Uttar Pradesh News : एक्सीडेंट के बाद 7 महीने से बेहोश पड़ी है महिला, जिंदगी और मौत से जूझते हुए दिल्ली के AIIMS में बच्ची को दिया जन्म
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से चौंका देने वाली खबर सामने आई है। यहां बुलंदशहर की एक 23 वर्षीय महिला बीते करीब सात महीनों से एक सड़क दुर्घटना में सिर की चोट लगने के बाद हुई कई सर्जरी के बाद बेहोश पड़ी है। महिला ने पिछले हफ्ते दिल्ली के एम्स में एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक एक हादसे के समय महिला अपने पति के साथ बाइक पर जा रही थी। इस दौरान उसने हेलमेट नहीं पहना था। आपको जानकारी के लिए बता दें कि यह घटना 31 मार्च 2022 को हुई थी।
हादसे के बाद से बेहोश है महिला
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इस हादसे में महिला के सिर में कई गंभीर चोटें आईं। हालांकि उसकी जान बच गई लेकिन वह बेहोश रही। न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर दीपक गुप्ता का कहना है कि 'वह अपनी आंखें खोलती हैं लेकिन वह कुछ समझने या फिर प्रतिक्रिया देने की स्थिति में नहीं है।' इसके साथ ही डॉ गुप्ता ने कहा कि 'अगर महिला ने हेलमेट पहना होता तो उसकी जिंदगी कुछ और होती।'
महिला के पति ने छोड़ी अपनी नौकरी
महिला का पति प्राइवेट ड्राइवर का काम करता था लेकिन हादसे के बाद उसने यह नौकरी छोड़ दी है। वह अपनी गर्भवती पत्नी की देखभाल कर रहा था। महिला के पति का कहना है कि 'मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं है। मुझे नहीं पता कि क्या करना है और जीवन कैसे चलेगा। सब कुछ ठप हो गया है।'
हादसे के समय 40 दिनों की गर्भवती थी महिला
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार प्रो गुप्ता ने बताया कि एम्स पहुंचने पर महिला 40 दिनों की गर्भवती थी। स्त्री रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने उसकी स्थिति की समीक्षा की और यह पाया गया कि बच्चा स्वस्थ था। गर्भावस्था को समाप्त करने का कोई संकेत नहीं था। डॉक्टरों ने फैसला मरीज के परिवार पर छोड़ दिया। डॉक्टर ने कहा कि 'गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के बजाय उसके पति ने बच्चे को रखने का विकल्प चुना।'
सामान्य रूप से करवाई गई महिला की डिलीवरी
पिछले गुरुवार को एम्स में स्त्री रोग विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा सामान्य प्रसव कराया गया। महिला अपनी बच्ची को दूध नहीं पिला सकती, इसलिए बोतल से दूध दिया जा रहा है। ट्रॉमा सेंटर पहुंचने पर महिला बेहोशी की अवस्था में थी। उसे तुरंत वेंटिलेटर पर रखा गया। अगले दिन उसका ऑपरेशन किया गया। उसके क्षतिग्रस्त मस्तिष्क के हिस्से को हटा दिया गया। चार सप्ताह के बाद उसकी एक और सर्जरी हुई। बाद में उसे वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया। डॉक्टरों ने कहा कि '30 मार्च से 15 जून के बीच कुल पांच न्यूरोसर्जिकल ऑपरेशन किए गए।'