Russia-Ukrane war : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को चेताया, रूस की मदद की तो भुगतना पड़ेगा अंजाम

Russia-Ukrane war : अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है यूक्रेन में रूस आम नागरिकों के खिलाफ क्रूर हमले कर रहा है। व्हाइट हाउस की ओर से हालांकि यह नहीं बताया गया कि अगर चीन का रुख नहीं बदलता तो उसे क्या परिणाम भुगतने होंगे या बाइडन ने चीन से रूस-यूक्रेन मुद्दे पर पर कोई वादा लिया है। बाइडन और जिनपिंग के बीच की यह बातचीत अमेरिका के उन प्रयासों का हिस्‍सा है जिसके तहत रूस और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को अलग-थलग करना चाह रहे हैं।

Update: 2022-03-19 12:59 GMT

Russia-Ukrane war : रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच अमेरिका के राष्टपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत हुई है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच अमेरिकी राष्टपति जो बाइडन और चीन के राष्टपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत में अमेरिका की ओर से चीने से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा गया था। बताया जाता है कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को बातचीत के दौरान आगाह किया है कि अगर चीन ने यूक्रेन पर हमले के मामले में रूस की मदद की तो उसके परिणाम चीन के लिए अच्छे नहीं होंगे। दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक चली बातचीत के दौरान बाइडन ने शी जिनपिंग से यह भी कहा कि वह ताइवान से भी दूरी बनाकर रखे। इस मीडिया रिपोर्टो में यह भी बात निकलकल सामने आ रही है कि चीन की ओर से संकेत दिए जा रहे हैं कि अमेरिका की हिदायत मिलने के बाद भी वह वह रूस को हथियार मुहैया करवाकर मदद कर सकता है।

वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ने कहा कि यूक्रेन में रूस आम नागरिकों के खिलाफ क्रूर हमले कर रहा है। व्हाइट हाउस की ओर से हालांकि यह नहीं बताया गया कि अगर चीन का रुख नहीं बदलता तो उसे क्या परिणाम भुगतने होंगे या बाइडन ने चीन से रूस-यूक्रेन मुद्दे पर पर कोई वादा लिया है। बाइडन और जिनपिंग के बीच की यह बातचीत अमेरिका के उन प्रयासों का हिस्‍सा है जिसके तहत रूस और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को अलग-थलग करना चाह रहे हैं।

बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका और अन्‍य पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में चीन के राष्ट्रपति को बताया। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया गया कि कि दोनों नेता किसी मुद्दे पर सहमत हुए या नहीं। हालांकि इसमें कहा गया है कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी। एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी के अनुसार यह बातचीत सीधी थी। यह फोन कॉल बाइडन की ओर से कोई खास मांग करने के लिए नहीं की गई थी, बल्कि यह बताने के लिए की गई थी कि किसी कदम का क्‍या प्रभाव हो सकता है।

व्हाइट हाउस की प्रवक्‍ता ने अपनी ओर से कहा कि अब फैसला चीन के राष्‍ट्रपति को लेना है। उधर, जिनपिंग ने बाइडन से कहा कि यूक्रेन संकट कोई ऐसी चीज नहीं है, जिसे हम देखना चाहते हैं। चीनी राष्‍ट्रपति ने विश्व शांति और स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करने को लेकर अमेरिका-चीन के संयुक्त सहयोग की अपील की। शी ने बाइडन से कहा, शांति और विकास की मौजूदा प्रवृत्ति गंभीर चुनौतियों के ​बीच घिरी है। विश्व में ना तो शांति है यह ना ही स्थिरता है।

गौरतलब है कि चीन और रूस के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। जब से रूस ने यूक्रेपर हमला बोला है चीन की ओर से दुनिया के किसी भी मंच पर इसकी निंदा नहीं की गयी है। इसके उलट संयुक्त राष्ट में निंदा प्रस्तावों के दौरान वोटिंग नहीं कर उसने रूस के साथ खड़े होने का भी संदेश दे दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संघर्ष और टकराव किसी भी देश के हित में नहीं है। शांति एवं सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को महत्व देना चाहिए। जिनपिंग ने ताईवान सहित कई मुद्दों को लेकर उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे चीन-अमेरिका संबंधों को सही रास्ते पर लाने की भी अमेरिकी राष्टपति से अपील की। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य और विश्व की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं होने के नाते, हमें चीन-अमेरिका संबंधों को अवश्य ही सही रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहिए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने यूक्रेन संकट खत्म कर अमेरिकी राष्ट्रपति से क्या कहा है। इस बातचीत से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन को चेतावनी दी थी कि वह रूस की मदद करेगा, तो उसके लिए अच्छी नहीं होगी।

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