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कोविड -19

यूपी: तीन गांवों में बुखार और सांस फूलने की शिकायत के बाद 70 लोगों की मौत, दहशत में लोग

Janjwar Desk
21 May 2021 10:32 AM GMT
यूपी: तीन गांवों में बुखार और सांस फूलने की शिकायत के बाद 70 लोगों की मौत, दहशत में लोग
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(प्रशासन के आंकड़े इस वजह से सही हो जाते हैं कि मृतक के घरवालों के पास कोई सबूत नहीं है)

ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को फोन पर बताया भी लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुध ली और न ही प्रशासन ने। दहशत के चलते यहां के लोग जांच भी नहीं करा रहे हैं....

जनज्वार डेस्क। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के तीन गांवों में कोरोना की दूसरी लहर के बीच 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अधिकांश लोगों को पहले सर्दी-जुकाम की शिकायत हुई, इसके बाद अगले दिन बुखार आया और तीसरे दिन सांस फूलने से मौत हो गयी। हालांकि प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि कोरोना के बाद से सिर्फ 188 लोगों की मौत हुई लेकिन गांवों में तबाही की तस्वीर बताती है कि आंकड़ों में हेराफेरी हो रही है।

जानकारी के मुताबिक बीघापुर तहसील के टेढ़ा गांव, पुरवा तहसील के पाठकपुर और सेमरी गांव में कोरोना की दूसरी लहर में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें किसी का कोरोना टेस्ट नहीं हुआ तो कुछ की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। प्रशासन के आंकड़े इस वजह से सही हो जाते हैं कि मृतक के घरवालों के पास कोई सबूत नहीं है। इन गांवों में मौतों का सिलसिला अब भी जारी है। गांव के लोग दहशत में हैं।

बीघापुर तहसील के तहत टेढ़ा गांव में सात हजार की आबादी है। लोगों की लगातार हो रहीं मौतों के बाद से कई घरों के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। डेढ़ माह में सिंतरी प्रजापति, मुन्ना सोनी, राम बहादुर रैदास, पुत्तीलाल, रामरती समेत 40 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। एक घर से तीन-तीन जाने गईं। मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।

ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को फोन पर बताया भी लेकिन न तो स्वास्थ्य विभाग ने कोई सुध ली और न ही प्रशासन ने। दहशत के चलते यहां के लोग जांच भी नहीं करा रहे हैं। गांव में कैंप लगाकर जांच करें तो संक्रमितों का आंकलन हो सकेगा।

वहीं पुरवा तहसील के सेमरी व पाठकपुर गांव में एक महीने में तीन दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी हैं। सेमरी गांव की आबादी 1 हजार है। सेमरी गांव में अब भी हर हफ्ते जुकाम-बुखार, खांसी और ऑक्सीजन की कमी के चलते 2-3 लोगों की मौत होती रही।

एक ही हफ्ते में ही सेमरी गांव की तारावती, रामा देवी, शालिनी शुक्ल, कल्लू शुक्ल, नीरज गुप्त, कांति तिवारी, गंगा प्रसाद कश्यप, श्यामा, शुभई, हरिनारायण व लल्लू आदि की मौत हो गयी।

जबकि पाठकपुर गांव, जिसकी आबादी 1500 है, में हफ्तेभर के भीतर रामकुमार, शिवप्रसाद तिवारी, सुरजा देवी, पुत्तन शुक्ल, सघन लाल, गया कुशवाहा, राम मिलन, सरोजनी, सरजू प्रसाद, अशोक, राजेश जायसवाल आदि की मौत हुई। एक हफ्ते से मौत का सिलसिला थमा है और बीमारों की संख्या भी घट चुकी है।

खबरों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम भी गांवों में जाकर बीमार लोगों को चिह्नित कर रही है। एक दर्जन लोग ही सर्दी व बुखार से पीड़ित पाए गए हैं। सफाई व सेनेटाइजेशन का नहीं हो रहा है।

इस मामले में सीएमओ डॉ. आशुतोष ने कहा कि उन्हें बुखार से मौतों की जानकारी नहीं है। स्थानीय अस्पताल प्रशासन ने टीमें जरूर भेजी होंगी। अब जानकारी हुई तो बुखार से पीड़ित लोगों की पहचान के लिए मेडिकल टीमों को गांव भेजेंगे। सभी की जांच कराई जाएगी।

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