आतंकी संगठन आईएस-खुरासान ने ली काबुल एयरपोर्ट धमाके की जिम्मेदारी, भारत के यूपी और केरल में भी सक्रिय

2017 से अब तक आईएस-के अफगानिस्तान में आम लोगों पर 100 से ज्यादा हमले कर चुका है। इस बीच, अमेरिकी व अफगानी बलों से 250 बार से ज्यादा मुठभेड़ें हो चुकी हैं। खुरसान मॉड्यूल ने पहले भी कई आतंकी हमले किए हैं...

Update: 2021-08-27 02:44 GMT

आईएस-खुरासान ने ली काबुल हवाई अड्डे पर धमाके की जिम्मेदारी 

जनज्वार। दुनिया को खौफजदा करने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISI) अमेरिका को घुटनों पर ले आने वाले तालिबान को भी चुनौती दे रहा है। काबुल हवाई अड्डे पर आतंकी हमले के लिए आईएस-खुरासान (IS-K) ने जिम्मेदारी ली है। इसके आतंकी भारत में भी सक्रिय हैं। यूपी में कानपुर, लखनऊ समेत कुछ शहरों सहित केरल तक इसके तार जुड़े बताए गये तथा आतंकियों की गिरफ्तारी के दावे भी किए जा चुके हैं।

आईएस-के पहले भी अफगानिस्तान (Afghanistan) में हमले कर चुका है।  हाल में तालिबानी आतंकियों ने आईएस-के के चार दहशतगर्दों को एयरपोर्ट के बाहर से पकड़ने का दावा किया था। तालिबान व अमेरिका के बीच पिछले वर्ष हुए समझौते से आईएस-के खफा है, हालांकि दोनों संगठन खुद को शासन का असल हकदार बताते हैं।

खुरासान, मौजूदा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान व मध्य एशिया के कुछ हिस्सों का ऐतिहासिक नाम है। 2014 में खिलाफत स्थापित करने का एलान करते हुए आईएसआईएस (ISIS) ने इराक और सीरिया के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद जनवरी 2015 में कई पाकिस्तानी तालिबानियों ने अबू बकर अल बगदादी को अपना खलीफा मानकर आईएसआईएस का क्षेत्रीय समूह आईएस-के तैयार किया।

हाफिज सईद (Hafiz Saeed) खान आईएस-के का पहला अमीर था। इससे पहले वह तहरीक-ए-तालिबान (Tehrik-E-Taliban) पाकिस्तान का कमांडर था। 2016 में एक हमले में मारा गया। फिलहाल शहाब अल मुहाजिर इस संगठन का प्रमुख है और मुफ्ती नेमत इसका फिलहाल एकमात्र जीवित फील्ड कमांडर है।

इसके स्लीपर पूरे पाकिस्तान व अफगानिस्तान में फैले हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, दो से ढाई हजार आतंकी आईएस-के से सक्रिय तौर पर जुड़े हैं। वहीं अमेरिका का दावा है कि संगठन में महज एक हजार लोग रह गए हैं, जबकि रूस के मुताबिक इस संगठन से करीब 10 हजार आतंकी जुड़े हैं।

उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान व पाकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, जमात उल अहरार, पाकिस्तान इसके सहयोगी हैं। अमेरिका, भारत और इराक ने आइएस-के को आतंकी समूह घोषित कर रखा है। यह आतंकी संगठन गज्वा-ए-हिंद एजेंडे के तहत यह भारत पर भी कब्जा करने का इरादा रखता है और बीते कई वर्ष में लगातार इंटरनेट के जरिये भारत में युवाओं को आतंकी बनाने की कोशिश में जुटा है।

2017 से अब तक आईएस-के अफगानिस्तान में आम लोगों पर 100 से ज्यादा हमले कर चुका है। इस बीच, अमेरिकी व अफगानी बलों से 250 बार से ज्यादा मुठभेड़ें हो चुकी हैं। खुरसान मॉड्यूल ने पहले भी कई आतंकी हमले किए हैं।

क्या हुआ था काबुल एयरपोर्ट में?

गुरुवार को अफगानिस्तान का काबुल दो बम धमाकों से दहल गया। काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के बाहर दो आत्मघाती हमले में 72 लोगों की मौत हो गई जबकि 143 लोग घायल हुए। पेंटागन के सुरक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है और 18 घायल हुए हैं। व्हाइट हाउस कवर करने वाले पत्रकार जैक मिलर ने दावा किया कि धमाके में 11 अमेरिकी मरीन और एक कमांडो की मौत हुई है। काबुल धमाके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि जिसने भी इसे अंजाम दिया है उसे हम माफ नहीं करेंगे और न ही भूलेंगे।  

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