कोरोना मरीजों के लिए देवदूत बने कानपुर के सिख, शुरू किया ऑक्सीजन लंगर डॉक्टरों के परिजन भी ले रहे लाभ
जनज्वार, कानपुर। कोरोना महामारी के संकट में जब सरकार महज गाल बजा रही है तब ऐसे में सिख समाज के लोग निकलकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। ऑक्सीजन की जद्दोजहद में टूटती सांसो को बचाने के लिए सिख समुदाय ने सराहनीय पहल की है। शहर के सभी अस्पतालों में भटकने और मायूस होने के बाद कोने-कोने से लोग इनके पास आ रहे हैं और ठीक होकर जा रहे हैं। यहां तक की शहर के डॉक्टर खुद अपने परिजनो को इनके ऑक्सीजन लंगर में लेकर आ रहे हैं।
इस लंगर सेवा का आज तीसरा दिन है। श्री गुरू सिंह सभा लाटूश रोड ने शहर के सभी गुरूद्वारों सिख समाज के धार्मिक व सामाजिक संगठनो के सहयोग से मंगलवार 27 अप्रैल को ऑक्सीजन लंगर सेवा शुरू की है। इस लंगर के लिए सबसे पहले गुमटी गुरूद्वारे के बाहर 9 बेड का ऑक्सीजन लंगर लगाया गया था। इस महामारी के वक्त जब लोग आपदा में अवसर खोज रहे, कई गुने अधिक दाम वसूले जा रहे हैं तब सिखों की यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क है।
कीर्तनगढ़ गुरूद्वारा गुमटी के सेवादार मंजीत सिंह गिल ने जनज्वार से बात करते हुए बताया कि अभी तक 200 लोग यहां से लाभ लेकर, ठीक होकर जा चुके हैं। हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं जनता के लिए। सरकार अथवा प्रशासन से मदद मिलने की बाबत मंजीत सिंह कहते हैं कि मदद तो दूर की बात है फोन तक नहीं उठता है। ना डीएम, ना कमिश्नर, ना कोई नेता मतलब ही नहीं है। जो है ये हम लोग अपनी तरफ से कर रहे हैं। मरीजों को नाश्ता या खाने की व्यवस्था भी हम लोग करवा रहे हैं, फ्री ऑफ कास्ट।
रतन लाल नगर के इस ऑक्सीजन लंगर में आज यशोदा नगर, गल्ला मंडी नौबस्ता, कल्याणपुर जैसी दूर-दराज जगहों से लोग आए थे। इन जगहों के बीच रास्ते में अनगिनत छोटे और बड़े अस्पताल पड़ते हैं, ये सभी लोग इन अस्पतालों में भटकने के बाद सिखों की निस्वार्थ सेवा पाने के लिए यहां आए थे। यहां इलाज ले रहे कई लोगों से हमने बात की तो पता चला किसी अस्पताल में बेड नहीं तो किसी में ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। इस समय सबसे अधिक किल्लत ऑक्सीजन की हो रही है, यूपी में।
आम इंसान ही नहीं शहर के डॉक्टर भी इस लंगर में अपने अपनो को लेकर आ रहे हैं। जनज्वार से बात करते हुए डॉक्टर मिनाक्षी कहती हैं कि दो दिन से हम लोग भटक रहे हैं। मेरी मां की तबियत अधिक खराब थी। कहीं किसी अस्पताल में इलाज और ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। मै खुद भी डॉक्टर हूँ तब ये हालात पैदा हो रहे हैं। मैं अपनी मां को आज यहां लेकर आई हूँ, यहां आते ही उन्हें तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध हो पाई तब जाकर अब उन्हें कुछ राहत महसूस हो रही है।
एक मिनाक्षी ही नहीं वरन शहर और पूरे उत्तर प्रदेश के लोग पूछ रहे हैं, सवाल कर रहे हैं कि जब ऑक्सीजन यहां पूरी है तो है कहां? किसी जरूरतमंद को ऑक्सीजन मिल क्यों नहीं रही है। मुख्यमंत्री के बोलने से अगर सब पूरा हो जा रहा है तो कमी फिर क्यों सामने आ रही है। ये सभी झूठ बोलने के अलावा और कुछ भी नहीं कर रहे हैं। लेकिन सूबे के मुखिया को शायद जनता की दिक्कतों से कुछ भी लेना देना नहीं है।