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आजीविका

महंगाई और बेरोजगारी के कारण कर्ज के भंवरजाल में फांसा जा रहा मजदूरों को, धकेला जा रहा आधुनिक गुलामी के दलदल में

Janjwar Desk
23 Feb 2025 8:56 PM IST
महंगाई और बेरोजगारी के कारण कर्ज के भंवरजाल में फांसा जा रहा मजदूरों को, धकेला जा रहा आधुनिक गुलामी के दलदल में
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चुनावी मौसम में बेरोजगारी व अन्य समस्याओं का जवाब देने से बच रहे हैं पीएम मोदी और सीएम योगी। 

देश के 200 बड़े कॉर्पोरेट घरानों पर संपत्ति व उत्तराधिकार टैक्स लगाया जाए तो ठेका मजदूरों को पक्की नौकरी, आंगनबाड़ी, आशा समेत मानदेय व संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतनमान दिया जा सकता है...

अनपरा, सोनभद्र। ठेका मजदूर यूनियन के वार्षिक सम्मेलन की तैयारी में अनपरा, ओबरा समेत कई उद्योगों में किए गए सर्वे में साफ दिखा कि महंगाई और बेकारी ने मजदूरों के हालात को बेहद खराब कर दिया है। उनकी क्रय शक्ति कमजोर हुई है और जीवन जीने की मजबूरी में वह कर्ज के भंवर जाल में फंस रहे है। मजदूरों की इसी मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें आधुनिक गुलामी में धकेला जा रहा है। श्रम कानूनों में मिले अधिकारों को खत्म करने के लिए लेबर कोड लाना और काम के घंटे 12 करना इसी का हिस्सा है। लोकतांत्रिक अधिकारों को लगातार छीना जा रहा है। पूरे मुल्क में तानाशाही कायम है। अपने अधिकारों के लिए बोलना भी गुनाह हो गया है। ये सारी बातें डिबुलगंज के रोटरी क्लब मैदान में आज हुए ठेका मजदूर यूनियन के 22 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व श्रम बंधु व एआईपीएफ प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहीं।

दिनकर कपूर ने कहा कि प्रदेश में दस साल से न्यूनतम वेतन का वेज रिवीजन नहीं हुआ। कानून विरुद्ध एक ही स्थान पर बेहद कम मजदूरी पर मजदूरों से ठेका प्रथा में काम कराया जा रहा है। न्यूनतम मजदूरी समेत मजदूरों को हासिल विधिक अधिकार भी नहीं सुनिश्चित किये गए है। हालात इतने बदतर हैं कि मजदूरों को आम तौर पर सुरक्षा उपकरण भी मुहैया नहीं कराये जाते। कहा कि आज के बेहद चुनौतिपूर्ण माहौल में मजदूरों का मुख्य कार्यभार कि इससे निपटने के लिए बड़े पैमाने पर संवाद कार्यक्रम व वैचारिक अभियान चलाने का है। उम्मीद है कि सम्मेलन इसे साकार करने के लिए कार्यनीति बनायेगा।

रोजगार अधिकार अभियान के कोऑर्डिनेटर राजेश सचान ने कहा कि यदि देश के 200 बड़े कॉर्पोरेट घरानों पर संपत्ति व उत्तराधिकार टैक्स लगाया जाए तो ठेका मजदूरों को पक्की नौकरी, आंगनबाड़ी, आशा समेत मानदेय व संविदा कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतनमान दिया जा सकता है। इतना ही नहीं देश के प्रख्यात अर्थशास्त्रियों का तो यह कहना है कि इस टैक्स से प्राप्त धन से देश के हर नागरिक के गरिमापूर्ण जीवन के संवैधानिक अधिकार की गारंटी, शिक्षा-स्वास्थ्य, रोजगार को सुनिश्चित करना, एक करोड़ खाली सरकारी पदों को भरने और नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा जैसे सवालों को हल किया जा सकता है। इन ज्वलंत मुद्दों को लेकर देशभर के छात्र युवा संगठनों, मजदूर, किसान आंदोलनों और समाज सरोकारी लोगों द्वारा चलाए जा रहे रोजगार अधिकार अभियान से जुड़ने की अपील भी की।

सम्मेलन में एक वर्ष के वार्षिक कामकाज की रिपोर्ट मंत्री तेजधारी गुप्ता ने रखी, जिस पर विभिन्न उद्योगों से आए हुए प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें। रिपोर्ट सर्वसम्मति से पारित की गई। इसके बाद हुए सांगठनिक सत्र में कृपाशंकर पनिका को पुन: अध्यक्ष और तेजधारी गुप्ता को मंत्री चुना गया। इसके अलावा तीरथराज यादव को उपाध्यक्ष, मोहन प्रसाद को संयुक्त मंत्री, मंगरु प्रसाद गोंड को प्रचार मंत्री, इंद्रदेव खरवार को कोषाध्यक्ष और शेख इम्तियाज को कार्यालय मंत्री चुना गया।

सम्मेलन की अध्यक्षता कृपाशंकर पनिका ने और संचालन तेजधारी गुप्ता ने किया। सम्मेलन को सामाजिक कार्यकर्ता रामधनी विश्वकर्मा, एआईपीएफ जिला सचिव इंद्रदेव खरवार, युवा मंच की जिला संयोजक सविता गोंड, अध्यक्ष रूबी गोंड, युवा मंच नेता इंजीनियर राम कृष्ण बैगा, मजदूर किसान मंच के जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड, प्रशांत दूबे, ज्ञानवेंद्र सिंह, मसीदुल्लाह अंसारी, विनोद यादव, राम चन्द्र पटेल आदि ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में मुनेश्वर पनिका और राजकुमारी गोंड ने जन गीतों को प्रस्तुत किया।

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