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कोविड -19

Migrant Workers: कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वदेश लौटे कामगारों में से 39.1 प्रतिशत को नहीं मिली थी मजदूरी - रिपोर्ट

Janjwar Desk
1 Oct 2021 9:23 AM GMT
Migrant Workers: कोरोना की पहली लहर के दौरान स्वदेश लौटे कामगारों में से 39.1 प्रतिशत को नहीं मिली थी मजदूरी - रिपोर्ट
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( कोरोना महामारी के दौरान खाड़ी देशों में भारतीय कामगार)

Migrant Workers: सर्वे के मुताबिक 39.1 प्रतिशत कामगारों को मजदूरी का भुगतान न करने का सामना करना पड़ा, जबकि 8.8 प्रतिशत कामगारों ने बिना किसी मजदूरी के महामारी के दौरान काम किया....

Migrant Workers जनज्वार। कोरोना महामारी (Covid 19) की पहली लहर के दौरान मध्य पूर्वी (Middle East) देशों से वापस लाए गए प्रवासी कामगारों (Migrant Workers) के बीच किए गए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चलता है कि उनमें से 39.1 प्रतिशत को मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया।

भारतीय प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मजदूरी की चोरी पर यह रिपोर्ट आईआईएमडी (Centre for Indian Migrant Studies and International Institute of Migration and Development) के द्वारा प्रकाशित की गई है। इस रिपोर्ट को आईआईएमडी के अध्यक्ष प्रो. एस इरुदया राजन और रिसर्च फेलो सी.एस. अखिल ने लिखा है।

इस मजदूरी की चोरी में कामगारों के पारिश्रमिक का भुगतान न करना, न्यूनतम वेतन से कम वेतन का भुगतान और ओवरटाइम काम का भुगतान न करना शामिल है।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह सर्वे केरल और तमिलनाडु (Kerala And Tamilnadu) के 2252 प्रवासी कामगारों के बीच किया गया था जिन्हें मई 2020 और दिसंबर 2020 के दौरान स्वदेश लाया गया था। इन दोनों राज्यों में वापस लाए गए कामगगारों का एक बड़ा हिस्सा था। उत्तरदाताओं में से 49.1 प्रतिशत संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब से लौटे हैं।

सर्वे के मुताबिक 39.1 प्रतिशत कामगारों को मजदूरी का भुगतान न करने का सामना करना पड़ा, जबकि 8.8 प्रतिशत कामगारों ने बिना किसी मजदूरी के महामारी के दौरान काम किया और 18.2 प्रतिशत ने वेतन कटौती का सामना किया।

स्वदेश लौटने वाले कामगारों में 45.5 प्रतिशत ने नौकरी छूटने के कारण स्वदेश लौटे। जबकि 28.4 प्रतिशत कामगारों ने कोरोना महामारी के डर से वापसी की।

कोरोना महामारी (Covid 19 Panedamic) के दौरान नौकरी गंवाने वालों में अधिकांश कामगारों (30.18 प्रतिशत) को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। 18.7 प्रतिशत कामगारों को उनके वेतन के भुगतान के बिना घर वापस जाने की सलाह दी गई थी। जबकि 2.6 प्रतिशत कामगारों को काम से बर्खास्त करने की धमकी दी गई थी। इनमें से केवल 12.79 प्रतिशत को ही मजदूरी और बकाया राशि के साथ स्वदेश लौटने का विकल्प मिला।

सर्वे (Survey) के मुताबिक उत्तरदाताओं में 32.2 प्रतिशत औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Sector) में काम कर रहे थे जबकि निर्माण (Construction) और आतिथ्य क्षेत्रों (Hospitality) में कामगार क्रमश: 15.1 प्रतिशत और 12.3 प्रतिशत थे।

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, स्वदेश वापसी करने वालों में सिर्फ 0.79 प्रतिशत ही कर्मचारी थे। सरकारी कर्मचारियों की वापसी बताता है कि खाड़ी देशों में निजी और अनौपचारिक क्षेत्र (Private And Informal Sector) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कामगारों के वेतन की चोरी के 11 सामूहिक मामले दर्ज किए गए जिनमें 741 कर्मचारी शामिल थे।

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, स्वदेश वापसी करने वालों में सिर्फ 0.79 प्रतिशत ही कर्मचारी (Worker) थे। सरकारी कर्मचारियों की वापसी बताता है कि खाड़ी देशों में निजी और अनौपचारिक क्षेत्र (Private And Informal Sector) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कामगारों के वेतन की चोरी के 11 सामूहिक मामले दर्ज किए गए जिनमें 741 कर्मचारी शामिल थे। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और सऊदी अरब (Saudi Arabia) को भारतीय कामगारों (क्रमश: 324 और 124) से वेतन चोरी पर सबसे ज्यादा शिकायतें मिलीं।

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