Sri Lanka में मंडराया गृह युद्ध का खतरा, PM आवास पर गोलीबारी, 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर फूंके, जानें और क्या हुआ
श्रीलंका ( Shri Lanka ) में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। उसके बाद से वहां पर उनके विरोधी भी उग्र हो गए हैं।
Sri Lanka : श्रीलंका में आर्थिक संकट से उपजे असंतोष की वजह से गृह युद्ध ( Civil War ) के हालात हैं। वहां पर चीन ( China ) की नापाक मौजूदगी भारत ( India ) के लिए चिंता की बात है। फिलहाल, वहां पर अराजकता की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीएम आवास पर गोलीबारी की घटना हुई हैं। साथ ही श्रीलंकाई ( Sri Lanka ) सांसद जनक बंडारा तेनाकून के दांबुला स्थित घर में आग लगा दी गई। श्रीलंका ( Sri Lanka ) बार एसोसिएशन ने लोगों को घरों से नहीं निकलना की अपील की है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मंत्री रोहिता अबेगुणवर्धने के आवास पर हमला किया। इस बीच हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया।
राजपक्षे का पुश्तैनी घर आग के हवाले, जॉनसन को कार सहित झील में फेंका
दरअसल, सोमवार को पीएम महिंदा राजपक्षे द्वारा इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें की। ऐसे लोगों को सत्ता विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। असंतुष्ट लोगों ने गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया। दूसरी तरफ उग्र प्रदर्शनकारियों ने हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया। कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया।
भारतीयों के लिए हेल्पलाइन जारी
दूसरी तरफ श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in जारी की गई है। इसके जरिये लोग सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
30 दिन के अंदर 2 बार आपातकाल
आर्थिक संकट से उपजे असंतोष के हालात की वजह से चार दिन पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। यानि श्रीलंका ( Sri Lanka ) में 30 दिन के अंदर दूसरी बार आपातकाल लगाया गया है। इससे पहले 1 अप्रैल को भी आपातकाल लगाई गई थी जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था।
Sri Lanka : बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से गृह युद्ध के हालात बन गए हैं। सोमवार को पीएम महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे चुके हैं। उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया, जिसके बाद से उनके विरोधी भी उग्र हो गए।