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बंगाल चुनाव : प्रचार के आखिरी दिन नंदीग्राम बना सियासी अखाड़ा, पदयात्रा निकाल रहीं ममता बनर्जी, जानिए उनका पूरा सियासी सफर?
जनज्वार डेस्क। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने 291 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और उत्तर बंगाल की 3 सीटों को छोड़ा गया है। टीएमसी प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं से लेकर दलितों और मुस्लिमों को खासी जगह दी है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 मार्च को 30 सीटों पर मतदान हुए। पहले चरण में करीब 80 फीसद मतदान हुआ, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग बराबर का आंकड़ा है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी फिर से चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने नंदीग्राम विधानसभा सीट से टीएमसी के उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है।
ममता बनर्जी साल 2016 में भवानीपुर विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ी थीं, लेकिन इस बार वह नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं। नंदीग्राम से वह पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। नंदीग्राम में सीधा मुकाबला कभी उनके करीबी रहे शुभेंदू अधिकारी से माना जा रहा है। इस बार बंगाल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर स्थानीय तक सभी ने पूरी ताकत झोंकी हुई है, शायद इसीलिए ममता बनर्जी ने अपनी रणनीति में कुछ फेरबदल किए हैं।
बंगाल में 'दीदी' के नाम से लोकप्रिय ममता बनर्जी आठ बार लोकसभा और दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं जिसमें केवल एक बार ही वह लोकसभा चुनाव में पराजित हुई हैं, जबकि 10 बार में से 9 बार विजयी रही हैं। ममता ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत राज्य में कांग्रेस के छात्र संगठन छात्र परिषद की नेता के तौर पर की थी। ममता बनर्जी सात बार लोकसभा की सांसद रही हैं।
ममता बनर्जी रेल मंत्री, कोयला मंत्री से लेकर खेल राज्य मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल चुकी हैं। पिछले 10 वर्षों से वह पश्चिम बंगाल की सीएम हैं और साल 2011 में 34 वर्षों की लेफ्ट सरकार को हराकर सत्ता में आईं थीं। ममता बनर्जी ने साल 2011 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। विधानसभा चुनाव में टीएमसी को बहुमत मिलने के बाद ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से उप-चुनाव लड़ा था। उस उपचुनाव में ममता ने माकपा की उम्मीदवार नंदिनी मुखर्जी को पराजित किया था। उसके बाद साल 2016 में वह भवानीपुर से ही चुनाव लड़ीं थी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की उम्मीदवार दीपा दासमुंशी को पराजित किया था। लेकिन इस बार वह पहली बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं।
दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होना है। आज दूसरे चरण के लिए प्रचार का आखिरी दिन है। आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जहां शुभेन्दु अधिकारी के पक्ष में नंदीग्राम में रोडशो कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर मतता बनर्जी पदयात्रा निकाल रही हैं। दूसरे चरण की वोटिंग में नंदीग्राम में मतदान होना है।
आइए अब जानते हैं कैसा रहा ममता बनर्जी का सियासी सफर-
1984 – जादवपुर लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को हराया।
1989 – जादवपुर लोकसभा क्षेत्र में माकपा की उम्मीदवार मालिनी भट्टाचार्य से खुद पराजित हुईं।
1991 – कलकत्ता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा के उम्मीदवार बिप्लब दासगुप्ता को पराजित किया।
1996 – कलकत्ता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा की भारती मुखर्जी को पराजित किया।
1996 – कलकत्ता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा के उम्मीदवार प्रशांत सूर को पराजित किया।
1999 – कलकत्ता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा की शुभंकर चक्रवर्ती को पराजित किया।
2004 – कोलकाता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा के रबिन देव को पराजित किया।
2009 – कोलकाता दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से माकपा के उम्मीदवार रबिन देव को पराजित किया।
2011 – भवानीपुर विधानसभा उपचुनाव में माकपा की नंदिनी मुखर्जी को पराजित किया।
2016 – भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की उम्मीदवार दीपा दासमुंशी को पराजित किया।
2021 – नंदीग्राम में टीएमसी की उम्मीदवार।