कोरोना से हुई पिता की मौत तो अंतिम संस्कार के लिए नहीं आया बेटा, पत्नी ने दी मुखाग्नि
(पत्नी ने जिला प्रशासन की मदद से पीपीई किट पहनकर पति को दी मुखाग्नि)
जनज्वार डेस्क। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने रिश्तों की पहचान करा दी है। गांववालों को क्या कहें जब अपने ही मौत के बाद साथ छोड़ दे रहे हैं। बिहार के बेगुसराय जिले से ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां सदर अस्पताल में एक व्यक्ति की कोरोना के चलते जान चली गई।
इसके बाद मृतक के अंतिम संस्कार के लिए उनकी पत्नी के अलावा उनका बेटा या परिजन या गांववाले कोई नहीं पहुंचे। जिला प्रशासन के सहयोग से पत्नी ने पति को मुखाग्नि देकर सिमरिया गंगा तट पर अंतिम संस्कार किया।
यह मामला बखरी थाना क्षेत्र के शकरवासा गांव का है। त्रिभुवन सिंह को तबीयत बिगड़ने पर 28 मई की शाम सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। 31 मई की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इलाज के दौरान देखभाल के लिए उनकी पत्नी सदर अस्पताल में मौजूद थी। त्रिभुवन सिंह की मौत की सूचना परिजनों और गांववालों को भी दी गई लेकिन आज सुबह तक कोई भी दाह संस्कार के लिए नहीं पहुंचा।
पत्नी के अनुरोध पर सदर एसडीओ संजीव चौधरी ने बरौनी सीईओ को दाह संस्कार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। जिसके बाद सिमरिया गंगा तट पर शव वाहन से शव को भेजा गया और सरकारी गाइडलाइन के तहत सारी व्यवस्था कर त्रिभुवन सिंह का अंतिम संस्कार कराया गया। पत्नी ने अपने पति को पीपीई किट पहनकर मुखाग्नि दी।
पत्नी ने बताया कि गांववाले किसी के नहीं होते हैं, बेटा- बेटी भी नहीं आए, हमारा पति था। हम अपना कर्म कर रहे हैं।
एसडीओ संजीव चौधरी ने बताया कि मरीज की मौत के बाद सूचना परिजनों को दी गई थी लेकिन कोई नहीं आया, जिसके बाद पत्नी ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया है। अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था सरकारी गाइडलाइन के तहत जिला प्रशासन के द्वारा सिमरिया गंगा घाट पर कराई गई थी।