Russia Ukraine War : एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल क्यों बनी रूसी टैंकों के लिए काल, इसके डर से पीछे क्यों हटी पुतिन की सेना?

Russia Ukraine War : जेवलिन मिसाइल की वजह से रूस की सेना कीव को अब तक अपने कब्जे में नहीं ले पाई है। रूस को जैसे ही पता चला कि यूक्रेन के पास जैवलिन मिसाइल है डोनाबास से अपने टैंकों को पीछे हटा लिया।

Update: 2022-03-05 09:19 GMT

अमेरिकी एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल रूसी टैंकों के लिए बना काल।

Russia Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में पुतिन की सेना ने कहर बरपाकर जेलेंस्की के कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। दूसरी तरफ एक सच ये भी है कि यूक्रेन की कमतर आंकी जाने वाली सेना भी पहले दिन से ही पुतिन को कड़ी टक्कर दे रही है। यू्क्रेन की ओर से लगातार दावे किए जा रहे हैं कि उसने रूस के सैकड़ों बख्तरबंद वाहनों और टैंकों को नेस्तनाबूत कर दिया है। यूक्रेनी सेना के दावे पर पूरी तरह से ऐतबार करना मुश्किल है लेकिन यूक्रेनी सैनिकों के हाथों में अमेरिका की जो एंटी टैंक जैवलिन मिसाइल ( Anti Tank Javelin Missile ) है, उसकी क्षमता पर भरोसा करना ही पड़ेगा। ऐसा इसलिए कि इसी जैवलिन मिसाइल के दम पर यूक्रेन की सेना रूसी तोपखाने को तबाह कर रही है।

इतना ही नहीं, यूक्रेनी सेना इसके दम पर रूस के एयरक्राफ्ट ( aircraft )को भी ध्वस्त कर दे रही है। जैवलिन मिसाइल ( Anti Tank Javelin Missile ) की वजह से ही रूस की सेना कीव को अब तक अपने कब्जे में नहीं ले पाई है।

यूएस पत्रकार जैक मर्फी ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से दावा किया है कि यूक्रेनी सैनिकों के पास अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई एंटी टैंक मिसाइल जैवलिन (Anti Tank Javelin Missile ) है। यह मिसाइल रूसी टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने में सक्षम है। जैक मर्फी का दावा है कि इसी मिसाइल के दम पर यूक्रेन अब तक 280 रूसी बख्तरबंद वाहनों को तबाह कर चुका है। जबकि, उसने इन एंटी टैंक मिसाइलों से सिर्फ 300 फायर ही किए हैं। यानी इस यह मिसाइल 93 प्रतिशत मारक क्षमता से काम करती है। जैवलिन मिसाइल को रेथॉम मिसाइल्स एंड डिफेंस और लॉकहीड मार्टिन ने संयुक्त रूप विकसित की है। जैवलिन मिसाइल टारगेट को हमेशा ऊपर से हिट करती है।

टैंक के सबसे कमजोर हिस्से को करती है हिट

दरअसल, कोई भी टैंक या बख्तरबंद वाहन दोनों तरफ से मजबूत होता है। इसके अपेक्षाकृत उसका ऊपरी हिस्सा कमजोर होता है। मिसाइल को इसी तकनीकी से तैयार किया गया है कि वह टैंक के सबसे कमजोर हिस्से को टारगेट करके हमला करती है। जरूरत पड़ने पर इसके सीधे भी दागा जा सकता है।

एक अकेला सैनिक भी चला सकता है

एंटी टैंक जैवलिन मिसाइल ( Anti Tank Javelin Missile ) को इतना हल्का और संचालन में इतना कारगर बनाया गया है कि इसे एक अकेला सैनिक ही चला सकता है। एक सैनिक छोटी सी मिसाइल को अपने कंधे पर रखकर टारगेट को हिट कर सकता है। इसकी पहली खेप 2018 में यूक्रेन पहुंची थी। यह समझौता 75 मिलियन डॉलर का था। दूसरी खेप का अभी यूक्रेन की सेना को इंतजार है। अमेरिकी पत्रकार जैक मर्फी की माने तो जैसे ही रूसी सेना को पता चला कि यूक्रेन के पास जैवलिन मिसाइलें हैं, उन्होंने डोनाबास से अपने टैंकों को पीछे कर लिया।

जेवलिन के निशाने पर आ गए थे रूसी टैंक

रूसी सेना को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा कि शहरी क्षेत्रों में प्रवेश के बाद रूसी टैंक सीधे मिसाइलों की जद में आ गए और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। अमेरिका में बनी एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल (anti-tank Javelin missile) के दम पर यूक्रेन ऐसा कर पा रहा है। अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया का कहना है कि यह मिसाइल यूक्रेन को समीकरण को थोड़ा संतुलित करने में मदद कर रहा हैं। अमेरिका से मिल रही सैन्य मदद के बारे में बात करते हुए जकारिया ने कहा कि इन चीजों में से एक जो प्रभावी हो सकती हैं, वे है जेवलिन मिसाइलें। ये एक सामान्य यूक्रेनी सैनिकों को रूसी टैंकों पर हमला करने में मदद कर सकती हैं।

जेवलिन की दूसरी खेप का अभी यूक्रेन को है इंतजार

जेवलिन मिसाइल यूक्रेनी सेना की मांग रही है। यूक्रेन को 2018 में अमेरिका की ओर से इन मिसाइलों का पहला बैच मिला था। लेकिन दूसरे बैच के लिए यूक्रेन को 2019 से अब तक इंतजार करना पड़ रहा है। अमेरिका ने यूक्रेन को 350 मिलियन डॉलर के हथियारों की मदद का ऐलान किया है। हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि क्या इस मदद में एंटी टैंक जेवलिन मिसाइल शामिल है या नहीं।

यूक्रेन के लिए जेवलिन मिसाइल जरूरी क्यों

यह दुनिया की सबसे एडवांस पोर्टेबल एंटी टैंक मिसाइलों में से एक है। इसकी रेंज 5 किलोमीटर है। यह टैंक और बख्तरबंद वाहनों पर हमले के लिए शक्तिशाली है। इससे आसानी से सैनिक टैंक को निशाना बना सकते हैं। जेवलिन को पूर्वी यूक्रेन के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में रूसी समर्थित अलगाववादी समूहों के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए तैनात किया जाना था। जेवलिन युद्ध के लिए काफी अहम मानी जाती है।

इराक, अफगानिस्तान और सीरिया

जेवलिन मिसाइल ( Javelin Missile ) का इस्तेमाल इराक, अफगानिस्तान और सीरिया में संघर्षों के दौरान बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे शहरी युद्ध के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। वर्तमान स्थिति में जब रूसी टैंक यूक्रेन की इमारतों से घिरी सड़कों पर नजर आ रहे हैं, तब यह महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

दुनिया में 20 देशों के पास है ये मिसाइल

जेवलिन मिसाइल का इस्तेमाल फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, यूएई, ताईवान, ब्रिटेन जैसे 20 देश कर रहे हैं। यह सबसे शक्तिशाली एंटी टैंक मिसाइलों में से एक है। ऐसे में चीन भी इसी से मिलती जुलती खूबियों वाली मिसाइल का इस्तेमाल कर रहा है। इसका इस्तेमाल टैंक, हथियारबंद वाहन को निशाना बनाने में किया जाता है। जबकि डायरेक्ट मोड में मिसाइल इमारत, कम ऊंचाई पर उड़ने वाली वस्तुओं या बंकरों को निशाना बना सकती है।

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