दिल्ली में एक ही सरकारी स्कूल से 22 छात्रों ने किया नीट में पास, 5 का हुआ आईआईटी में दाखिला
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नई दिल्ली। दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के 27 छात्रों ने इस वर्ष जेईई और नीट परीक्षाओं में कामयाबी हासिल की है। इन सभी छात्रों ने दिल्ली आरपीवीवी, पश्चिम विहार स्कूल से पढ़ाई की है। मंगलवार 27 अक्टूबर को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस स्कूल का दौरा किया। इस साल इस स्कूल के 5 बच्चे आईआईटी में दाखिला ले रहे हैं। इसी स्कूल के 22 बच्चों ने नीट की परीक्षा भी क्वालीफाई की है।
सिसोदिया नें स्कूल जाकर वहां के शिक्षकों और प्रिंसिपल को इस ऐतिहासिक सफलता की बधाई दी। सिसोदिया ने कहा, "जिस तरह आपके स्कूल से 5 बच्चे आईआईटी में और 22 बच्चे नीट की परीक्षा में सफल हुए हैं, वैसा ही कमाल बाकी सभी स्कूल भी कर सकते हैं। आज मैं आपको इस सफलता की बधाई देने आया हूं। आपकी बेस्ट प्रैक्टिस से अन्य स्कूल भी सीख सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "5 साल पहले हमने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा का सपना देखा था। अब 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 98 फीसदी रिजल्ट आने और जेईई और नीट में मिली सफलता बताती है कि हमारा सपना साकार हो रहा है। इससे यह भी पता चलता है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता काफी उच्चस्तरीय हो चुकी है। हमें इन सफलताओं से सीखते हुए दिल्ली की शिक्षा-क्रांति को इतना कारगर बनाना है, ताकि इससे देश ही नहीं, पूरी दुनिया को प्रेरणा मिले।"
मीटिंग के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने अपनी बेस्ट प्रेक्टिस की विस्तार से जानकारी दी। प्रिंसिपल प्रीति सक्सेना ने कहा, "हम लोग छठी से आठवीं कक्षा के दौरान ही बच्चों को सभी प्रकार के शैक्षणिक कैरियर के बारे में जागरूक करते हैं, ताकि वे अपना सही रास्ता चुन सकें। हमने फाइव-सी मॉडल अपनाया है। इसमें कनेक्ट, काउंसिलिंग, कांस्टेंट मोटिवेशन, क्यूरियोसिटी और क्रिएटिव थिंकिंग शामिल है।"
शिक्षकों ने बताया, "हमने बच्चों को रोचक एवं व्यावहारिक तरीकों से सिखाने की भरपूर कोशिश की। जैसे, फिजिक्स कांसेप्ट समझाने के लिए मैकेनिकल लैब का उपयोग किया जाता है।"
शिक्षकों ने कहा, "हमने बच्चों की यह धारणा बदलने का भरपूर प्रयास किया कि जेईई, नीट में सफलता के लिए कोचिंग जरूरी है। बच्चों ने हम पर भरोसा किया और सफलता मिली। शिक्षकों ने यह भी बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा हमें कैम्ब्रिज और सिंगापुर में मिले प्रशिक्षण का भी इस सफलता में बड़ा योगदान है। साथ ही, हमें मिले टैबलेट जैसे उपकरणों ने भी अच्छी तरह शिक्षण में काफी मदद की।"