसे अकेला मत समझना। इजरायल भी उसके पीछे खड़ा है।

अब देखने वाली बात ये भी है कि रूसी सेना के भीषण हमलों के बावजूद यूक्रैन पूरी मजबूती से डटा हुआ है और वह अपनी हार मानने को भी तैयार नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की की तारीफ इसलिए भी की जानी चाहिए कि युद्ध के 10 दिन बीत जाने के बाद भी न तो वे खुद हिम्मत हारे हैं और न ही अपने देश के लोगों का हौसला पस्त होने दे रहे हैं।

जेलेंस्की ने शनिवार को यूरोप के प्रमुख शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि अगर यूक्रेन नहीं बचेगा तो पूरा यूरोप नहीं बचेगा। उन्होंने सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि चुप मत रहें। सड़कों पर निकलें। यूक्रेन का समर्थन करें। हमारी स्वतंत्रता का समर्थन करें। ये न केवल रूसी सैनिकों पर जीत होगी। ये अंधेरे पर प्रकाश की जीत होगी। बुराई पर अच्छाई की जीत होगी। जेलेंस्की की ऐसी बातों को सुनकर सचमुच दुनिया को भी ये अहसास हो रहा होगा कि ये लड़ाई है तूफान से दिये जलाने जैसी बात है।

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