मीडिया और बड़े प्रकाशकों को अपने समर्थन में ढाल नहीं पाए ट्रम्प, मोदी को इस काम में हासिल है महारत

अमेरिका में राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के बाद संस्मरण प्रकाशित करने की एक परंपरा है। बराक ओबामा के संस्मरण को प्रकाशित करने के लिए लगभग 7 करोड़ डॉलर दिए गए थे। ट्रम्प के संस्मरण को प्रकाशित करने से मन करने के कारणों में से प्रकाशकों के अनुसार सबसे प्रमुख कारण है, इसमें कुछ भी सही नहीं होगा....

Update: 2021-06-18 08:09 GMT

(प्रकाशकों के अनुसार ट्रम्प की पुस्तक के प्रकाशन से उनके कर्मचारियों में रोष बढ़ सकता है, क्योंकि अमेरिका के अधिकतर लोग ट्रम्प को अमेरिकी संसद, कैपिटल पर हमले का दोषी मानते हैं।)

वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाण्डेय का विश्लेषण

जनज्वार। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी में गहरी दोस्ती थी और बहुत सारी समानताएं भी थीं – दोनों फर्राटेदार झूठ बोलकर देश का भला करने का दावा करते हैं, दोनों को जनता से कोई मतलब नहीं है और दोनों निरंकुश शासक हैं। दोनों को किताबें लिखने का भी शौक है, भले ही उसे लिखने वाले कहीं परदे के पीछे बैठे हों। ट्रम्प ने तो कभी दिन में 18 घंटे काम करने का दावा नहीं किया और ना ही लगातार बताते रहे कि आजतक कभी छुट्टी नहीं ली। मोदी जी और उनके समर्थक यह दावा आज तक करते हैं। जाहिर है हरेक दिन 18 घंटे फाईलों और मीटिंगों से जूझता व्यक्ति बिना किसी छुट्टी लिए स्वयं तो किताब नहीं लिख सकता।ट्रम्प और मोदी जी में एक बड़ा फर्क है – ट्रम्प तमाम कोशिशों के बाद भी मीडिया और बड़े प्रकाशकों को अपने समर्थन में ढाल नहीं पाए, जबकि मोदी जी को इस काम में महारत हासिल है।

हमारे प्रधानमत्री की पुस्तकें पेंगुइन इंडिया, रूपा एंड कंपनी और प्रभात प्रकाशन जैसे बड़े और नामी प्रकाशक छापते और गर्व से बेचते हैं, जबकि अमेरिका का कोई प्रमुख प्रकाशक डोनाल्ड ट्रम्प के संस्मरण प्रकाशित करने को तैयार नहीं है। पिछले महीने जब प्रधानमंत्री की छवि धुंधली होने लगी, देश भर में जलती लाशों की चिताओं से उठाते धुंए द्वारा गिराने लगी तब बड़े प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया ने अचानक घोषणा की कि महान लेखक नरेंद्र मोदी की पुस्तक, एग्जाम वारियर्स (Exam Warriors) को नए कलेवर के साथ फिर से बाजार में उतारा गया है। पेंगुइन के इस कदम का प्रतिष्ठित लेखकों ने विरोध भी किया पर प्रकाशक की तरफ से कहा गया कि यह उनके संपादकों का निर्णय है, और प्रबंधन संपादकों के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करता है।

दूसरी तरफ ट्रम्प ने जब यह ऐलान किया कि वे भी अपने वाइट हाउस के संस्मरण लिख रहे हैं और यह उनके विरोध में प्रकाशित सभी पुस्तकों पर भारी पड़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि दो प्रमुख प्रकाशक उनके संपर्क में हैं, हालांकि उन्होंने इनके नाम का खुलासा नहीं किया। ट्रम्प के इस ऐलान के बाद अमेरिका के सभी प्रमुख प्रकाशकों की एक बैठक आयोजित की गयी, जिसमें कहा गया कि प्रमुख प्रकाशकों में से कोई भी ट्रम्प की पुस्तक प्रकाशित करने का इच्छुक है और ना ही किसी ने इस बारे में ट्रम्प से संपर्क किया है।इस बैठक में साइमन एंड स्चुस्टर, पेंगुइन रैंडम हाउस, हचेत्ते, हार्पर कॉलिंस, मैकमिलन जैसे प्रकाशक शामिल थे।

अमेरिका में राष्ट्रपतियों के कार्यकाल के बाद संस्मरण प्रकाशित करने की एक परंपरा है। बराक ओबामा के संस्मरण को प्रकाशित करने के लिए लगभग 7 करोड़ डॉलर दिए गए थे। ट्रम्प के संस्मरण को प्रकाशित करने से मन करने के कारणों में से प्रकाशकों के अनुसार सबसे प्रमुख कारण है, इसमें कुछ भी सही नहीं होगा। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में 30573 बार झूठ बोला, जाहिर है झूठ बोलना उनकी आदत है और संपादकों को पुस्तक के हरेक वाक्य के तथ्यों को परखना होगा, जो एक कठिन कार्य है।

प्रकाशकों के अनुसार ट्रम्प की पुस्तक के प्रकाशन से उनके कर्मचारियों में रोष बढ़ सकता है, क्योंकि अमेरिका के अधिकतर लोग ट्रम्प को अमेरिकी संसद, कैपिटल पर हमले का दोषी मानते हैं, इसके अलावा वे आज भी बिना किसी सबूत के चुनावों में धांधली पर जोर देते हैं और चुनाव के नतीजों को बदला चाहते हैं। इन सब कारणों से अधिकतर अमेरिकी ट्रम्प को पसंद नहीं करते, और ऐसी पुस्तक से प्रकाशकों के कर्मचारियों का रोष बढ़ सकता है।साइमन एंड स्चुस्टर को कर्मचारियों के रोष का सामना ट्रम्प के सलाहकार माइक पेन्स की पुस्तक के प्रकाशन के समय भी करना पड़ा था, जबकि इस पुस्तक के अधिकतर हिस्सों में ट्रम्प के विरुद्ध तथ्य पेश किये गए थे|

आश्चर्य यह है कि इस पूरे वाकये से इतना तो स्पष्ट है कि एक ही प्रकाशक की अमेरिका में कुछ और नीति है और भारत में कुछ और। पेंगुइन की उपस्थिति दोनों देशों में प्रमुख प्रकाशक के तौर पर है। भारत में वह प्रधानमंत्री मोदी की किताब छात्रों के लिए प्रकाशित कर रहा है और फिर इसे रीलांच भी कर रहा है, जबकि बड़े लेखक विरोध कर रहे हैं और तथाकथित लेखक के स्वयं की शिक्षा के बारे में किसी को पता नहीं है। यहाँ पर वह अपने समर्थन में संपादकों के निर्णय का हवाला देता है और अमेरिका में इन्हीं कर्मचारियों के विरोध की बात करता है।

जाहिर है, भारत में पेंगुइन के सम्पादक निरंकुश तानाशाही, नरसंहांरी शासक, लगातार झूठ बोलने वाले और गलत शैक्षिक योग्यता का दावा करने वाले लेखक को पसंद करते हैं, जबकि अमेरिका में सम्पादक तथ्यों को और लेखक के व्यवहार को परख कर पुस्तके प्रकाशित करते हैं|

इन सबके बीच अमेरिका में हार्पर कॉलिंस की सहायक कंपनी ब्रॉडसाइड बुक्स जार्ड कुश्नेर के संस्मरण प्रकाशित कर रहा है जो अगले वर्ष के शुरू में बाजार में आयेगी। जार्ड कुश्नेर इवांका ट्रम्प के पति हैं, और ट्रम्प के प्रमुख सलाहकार थे।

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