Madhya Pradesh News : पत्नी के व्रत के चलते अस्पताल नहीं पहुंचा डॉक्टर, इलाज के अभाव में मासूम ने मां की गोद में ही तोड़ा दम
Madhya Pradesh News : पत्नी के व्रत के चलते अस्पताल नहीं पहुंचा डॉक्टर, इलाज के अभाव में मासूम ने मां की गोद में ही तोड़ा दम
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश सरकार के लाख दावों के बाद भी स्वास्थ्य महकमें में कोई परिवर्तन नहीं आ पा रहा है। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण इलाकों में हालात और भी बदतर हैं। जो लोगों की जान तक लेने पर आमादा हो गई हैं। यहां स्थित बरगी के स्वास्थ्य आरोग्यम केंद्र में तो लापरवाही की इस कदर इंतहा हुई कि जिसने भी सुना उसका कलेजा मुँह को आ गया।
यहां कोई इस्तीफा नहीं देगा,ये बेशर्मों का देश है...5 साल का बच्चा आरोग्य केन्द्र पहुंच गया लेकिन उसे देखने कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा,मां की गोद में उसने दम तोड़ दिया @narendramodi @mansukhmandviya @ChouhanShivraj ये है आपके विकास का मॉडल! @DrPRChoudhary ये आपका ही विभाग है ना! pic.twitter.com/Ow7ORwOik4
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 1, 2022
यहां अस्पताल में डॉक्टर न होने से इलाज के अभाव में मां की गोद सूनी हो गई। मासूम बेटे ने तड़पकर मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। दरअसल, चरगवां थानाक्षेत्र के तिनहेटा देवरी निवासी मासूम के पिता संजय पन्द्रे अपने 5 वर्षीय मासूम बेटे ऋषि पन्द्रे को इलाज के लिए बरगी के स्वास्थ्य आरोग्यम केंद्र लेकर पहुंचे थे। लेकिन, अस्पताल में न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी मिला और न ही डॉक्टर।
बेबस मां और परिजन काफी देर तक बेटे को लेकर अस्पताल के दरवाजे पर ही इंतजार करते रहे, लेकिन कई घंटों तक जब डॉक्टर नहीं पहुंचा तो मासूम बालक ने अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया। हैरानी की बात तो यह है कि मासूम की मौत के कई घंटों बाद भी अस्पताल में पदस्थ न तो डॉक्टर पहुंचे और न ही इलाके की बीएमओ, जिससे परिजनों का गुस्सा गहरा गया और उन्होंने डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए।
नाराज परिजनों का कहना है कि समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम की जान बच जाती। ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी लाने के भले ही लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन अस्पताल के दरवाजे पर मां की गोद में 5 साल के बच्चे की मौत का होना सिस्टम पर कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
इधर, कई घंटे देरी से पहुंचे अस्पताल के डॉक्टर ने देरी से आने की अपनी अलग ही वजह बताई, उनकी मानें तो एक दिन पहले उनकी पत्नी का व्रत था लिहाजा उन्हें अस्पताल पहुंचने में देर हो गई। ग्रामीण परिवार ने अपने 5 साल के मासूम बच्चे को तो हमेशा के लिए खो दिया, लेकिन इस घटना के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही होती है यह देखने वाली बात होगी।