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हमारा मेनिफेस्टो था घोड़ा और मोदी सरकार का बिल गधा, कृषि बिल पर बोले कांग्रेस नेता अहमद पटेल
photo : social media
जनज्वार। जिन बिलों को लेकर देशभर के किसान आंदोलन हैं, प्रदर्शन-धरने और लाठियां तक खा चुके हैं, वह आज लोकसभा से पास हो चुके हैं। कृषि विधेयक आज रविवार 20 सितंबर को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में पेश किये थे।
इस दौरान सदन में खूब हंगामा मचा। बिल की कॉपी तक फाड़ी गयी। किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस के साथ पूरा विपक्ष एकजुट दिख रहा था, बावजूद उसके इस बिल को पास कर दिया गया। इस बिल को पास करने वाली मोदी सरकार पर कांग्रेस ने किसानों की अनदेखी और कॉरपोरेट जगत का हितैषी होने के तमाम आरोप लगाये।
लोकसभा में जब भाजपा की तरफ से कहा गया कि कांग्रेसी घोषणापत्र भी ऐसा ही था तो कांग्रेस के सांसद अहमद पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी का मेनिफेस्टो 'घोड़ा' था, इसकी 'गधे' यानी मोदी सरकार के विधेयक से तुलना ना की जाए। सत्तापक्ष की ओर से इस पर आपत्ति जताई गई और इसे असंसदीय बताया गया।
मोदी सरकार की ओर से पेश कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान अहमद पटेल ने कहा, 'मैं उस बारे में बात करूंगा जो बीजेपी अध्यक्ष ने हमारे मेनिफेस्टो को लेकर कहा। यह अच्छा है कि उन्होंने हमारे मेनिफेस्टो को पढ़ा और इसमें से कुछ पॉइंट निकालकर इस बिल के साथ तुलना की। 2019 लोकसभा चुनाव के लिए हमारा मेनिफेस्टो घोड़ा था और उन्होंने इसकी तुलना गधे से करने की कोशिश की है।'
अहमद पटेल ने कहा, 'मोदी सरकार ने मेनिफेस्टो के 22 पॉइंट में से केवल 2 पॉइंट पढ़े हैं। हमने जो सुधार बताए थे उनका उद्देश्य किसानों की मदद करना है, लेकिन मौजूदा बिल में किसानों की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं है। बिल केवल कॉर्पोरेट की रक्षा करता है।'
अहमद पटेल ने कहा, मोदी सरकार की ओर से लाया गया विधेयक एमएसपी सिस्टम को बर्बाद कर देगा। कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में किसानों की भलाई के लिए कई योजना था, बीजेपी सरकार यदि लागू करना चाहती है तो पूरे घोषणापत्र को लागू करे।
कृषि बिल पास होने से पहले सदन में कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। दोनों दलों के बीच यह नोंकझोंक उस समय हुयी जब कृषि संबंधी दो विधेयकों पर चर्चा में वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने कांग्रेस के बारे में एक टिप्पणी की थी।
रेड्डी ने कृषि विधेयकों का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में ऐसे ही प्रावधानों का समर्थन किया था, लेकिन वह अब विधेयकों का विरोध कर रही है। यह कांग्रेस का दोहरा मापदंड है..। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने रेड्डी की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य का आचरण सदन की परंपराओं के अनुसार नहीं है और उन्हें अपने बयान को वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए।