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स्वास्थ्य

2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मास्क पहनाना खतरनाक, सीडीसी की अभिभावकों को चेतावनी

Janjwar Desk
21 Jun 2020 7:40 AM GMT
2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मास्क पहनाना खतरनाक, सीडीसी की अभिभावकों को चेतावनी
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प्रतीकात्मक
सेंटर्स फ़ॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रोटेक्शन (CDC) ने अभिभावकों को आगाह किया है कि बच्चों का विशेष ख्य्याल रखें, सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे अच्छा बचाव है...

जनज्वार ब्यूरो। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण अभिभावक अपने बच्चों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित हैं। बच्चों को वायरस से बचाने के लिए स्कूल बंद कर दिए गए हैं और बच्चे घरों में बंद हैं। लेकिन नवजात और दो साल के बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष चिंता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक जिस तरह से वयस्क को कोरोना वायरस का संक्रमण हो सकता है उसी तरह से नवजात और कम उम्र के बच्चों को भी हो सकता है।

सीडीसी का कहना है कि सामाजिक दूरी ही सबसे बेहतर विकल्प है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए, लेकिन अगर दो वर्ष के आयु के ऊपर के बच्चों को बाहर ले जाया जा रहा है तो उन्हें मास्क पहनाया जा सकता है। नवजात और दो साल के उम्र के बच्चों को मास्क पहनाने से घुटन हो सकती है। छोटे बच्चों को मास्क पहनाना खतरनाक हो सकता है।

छोटे बच्चों की श्वास नलिका संकरी होती है, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। मास्क लगा होने से उन्हें और अधिक जोर लगाना पड़ सकता है। अगर बच्चा चेहरे से मास्क हटाने की कोशिश करेगा तो उससे जख्मी होने का खतरा बना रहेगा। सीडीसी के मुताबिक कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सबसे बेहतर उन्हें घर पर ही रखना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मास्क को लेकर कई दिशा निर्देश जारी कर चुका है। दिशा-निर्देश में मास्क के इस्तेमाल से लेकर उसको नष्ट करने तक बताए गए हैं।

बिहार के सारण जिला के सिविल सर्जन डॉक्टर माधवेश्वर झा ने इसपर विशेष जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जोखिम लेने से अच्छा है कि घर पर रहकर इस बीमारी से बचें और व्यस्क सदस्य घर पर रहने के दौरान भी हाथ को अच्छी तरह से साबुन से धोएं और हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

बच्चे कितने भी शरारती क्यों ना हों, लेकिन नई चीजों को सीखने और समझने की उनकी स्पीड बड़े लोगों की तुलना में अक्सर अच्छी होती है, इसलिए बच्चों को कोरोना के बारे में और इसकी गंभीरता के बारे में जरूर बताएं।

सोशल डिस्टेंसिंग क्या है, यह क्यों जरूरी है और यह कोरोना से हमें किस तरह बचाता है, जैसी बातों को समझाएं। बच्चा सभी बातों को गंभीरता से समझेगा। अगर बच्चा दो साल से बड़ा है तो मास्क की उपयोगिता पर भी चर्चा करें।

सिविलसर्जन ने यह भी कहा कि बच्चे को खाना खाने से पहले हाथ धोने और अपने चेहरे तो छूने से पहले हाथ सेनिटाइज करने के बारे में बताएं।

बच्चा अगर फास्ट फूड की जिद करे तो उसे इस फूड से होनेवाले नुकसान और कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बारे में बताएं। बच्चे को हेल्दी डायट और इससे होनेवाले लाभ की भी डिटेल जानकारी दें।

अगर बच्चे को खांसी और बुखार की समस्या हो रही है तो घबराएं नहीं। ध्यान रखें कि ये लक्षण कॉमन कोल्ड और फ्लू के भी होते हैं। लेकिन इस स्थिति में भी हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। नजदीकी अस्पताल में लेकर जाएं। बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से वो सभी वैक्सीन्स लगवाएं जो उसे वायरस और बैक्टीरिया के कारण फैलने वाली बीमारियों से बचाएं। बच्चों का सही समय पर और सही तरीके से वैक्सीनेशन कराया जाए तो उन्हें बहुत सारी मौसम जनित बीमारियों से बचाया जा सकता है।

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