किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे सांसदों को दिल्ली पुलिस ने पीटा, कांग्रेसी सांसद रविंद्र बिट्टू का आरोप
जनज्वार। किसान बिल पास होने के बाद से इस पर धरने-प्रदर्शन और विरोध के स्वर तेज हो गये हैं। इसे किसान विरोधी ठहराते हुए विपक्ष ने संसद में भी जबर्दस्त हंगामा किया, जिसके बाद कई सांसदों को निलंबित किया गया।
अब इस कड़ी में कांग्रेस सांसद रविंद्र बिट्टू ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने कल (सोमवार) 21 सितंबर को पंजाब कांग्रेस के चार सांसदों के साथ मारपीट की। रविंद्र बिट्टू ने इस मामले को मंगलवार को लोकसभा में उठाया, जिसके बाद विपक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया। इसके कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही भी स्थगित कर दी।
रविंद्र बिट्टू के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस के चार सांसद कल 21 सितंबर की शाम को विजय चौक पर किसानों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति भवन जा रहे थे, जहां दिल्ली पुलिस के जवानों ने हमारे साथ बदसलूकी की। रविंद्र बिट्टू ने कहा कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने हम सांसदों को बुरी तरह पीटा।
कांग्रेसी सांसद द्वारा दिल्ली पुलिस पर लगाये गये इस आरोप के बाद स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें आश्वस्त किया कि मैं इसकी पूरी जानकारी लूंगा। हर सांसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है।
कांग्रेसी सांसद बिट्टू के अलावा डीएमके के भी एक सांसद ने सुरक्षाकर्मियों पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा दो-तीन लोग खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) का कर्मचारी बताते हुए तमिलनाडु हाउस में मेरे कमरे में घुस गये और उन्होंने मुझसे पूछताछ शुरू कर दी। मुझसे सवाल कर रहे थे कि हम लोकसभा में क्या मुद्दा उठाने वाले हैं, तमिलनाडु का क्या मुद्दा उठेगा समेत और भी सवाल कर रहे थे। डीएमके सांसद के इस आरोप पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें आश्वस्त किया कि लिखित में शिकायत दीजिए, हम मामले की जांच करेंगे।
गौरतलब है कि कृषि बिल को लेकर पंजाब से कांग्रेस के चार सांसदों ने सोमवार 21 सितंबर को संसद परिसर में प्रदर्शन किया था। कृषि मंत्री जब लोकसभा में बयान दे रहे थे तब इन सांसदों ने पेपर फाड़कर किसान बिल के प्रति अपना विरोध जताया था। किसान बिल को लेकर राज्यसभा में भी विपक्ष के सांसदों ने खूब हंगामा किया था।
राज्यसभा में किसानों को लेकर आये इस विवादित बिल के पास होने के बाद विपक्षी सांसद जिनमें पंजाब से आने वाले सांसद प्रमुख हैं, इसे किसान विरोधी कहते हुए भारी विरोध कर रहे हैं।