चीन पर हमलावर ट्रंप का एकाउंट है चायनीज बैंक में, राष्ट्रपति चुनावों में गरमाया मुद्दा

व्‍हाइट हाउस में जाने के चार साल बाद भी ट्रंप चीन में अपने एक बिजनेस प्रोजेक्‍ट को लेकर महत्‍वाकांक्षी बने हुए हैं, सिर्फ इतना ही नहीं चीन के एक बैंक में अभी तक उनका बैंक अकाउंट है...

Update: 2020-10-21 12:48 GMT

जनज्वार। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप के चाइनीज बैंक में खाता होने का मामला सामने आने के बाद सनसनी फैल गई है। चूंकि अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप चुनावों से पहले डेमोक्रेट जो बाइडेन पर चीन के मसले को लेकर लगातार आक्रामक बने हुए हैं। यह मामला सामने आने के बाद अब ट्रंप की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इससे संबंधित अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टस ने वोटिंग डे से पहले रिपब्लिकन पार्टी के उम्‍मीदवार ट्रंप के आलोचकों को उन पर हमलावर होने का एक बड़ा मौका दे दिया है।

मंगलवार को अमेरिकी मीडिया रिपोर्टस में कहा गया है कि व्‍हाइट हाउस में जाने के चार साल बाद भी ट्रंप चीन में अपने एक बिजनेस प्रोजेक्‍ट को लेकर महत्‍वाकांक्षी बने हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं चीन के एक बैंक में अभी तक उनका बैंक अकाउंट है।

उल्लेखनीय है कि आगामी नवंबर महीने में अमेरिका में राष्‍ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। डिबेट्स में और सार्वजनिक तौर पर भी ट्रंप लगातार डेमोक्रेट बाइडेन पर आरोप लगा रहे हैं कि वे चीन पर बहुत नरम हैं और उनके जीतने का सीधा फायदा चीन को होने वाला है। राष्ट्रपति चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बना हुआ था।

अमेरिकी मीडिया ने ट्रंप के टैक्‍स रिकॉर्ड्स का आंकड़ा भी सामने लाया है। इन आंकड़ों से साफ पता लगता है कि राष्‍ट्रपति का चीन में एक ऐसा बैंक अकाउंट है, जिसके बारे में सार्वजनिक जानकारी मौजूद नहीं है। यही नहीं, बल्कि इस अकाउंट के बारे में सार्वजनिक वित्‍तीय जानकारी में कुछ नहीं बताया गया है क्‍योंकि यह एक कॉरपोरेट के रूप में और कॉरपोरेट नाम पर है।

कहा जाता है कि ट्रंप के कुछ बैंक अकाउंट ब्रिटेन और आयरलैंड में भी है। ट्रंप का जो खाता चीन के बैंक में है, वह ट्रंप इंटरनेशनल होटल्‍स मैनेजमेंट के नाम पर है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2013 से 2015 के बीच देश में टैक्‍स के तौर पर 188,561 अमेरिकी डॉलर अदा किए गए हैं। हालांकि टैक्‍स रिकॉर्ड्स से यह नहीं पता लग पा रहा है कि ट्रंप के विदेशी अकाउंट से कितनी रकम चीन के अकाउंट में गई है। लेकिन इंटरनेशनल रेवेन्‍यू सर्विस के नियमों में टैक्‍स फाइल करने वाले व्‍यक्ति को अपनी आय के उस हिस्‍से के बारे में जानकारी देनी होती है जो विदेशों से आ रही है।

जबकि हुआ यह है कि ट्रंप इंटरनेशनल मैनेजमेंट होटल्‍स की तरफ से चीन से आ रहे सिर्फ कुछ हजार डॉलर्स के बारे में ही जानकारी दी गयी है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के वकील एलन गार्टन ने चीनी बैंक का नाम बताने से साफ इनकार कर दिया है, जहां पर ट्रंप का अकाउंट है। उन्‍होंने ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया है।

गार्टन ने कहा है 'ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने उस चीनी बैंक में अकाउंट खोला जिसका ऑफिस अमेरिका में है। ऐसा करने का मकसद चीन में बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए स्‍थानीय टैक्‍स के पेमेंट में सहूलियत हासिल करना था। गार्टन ने खासतौर पर बताया है कि कंपनी ने एक बार चीन में ऑफिस खोला था ताकि एशिया में संभावित सौदों के बारे में अवसरों का पता लगाना था।

गार्टन ने मीडिया से कहा, 'कोई डील, सौदा या फिर दूसरी बिजनेस एक्टिविटीज साल 2015 के बाद से नहीं हुई हैं और ऑफिस भी एक्टिव नहीं है।' उन्‍होंने आगे कहा, 'हालांकि बैंक अकाउंट खुला है लेकिन इसे कभी किसी मकसद के लिए प्रयोग नहीं किया गया।' राष्‍ट्रपति के टैक्‍स रिकॉर्ड्स से पता लगता है कि उन्‍होंने 192,000 अमेरिकी डॉलर की लागत से कम से कम पांच कंपनियों में निवेश किया ताकि चीन में अगले कुछ सालों में बिजनेस प्रोजेक्ट्स को बढ़ाया जा सके।

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