अफगानिस्तान से आज फाइनली लौट गयी अमेरिकी सेना, तालिबान ने कहा पूरी दुनिया के हमलावरों के लिए सबक

तालिबान के प्रक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह दुनियाभर के लिए सबक है। अमेरिका की हार दूसरे आक्रांताओं के लिए बड़ी सीख है, इसके अलावा यह हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश है....

Update: 2021-08-31 09:25 GMT

जनज्वार। अफगानिस्तान से आखिरकार अमेरिकी सेना का अंतिम विमान सी-17 वापस लौट गया है। इसके बाद तालिबान ने काबुल में जश्न मनाया। वहीं अमेरिकी सेना अपने अंतिम विमान और सिपाही के नाम की घोषणा की है। दूसरी तालिबान के लड़ाकों ने हामिद करजई इंटरनेशल एयरपोर्ट का मुआयना किया।

हामिद करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर तालिबान के प्रक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह दुनियाभर के लिए सबक है। अमेरिका की हार दूसरे आक्रांताओं के लिए बड़ी सीख है। इसके अलावा यह हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश है। 

अमेरिकी सैनिकों की विदाई पर तालिबानी लड़ाकों ने जश्न मनाते हुए हवाई फायरिंक की। तालिबान प्रवक्ता ने कहा- अफगानिस्तान को बधाई। यह जीत हम सभी के लिए है। हालांकि मुजाहिद ने कहा कि तालिबान का इस बार का राज पहले की तुलना में उदार होगा। उन्होंने कहा, हम अमेरिका और पूरी दुनिया के साथ बेहतर रिश्ता चाहते हैं। हम सभी के साथ अच्छे कूटनीतिक संबंधों का स्वागत करते हैं।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान दूसरी बार सत्ता में आया है। इससे पहले वह 1996 से 2001 तक शासन कर चुका है। पहले कार्यकाल में महिलाओं के ऊपर सख्त पाबंदियां थीं। बेहद क्रूर व्यवस्था थी। इसलिए दूसरी बार तालिबान का कार्यकाल आने के बाद अफगान लोग बड़ी संख्या में देश छोड़ना चाहते हैं।  

अंतिम सैनिक की वापसी से पहले काबुल एयरपोर्ट पर छह सौ अमेरिकी सैनिक तैनात थे। इन सैनिकों को अमेरिका और अन्य देशों के फंसे लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया था। इससे पहले तालिबान ने चेतावनी दी थी कि 31 अगस्त तक सभी अमेरिकी अफगानिस्तान छोड़कर चले जाएं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले ही 31 अगस्त तक अमेरिका के सभी सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था।

अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत पर साल 2001 में हुए हमले के बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में दाखिल हुई थी। इसके बाद 20 साल तक यहां तैनात रही। इस बीच अमेरिका ने अपनी सेना को वापस बुलाने का फैसला किया तो तालिबानी लड़ाकों के लिए काबुल पर कब्जे की उम्मीदें बढ़ गई थीं। 

15 अगस्त 2021 के दिन तालिबान ने राजधानी काबुल और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। वहीं तब के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर दुबई चले गए। पहले मीडिया में इस तरह की खबरें सामने आयीं कि गनी उज्बेकिस्तान गए हैं लेकिन बाद में संयुक्त अरब अमीरात ने कन्फर्म किया कि उन्होंने मानवता के आधार पर गनी को शरण दी है। 

दूसरी अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति पंजशीर चले गए। पंजशीर वह इलाका है जिस पर आजतक तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है। उपराष्ट्रपति सालेह ने गनी की गैरमौजूदगी में खुद कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित किया। 

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