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पर्यावरण

रांची में PM मोदी के सपनों की स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 900 पेड़ काटे जाएंगे, लोगों ने शुरू किया विरोध

Janjwar Desk
27 Sep 2020 3:16 AM GMT
रांची में PM मोदी के सपनों की स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 900 पेड़ काटे जाएंगे, लोगों ने शुरू किया विरोध
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रांची के एचइसी इलाके का फाइल फोटो, जहां स्मार्ट सिटी का निर्माण होना है।

रांची में स्मार्ट सिटी निर्माण के लिए करीब 900 पेड़ काटे जाएंगे। वन विभाग की हाइपाॅवर कमेटी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी एल एंड टी को इसकी अनुमति दे दी है, जिससे पेड़ों की कटाई का रास्ता साफ हो गया है।

जनज्वार। झारखंड की राजधानी रांची अपनी हरियाली और प्राकृतिक वातावरण के लिए जानी जाती है। इसी वजह से रांची को पूर्वी भारत के सबसे सुकून दायक शहरों में एक माना जाता है। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनोे के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रांची में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जाने की तैयारी है।

रांची के धुर्वा इलाके में स्मार्ट सिटी बन रही है। यह इलाका एचइसी यानी हैवी इंजीनियरिंग काॅरपोरेश के इलाके के रूप में भी जाना जाता है। एचइसी देश के लिए भारी मशीनरी उपकरण तैयार करती है, लेकिन यह औद्योगिक क्षेत्र अब रूग्णावस्था में है। इसी के क्षेत्र के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है।

रांची में स्मार्ट सिटी निर्माण के लिए करीब 900 पेड़ काटे जाएंगे। वन विभाग की हाइपाॅवर कमेटी ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी एल एंड टी को इसकी अनुमति दे दी है, जिससे पेड़ों की कटाई का रास्ता साफ हो गया है।

हालांकि इसके बाद स्थानीय लोग गोलबंद हो गए हैं और वार्ड पार्षद सहित अन्य ने पेड़ों की कटाई का विरोध किया है। वहीं, एल एंड टी कंपनी के प्रतिनिधि सुमित कुमार ने कहा है कि यहां स्मार्ट सिटी के लिए 30 मीटर चैड़ी सड़क बनायी जानी है। अस्पताल, पानी टंकी और पाॅवर सब स्टेशन का भी निर्माण किया जाना है। इसी कार्य के लिए पेड़ों को काटा जा रहा है। इसको लेकर रांची के एसएसपी व रेंजर को भी सूचना दी गई है ताकि पेड़ों कटाई में स्थानीय लोगों के विरोध का सामना न करना पड़े।

दूसरी ओर वार्ड संख्या - 39 के स्थानीय पार्षद वेद प्रकाश सिंह ने 20-25 लोगों के साथ शनिवार को मौके पर पहुंच कर पेड़ों की कटाई रुकवा दी। वेद प्रकाश सिंह ने कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि एक भी पेड़ नहीं काटने दिया जाएगा। उनकी ओर से कहा गया कि जब यहां कारखाना लग रहा था तभी इन पेड़ों को लगाया था और ये 4. से 50 साल पुराने पेड़ हैं। उन्होंने कहा कि इन पेड़ों को पर्यावरण की रक्षा के लिए लगाया गया था।

वहीं, कंपनी की ओर से पिछले तीन-चार दिनों में अबतक 300 पेड़ों की कटाई की जा चुकी है। कंपनी के प्रतिनिधियों का दावा है कि निर्माण कार्य के लिए ऐसा करना आवश्यक है और हमें दूसरी जगह पेड़ लगाने का भी ठेका मिला है।

इस मामले में वन प्रमंडल पदाधिकारी अशोक दुबे ने कहा कि हाइ पाॅवर कमेटी की अनुशंसा के बाद ही पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई है। इसके बदले कंपनी को 10 गुना पेड़ लगाने होंगे और इस कार्य की समय-समय पर मानिटरिंग की जाएगी।

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