The Kashmir Files पर सिंगापुर ने लगाई पाबंदी, कहा विभिन्न समुदायों में बढ़ाएगा दुश्मनी - फिल्म में एकतरफा सीन

The Kashmir Files : विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित 'द कश्मीर फाइल्स' 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में उग्रवाद के कारण राज्य से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित है....

Update: 2022-05-10 11:49 GMT

The Kashmir Files पर सिंगापुर ने लगाई पाबंदी, कहा विभिन्न समुदायों में बढ़ाएगा दुश्मनी - फिल्म में एकतरफा सीन

The Kashmir Files : सिंगापुर ने सोमवार 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया कि फिल्म विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकती है और देश में धार्मिक सद्भाव को बाधित कर सकती है।

देश के 'इन्फोकॉम मीडिया विकास प्राधिकरण', 'संस्कृति- समुदाय और युवा मंत्रालय' और 'गृहमंत्रालय' ने एक साझा बयान में यह घोषणा की है। बयान में उन्होंने कहा, फिल्म में मुसलमानों के लिए विवादास्पद सीन दिखाए गए हैं। इसमें उनके खिलाफ एकतरफा विषय को चित्रित किया गया है। कश्मीर में चल रहे संघर्ष में हिंदुओं (Kashmiri Hindus) को सताए जाने के विषय से मुसलमानों की सीधी संलिप्तता का संदेश जा रहा है। इससे उनकी छवि खराब होगी। उनका दावा के कथानक से विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती है। 

विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) द्वारा निर्देशित 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में उग्रवाद के कारण राज्य से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित है। इसे 11 मार्च को रिलीज किया गया था।

इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के द्वारा समर्थन दिया जा चुका है। कई भाजपा शासित राज्यों ने फिल्म को मनोरंजन कर से छूट दी थी। हालांकि कई लोगों ने फिल्म की तथ्यात्मक सटीकता और इसके आसपास की चर्चा के सांप्रदायिक लहले पर सवाल भी उठाए।

सोमवार 9 मई को सिंगापुर ने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) को देश के फिल्म क्लासिफिकेशन गाइडलाइंस से परे होने का आकलन किया गया। बयान में कहा गया है कि गाइडलाइंस के तहत सिंगापुर में नस्लीय या धार्मिक समुदायों को बदनाम करने वाले किसी भी कंटेंट का क्लासिफिकेशन करने से इनकार कर दिया जाएगा।

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 17 मार्च को मोदी से समाज में नफरत फैलाने और विभाजन करने वाली फिल्में दिखाने के बजाय कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए कहा था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में फिल्म को एक साजिश बताया था और कहा था कि इसमें ज्यादातर हिस्सा काल्पनिक है।  जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर कश्मीरी पंडितों के दर्द को हथियार बनाने का आरोप लगाया था।

इसके अलावा संसद सदस्य और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने मांग की थी कि फिल्म को प्रतिबंधित कर दिया जाए क्योंकि इससे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है। 13 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल की उत्तर प्रदेश ईकाई ने भी ट्वीट किया और द कश्मीर फाइल्स को एक प्रोपागेंडा फिल्म बताया था। 24 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में भाजपा के द्वारा फिल्म के प्रमोशन की आलोचना की थी। 

13 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल की उत्तर प्रदेश ईकाई ने भी ट्वीट किया और द कश्मीर फाइल्स को एक प्रोपागेंडा फिल्म बताया था। 24 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में भाजपा के द्वारा फिल्म के प्रमोशन की आलोचना की थी।

केजरीवाल की ओर से टिप्पणी के बाद भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर के बाहर विरो प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि वह अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें। 

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