Russia Ukraine War News : कीव से सेना हटाने के पीछे क्या है व्लादिमीर पुतिन मंशा?

Russia Ukraine War News : युद्ध रोकने के लिए जारी वार्ता के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वे न्यूट्रल रहेंगे, यानी यूक्रेन सैन्य गठबंधनों में शामिल नहीं होगा बशर्ते रूस बदले में सुरक्षा की गारंटी दे। पेंटागन ने कहा है कि कीव से रूसी सेना की वापसी के पीछे उसकी मंशा साफ नहीं है।

Update: 2022-03-30 01:47 GMT

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सेना को कीव से पीछे हटने को कहा 

Russia Ukraine War News : रूस ने यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War ) के बीच 34वें दिन भी युद्ध जारी है। इस बीच रूस ने अचानक कीव ( Kyiv ) और चेर्निहाइव से रूसी सेना को पीछे हटाने का काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि रूस ने एक दिन पहले यानि 29 मार्च को यह फैसला यूक्रेन के साथ बाचतीच ( Russia Ukraine Peace Talks ) का माहौल बनाने के लिए ऐसा किया है लेकिन यूक्रेनी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूसी सैनिक ( Russian Army ) अपने लक्ष्यों को पाने में नाकाम रहे हैं। वहीं एक चर्चा यह भी हे कि रूसी सेना अब दक्षिण और पूर्व में बढ़त बनाने के लिए उत्तर के कुछ क्षेत्रों में सेना को पीछे हटाने का फैसला लिया है।



पेंटागन ने कहा है कि कीव से रूसी सेना की वापसी के पीछे उसकी मंशा साफ नहीं है। पेंटागन का दावा है कि इसके पीछे रूस की रणनीतिक मंशा कुछ और है। 

रूस यूक्रेन युद्ध ( Russia Ukraine War )  के बीच अब चर्चा तो इस बात की भी है कि रूस जल्द ही यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है। युद्ध के कारण दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में देश के आर्थिक हालात को सुधारने का दबाव रूस और यूक्रेन दोनों पर बढ़ता जा रहा है।

रूसी सैनिकों को हटाने की एक वजह यह भी हो सकती है यूक्रेन ने रूए और नाटो के बीच में न्यूट्रल रहने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ( Volodimir Zelensky ) ने कहा कि वे न्यूट्रल रहेंगे, यानी यूक्रेन सैन्य गठबंधनों में शामिल नहीं होगा लेकिन बदले में सुरक्षा की गारंटी मिले। 

रूसी सेना को पीछे हटाने की ये है मुख्य वजह

1. रूस सेना की ओर से कहा गया है कि वह राजधानी कीव के चारों तरफ से इसलिए अपनी सेना को कम कर रहा है ताकि दोनों देशों के बीच बातचीत का सकारात्मक माहौल बन सके। तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल की तरफ से शांति वार्ता के दौरान राजधानी की सुरक्षा की गारंटी मांगे जाने के एवज में यह कदम उठाया गया है।

2. यूक्रेनी सेना ने कीव के पास स्थित इरपिन को रूसी सेना के कब्जे से आजाद करा लिया है। इरपिन के मेयर ओलेक्जेंडर मार्कुशिन ने इस बात का दावा किया है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे शहर पर अभी हमले होंगे। हम साहस के साथ इनका सामना करेंगे। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि यूक्रेनी फोर्सेज की एक स्पेशल यूनिट ने कीव की तरफ जा रहे रूसी सेना के एक 64 किलोमीटर लंहे काफिले को तबाह कर दिया।

3. पश्चिमी देशों का कहना है ​कि रूस अपनी सेना को रिग्रुप करने के लिए समय लेना चाहता है। जंग को शुरू हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है। रूसी सेना लगातार यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर रही है, लेकिन यूक्रेन झुकने तैयार नहीं हैं।

4. यूक्रेन की रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल किरीलो बुडानोव ने कहा कि कीव के आसपास रूस अपने सैन्य अभियान विफल रहा है। उसे इस बात का अहसास हो गया है कि जेलेंस्की सरकार को उखाड़ फेंकना असंभव है। यही वजह है कि पुतिन की सेना यूक्रेन के पूर्व और दक्षिण की ओर फोकस कर रही है।

5. दूसरी तरफ एक सच यह भी है कि ​​​​​​​यूक्रेन के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का पहला फेज खत्म हो चुका है। रूसी सैनिक अब यहां के पूर्वी डोनबास इलाके की आजादी पर फोकस करेंगे। डोनबास में रूस समर्थित अलगाववादी 8 साल से लड़ रहे हैं। रूसी सेना के जनरल स्टाफ के सीनियर रिप्रेजेंटिटिव सर्गेई रुडस्कोई ने कहा कि यूक्रेनी आर्म्ड फोर्सेस की वॉर कैपिसिटी में काफी कमी आई है। इसलिए हम अपने मुख्य लक्ष्य डोनबास की आजादी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि रूस डोनबास के डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दे चुका है।

6. यूक्रेन के खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानेव की माने तो व्लादिमिर पुतिन ( Vladimir Putin ) यूक्रेन को दो हिस्सों में बांटना चाहते हैं। पुतिन का मकसद कीव पर कब्जा करना और मुल्क को दो हिस्सों में बांटना है। ठीक वैसे ही जैसे नॉर्थ और साउथ कोरिया अलग हुए।

Russia Ukraine War News : फिलहाल रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता में अपनी सेना को पीछे बुलाने का ऐलान किया है। इसके बाद यूक्रेन की राजधानी कीव से सैनिकों को पीछे हटाना शुरू कर दिया गया है। इसमें रूसी बटालियन टैक्टिकल ग्रुप (BTG) भी शामिल है, जो यूक्रेन के राजधानी के आसपास के क्षेत्रों से पीछे हट रही है।

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