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एनएचआरसी ने क्यों माना आजादी के 75 साल बाद भी देश में आरक्षण का लागू रहना जरूरी

Janjwar Desk
12 Oct 2022 9:38 AM GMT
एनएचआरसी ने क्यों माना आजादी के 75 साल बाद भी देश में आरक्षण का लागू रहना जरूरी
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एनएचआरसी ने क्यों माना आजादी के 75 साल बाद भी देश में आरक्षण का लागू रहना जरूरी

Reservation in India : समाज के वंचित वर्गों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अभी और सकारात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है।

Reservation in India : पिछले कुछ वर्षों से संविधान प्रदत्त आरक्षण ( resrvation ) की व्यवस्था को लेकर बहस चरम पर है। देश की बड़ा तबका आरक्षण हर हाल में बरकरार रखना चाहता है तो एक तबका ऐसा है जो मानता है कि आरक्षण की अब कोई जरूरत नहीं है। ओवरआल इस बात पर सहमति सभी के बीच है कि आरक्षण का लाभ उन लोगों मिलना चाहिए, जो इसके सही मायने में हकदार हैं।

बहस के बीच आरक्षण ( reservation in India ) समाप्त करने का अभी सही समय नहीं है, पर क्यों, इसका जवाब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC ) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ( Justice Arun Mishra ) अरुण मिश्रा एक साक्षात्कार में दिया है। जस्टिस अरुण मिश्रा का कहना है कि समाज के वंचित वर्गों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कई कदम उठाए गए हैं लेकिन समाज के हाशिए पर खड़े लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अभी और सकारात्मक कार्रवाई करने की जरूरत है।

NHRC के स्थापना दिवस पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि आरक्षण का लाभ समाज के सबसे निचले तबके तक नहीं पहुंचा है। कारागारों की स्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अब यह स्पष्ट करने का समय आ गया है कि समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए उन वर्गों को भी आरक्षित श्रेणी के तहत आरक्षण मुहैया कराया जाए, जिन्हें अब तक यह सुविधा नहीं मिली है, क्योंकि आरक्षण का फायदा समाज के निचले तबके तक नहीं पहुंचा है। इतना ही नहीं, जस्टिस अरुण मिश्रा ( Justice Arun Mishra ) ने मानवाधिकारों से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर भी बात की और कहा कि लैंगिक समानता भी सभी के लिए जरूरी है।

जस्टिस दास ने भी कही थी यही बात

हाल ही में कर्नाटक सरकार ने राज्य में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला लिया था। उस दौरान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में दोनों सदनों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें जस्टिस नागमोहन दास कमेटी रिपोर्ट पर चर्चा हुई। सीएम ने कहा था कि जनसंख्या के आधार पर एससी/एसटी कोटा में इजाफा लंबे समय से लंबित था।

शैक्षिक विकास पर भी ध्यान देने की जरूरत

Reservation in India : द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि आज कुछ एससी/एसटी आरक्षण का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इसकी वजह बुनियादी शिक्षा नहीं होना है। उनका कहना है कि सरकारी नौकरी में न्यूनतम शिक्षा की जरूरत होती है और उनमें से कुछ के पास यह योग्यता नहीं है। ऐसे में सरकार को उनकी शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए।

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