UP : हाड़ कंपाती ठंड में हाफ कपड़ों में बच्चों से खुले में करवाया योगा, खबर दिखाने वाले 3 पत्रकारों पर FIR
जनज्वार, कानपुर देहात। यूपी के योगीराज में पत्रकारों पर मुकदमे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। नया मामला कानपुर देहात से सामने आया है। यहां एक विद्यालय में राज्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम में जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही देखने और उस लापरवाही की खबर चलाने को लेकर तीन पत्रकारों पर मुकदमा कर दिया गया।
यूपी स्थापना दिवस यानी 24 जनवरी के दिन हाड़ कंपाने वाली ठंड में अधिकारियों ने बच्चों को हाफ पेंट और हाफ टीशर्ट में कई घंटों तक खुले आसमान के नीचे खड़ा रखा, जबकि अधिकारी पूरे कपड़े पहन कर कुर्सियों पर बैठे हुए आराम फरमाते रहे। जब यह खबर कुछ लोकल पत्रकारों ने अपने चैनल पर चलाई तो उन पर मुकदमा कर दिया गया।
इस मामले में जिन तीन पत्रकारों पर मुकदमा हुआ है उनमें से एक मोहित कश्यप ने जनज्वार संवादाता को बताया कि वह कानपुर से प्रसारित के.न्यूज़ के पत्रकार हैं। इसके अलावा अमित सिंह और यासीन अली पर एफआईआर नम्बर 54/2021 की धारा 505 व 506 में 25 जनवरी को मुकदमा दर्ज कर दिया। मोहित का कहना है जबकि इस मामले में डीएम देहात को संज्ञान लेकर जांच करवानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ न करते हुए उन लोगों पर मुकदमा दर्ज करवा दिया गया।
जनज्वार को मिले वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है। यूपी के कानपुर देहात अकबरपुर इको पार्क की यह तस्वीरें 24 जनवरी को यूपी स्थापना दिवस कार्यक्रम की हैं। शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में बुलाया गया और कानपुर देहात के बीएसए ने बच्चों को यह फरमान सुना दिया कि कोई भी बच्चा जर्सी और पूरी पेंट नहीं पहनेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार एक तरफ बच्चों को सर्दी से बचने के लिए जर्सी और जूते देने की बात कहती करती हैए वहीं दूसरी तरफ उनके ही अधिकारी बच्चों को बिना जर्सी जूते पहनाये खड़े रखे हैं, जबकि योगी सरकार गरीबों को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दे रही है, लेकिन उनके अधिकारी सरकार के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं।
अकबरपुर के इको पार्क में छोटे.छोटे मासूम बच्चों को घरों से बुलाया जाता है और वहां पर खुले आसमान में बच्चों के शरीर से गर्म कपड़ों को उतरवा दिया जाता है और हाफ टीशर्ट और हाफ पैंट में बच्चों को कई घंटों तक खड़ा रखा जाता है। वहीं अधिकारी गर्म कपड़े पहने हुए कुर्सियों पर आराम से बैठे हुए नजर आ रहे हैं। कानपुर देहात के डीएम साहब पूरे कपड़े पहन कर यहां तक की जूते भी पहन कर योगा करते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं।
यहां सवाल यही है कि क्या अधिकारियों को बच्चों की कोई परवाह नहीं है? क्या बच्चों के लिए सर्दी नहीं है, जो बच्चों के गर्म कपड़े भी अधिकारियों ने उतरवा दिए। सवाल यह भी है कि जब अधिकारी कपड़े पहनकर योगा कर सकते हैं, तो बच्चे क्यों नहीं कर सकते। इन तस्वीरों को देहात के तीन पत्रकारों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और अधिकारियों और शिक्षा विभाग की हकीकत को सबके सामने उजागर कर दिया।
मीडिया में खबर आने के बाद बौखलाए अधिकारी पहले तो पत्रकारों को धमकाते हैं फिर उन पर मुकदमा भी करवा देते हैं। इन पत्रकारों ने बच्चों के माता-पिताओं से भी बात की तो बच्चों के माता-पिता ने भी कहा और बच्चों ने भी अपना दर्द बयां किया।
एक बच्चे की मां कहती है, अगर हमारे बच्चे बीमार हो जाते हैं तो इसका जिम्मेदार शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन होगा। बच्चे भी कह रहे हैं कि हमको बहुत सर्दी लग रही थी, लेकिन हमको जबरदस्ती खड़ा कर रखा था। अब देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सच्चाई दिखाने वाले पत्रकारों का साथ देते हैं या तानाशाह बीएसए और अपने अफसरों का साथ देते हैं।
पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमे को लेकर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता सरकार को आइना दिखाने का काम करती है। यूपी के कानपुर देहात में यूपी स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जहाँ अफसर सूट.बूट में मौजूद थेए वहीं छोटे.छोटे बच्चों को इस हाड़ काँपने वाली ठंड में हाफ ड्रेस में योगा कार्यक्रम में शिरकत कराया गया।
जब पत्रकारों ने ये खबर प्रसारित की तो ख़बर का संज्ञान लेकर लापरवाह अफसरों पर कार्यवाही की जगह पत्रकारों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जो कि सरासर अन्याय है, यह सच को दबाने की कोशिश है। सच की आवाज़ उठाना पत्रकारों का कर्त्तव्य था जो उन्होंने किया लेकिन तीन पत्रकार पर ये मुकदमा तानाशाही है, जिसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर जल्द ये झूठा मुकदमा समाप्त नही होता तो 'कानपुर जर्नलिस्ट क्लब' पूरे प्रदेश के पत्रकारों को लामबंद करके चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होगा।