सीरम के CEO पूनावाला भारत छोड़ पहुंचे लंदन, कहा वैक्सीन को लेकर भारी दबाव, कई CM और बिजनेसमैन भी दे रहे धमकी
पूनावाला का आरोप है कि भारत के शक्तिशाली नेता और बिजनेसमैन उन्हें फोन पर धमका रहे हैं, इनमें कुछ मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, सभी कोवीशील्ड की सप्लाई तुरंत करने की मांग कर रहे हैं...
जनज्वार। आज 1 मई से सरकार ने 18 साल बड़ी उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा की थी, मगर इससे पहले ही देश में कोविशील्ड वैक्सीन प्रोडक्शन करने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के प्रमुख अदार पूनावाला के देश छोड़कर भागने की खबर मीडिया में छायी हुयी है।
एक मुश्किल वक्त में देश छोड़ने के आरोप पर ब्रिटेन पहुंचकर अदार पूनावाला ने बयान दिया है कि वैक्सीन को लेकर भारत के कई शक्तिशाली लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं। यह बयान पूनावाला ने तब दिया है और वे तब देश छोड़कर लंदन पहुंचे हैं, जबकि बुधवार 28 अप्रैल को ही केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी मुहैया करवाई है।
पूनावाला ने लंदन में टाइम्स UK को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि भारत के शक्तिशाली नेता और बिजनेसमैन उन्हें फोन पर धमका रहे हैं। इनमें कुछ मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। सभी कोवीशील्ड की सप्लाई तुरंत करने की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोविशील्ड कोरोना की ऐसी पहली वैक्सीन है, जिसे डीसीजीआई ने कोरोना के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। कोविशील्ड का उत्पादन दुनिया की वैक्सीन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कर रही है।
बकौल पूनावाला, फोन करने वाले कहते हैं कि अगर हमें वैक्सीन नहीं दोगे तो अच्छा नहीं होगा। ये बात करने का तरीका नहीं है, ये सीधे तौर पर धमकी है। वे समझाने की कोशिश करते हैं कि अगर मैंने उनकी बात नहीं मानी तो क्या हो सकता है। इन घटनाओं के कारण ही हम अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पा रहे हैं।
गौरतलब है कि पूनावाला ब्रिटेन में भारतीयों की एंट्री पर बैन लगने से पहले ही वहां पहुंच गए थे। पूनावाला का कहना है कि उन्होंने लंबे समय तक यहीं रहने का मन बना लिया है। ऐसे हालात में मैं भारत वापस नहीं जाना चाहता। सब कुछ मेरे कंधों पर डाल दिया गया है, लेकिन मैं अकेला ये सब नहीं कर सकता।
पूनावाला ने कहा कि मैं ऐसी स्थिति में बिल्कुल भी नहीं फंसना चाहता, जहां आप अपना काम सही तरीके से करने की कोशिश कर रहे हों, फिर भी आपको डर लगा रहे कि किसी X, Y या Z की सप्लाई पूरी नहीं हो सकी तो क्या होगा? लंदन आने की वजह उनके कुछ बिजनेस प्लान भी हैं। वे भारत के बाहर भी वैक्सीन का उत्पादन करना चाहते हैं। इसमें UK भी शामिल हो सकता है। कुछ ही दिनों में वे उन देशों के नाम जाहिर करेंगे।
मीडिया से पूनावाला ने कहा है कि भारी दबाव की वजह से वह अपनी बेटी और पत्नी के साथ लंदन आ गए हैं। 40 वर्षीय पूनावाला का कहना है कि वे लंदन में अतिरिक्त समय तक इसलिए रुका हूं, क्योंकि मैं उस स्थिति में फिर से जाना नहीं चाहता। सबकुछ मेरे कंधे पर आ गया है, लेकिन मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता। मैं ऐसी स्थिति में नहीं रहना चाहता, जहां आप अपना काम कर रहे हों, और आप एक्स, वाई या जेड की मांगों की सप्लाई को पूरा नहीं कर सकें। यह भी नहीं पता हो कि वे आपके साथ क्या करने जा रहे हैं।'
'द टाइम्स' से बातचीत में पूनावाला ने कहा है, "उम्मीद और आक्रामकता का स्तर वास्तव में अभूतपूर्व है। यह भारी है। सभी को लगता है कि उन्हें टीका मिलना चाहिए। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि किसी और को उनसे पहले क्यों मिलना चाहिए।'
हालांकि इसी दौरान पूनावाला यह संकेत देना नहीं भूले कि उनका लंदन का कदम भारत के बाहर के देशों में वैक्सीन निर्माण का विस्तार करने की व्यावसायिक योजनाओं से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें ब्रिटेन उनकी पसंद हो सकता है। भारत के बाहर टीके निर्माण को लेकर पूनावाला का कहना है, अगले कुछ दिनों में बड़ा ऐलान होने जा रहा है।'
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी। ताज्जुब की बात यह है कि तब तक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर की लागत से अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.5 से 2.5 बिलियन खुराक तक बढ़ा दी थी और पांच करोड़ खुराक का प्रोडक्शन भी कर लिया था।
सीरम द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों को अलग-अलग दामों में कोवैक्सीन बेचे जाने पर भी खासा विवाद उठा था। 28 अप्रैल को सीरम ने कोवीशील्ड के दाम घटाए थे। पूनावाला ने खुद ट्वीट पर इसकी जानकारी दी थी कि राज्यों को 400 रु. की जगह ये वैक्सीन अब 300 रुपये में मिलेगी। फैसले से राज्यों के हजारों करोड़ रुपए की बचत होगी। इससे वे ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन खरीद सकेंगे और इससे हजारों जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।
इससे पहले 21 अप्रैल को ही सीरम ने वैक्सीन के नए रेट फिक्स किए थे। तब प्राइवेट अस्पतालों को कोवीशील्ड वैक्सीन 600 रुपए में देने की बात कही थी। इससे पहले इन अस्पतालों को वैक्सीन 250 रुपए में दी जा रही थी। तब राज्यों के लिए दाम 400 रुपए तय किए गए थे। केंद्र को दी जाने वाली वैक्सीन के दाम पहले की तरह 150 रुपए ही रखे गए थे।