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बिहार: बांध हुआ ओवरफ्लो तो घरों में घुस गया पानी, चूड़ा-मीठा और सत्तू खाकर जी रहे लोग
जनज्वार ब्यूरो,पटना। बिहार में बाढ़ से चौतरफा तबाही का आलम है। वैसे तो अब नदियां स्थिर हैं और पानी बढ़ नहीं रहा है, पर जो पानी गांव-घरों में घुस चुका है, वह अभी भी निकल नहीं रहा है। लिहाजा बाढ़ पीड़ितों की परेशानी जस की तस है।
वैशाली जिले के महुआ प्रखंड का पहाड़पुर पंचायत। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग गरीब हैं। रोजी-रोटी का कोई स्थायी साधन नहीं। कुछ लोग खेती करते हैं, तो कुछ लोग दिहाड़ी मजदूरी। कुछ दूसरे प्रदेशों में जाकर मिहनत-मजदूरी करते थे, पर कोरोना लॉकडाउन के कारण वहां के कारोबार बंद हुए तो घर आकर बैठ गए हैं। बांध के ओवरफ्लो करने के कारण इस पंचायत में बाढ़ का पानी घुस गया। पानी सिर्फ गांव ही नहीं, बल्कि लोगों के घरों में भी घुस गया। हालांकि नदी का पानी कम होने से बांध तो अब ओवरफ्लो नहीं कर रहा, पर घरों में घुस चुका पानी अभी भी निकल नहीं पाया है।
गांव के दिलीप महतो ने कहा 'गांव में 50 एकड़ से ज्यादा जमीन पर लगी सब्जियों और धान की फसल डूब कर नष्ट हो चुकी है। किसी तरह कर्ज लेकर पूंजी की व्यवस्था कर लोगों ने फसल लगाई थी, अब सबकुछ बर्बाद हो चुका है। हमें अब भविष्य की चिंता सता रही है।'
घरों में पानी घुसने से खाना बनाना भी एक बड़ा टास्क है। ज्यादातर सूखा खाना, जैसे चूड़ा(धान से बनने वाला, जिसे दही के साथ खाया जाता है), मीठा, सत्तू आदि खाकर समय काट रहे हैं। ज्यादा कुछ हुआ तो किसी ऊंची जगह पर चूल्हा ले जाकर कुछ पका लेते हैं।
रामरती देवी कहतीं हैं 'घरों में पानी रहने के कारण काफी डर लगता है। पानी में जहरीले कीड़े भी आ जाते हैं। घर में बच्चे भी हैं, इसलिए बहुत डर लगता है।' यह सिर्फ इन्हीं दोनों की समस्या नहीं है। कुछ ऐसी ही बात गांव के वीरेंद्र महतो, प्रदीप महतो, वीरेंद्र महतो, मंटू महतो, परमशीला देवी, सुनीता देवी, नीतू देवी, नरेश महतो, नन्दलाल महतो, निर्मला देवी आदि ने भी कही।
उल्लेखनीय है कि बांध ओवरफ्लो कर बाया नदी का पानी दर्जनों घरों में प्रवेश कर गया है। इससे लोगों को जीना मुहाल हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को इस समय शौच जाने में हो रही है। निचले इलाके के लोगों को घर से लेकर शौचालय और किचन तक नदी का पानी प्रवेश कर जाने से भारी परेशानी हो रही है। हालांकि अभी बारिश नहीं हो रही, इसके बावजूद नदी का पानी नहीं घट रहा है।
कुछ ऐसी ही स्थिति गोरीगामा, छतवारा, डगरू, कुशहर, मकसूदपुर ताज, नीलकंठपुर, सिंघाड़ा, चांदसराय आदि गांवों में भी है। इस बरसाती नदी का पानी इस समय कई गावों के लिए संकट का कारण बना हुआ है। लोग एक तरफ तो कोरोना से परेशान चल रहे हैं और दूसरी ओर बाढ़ की चपेट में आ जाने से उनका जीना मुहाल हो गया है।