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उत्तराखंड में बेघर किए जा रहे वन गुर्जर, अतिक्रमण विरोधी अभियान पर तत्काल रोक लगाने के लिए वन वन अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन

Janjwar Desk
22 May 2023 10:58 PM IST
उत्तराखंड में बेघर किए जा रहे वन गुर्जर, अतिक्रमण विरोधी अभियान पर तत्काल रोक लगाने के लिए वन वन अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
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रामनगर क्षेत्र के सुंदरखाल, रिंगोड़ा, शिवनाथपुरी, पटरानी व 3 टोंगिया गांव समेत दो दर्जन से भी अधिक वन ग्राम शामिल है। लाखों लोगों की जीविका का माध्यम गर्जिया मंदिर व पिछले दिनों तोड़ दी गयी बाबा नत्थनपीर की 200 वर्ष पुरानी मजार भी इस अतिक्रमण की सूची में शामिल हैं...

Ramnagar news l उत्तराखंड में चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर तत्काल रोक लगाये जाने, बेघर लोगों का पुनर्वास किये जाने व वन तथा अन्य भूमि पर निवास कर रहे सभी लोगों को मालिकाना हक दिये जाने आदि मांगों को लेकर वन गूजर समुदाय व प्रभावित लोगों ने प्रभागीय वन अधिकारी तराई पश्चिमी के कार्यालय पर प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों की बढ़ती संख्या को देखकर प्रभागीय वनाधिकारी ग्रामीणों का ज्ञापन लिए बगैर ही अपने कार्यालय से नदारत हो गये।

ललित उप्रेती के संचालन में हुयी सभा को संबोधत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 28 अप्रैल 2023 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, देहरादून को भेजे गये पत्र में नैनीताल जिले में 72 अतिक्रमणों का उल्लेख किया गया है। उनमें रामनगर क्षेत्र के सुंदरखाल, रिंगोड़ा, शिवनाथपुरी, पटरानी व 3 टोंगिया गांव समेत दो दर्जन से भी अधिक वन ग्राम शामिल है। लाखों लोगों की जीविका का माध्यम गर्जिया मंदिर व पिछले दिनों तोड़ दी गयी बाबा नत्थनपीर की 200 वर्ष पुरानी मजार भी इस अतिक्रमण की सूची में शामिल हैं।

वक्ताओं ने कहा कि सरकार के इस अभियान से समूचे उत्तराखंड में 10 लाख लोगों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। अतः सभी प्रभावित लोगों की एकमंच पर आकर अपने संघर्षों को आगे बढ़ाना चाहिए।

गूजर नेता मौ. शफी ने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 के अंतर्गत वन गूजर समुदाय ने वन भूमि पर सामुदायिक एवं व्यक्तिगत अधिकार हेतु अपने दावे समाज कल्याण विभाग के समक्ष प्रस्तुत किए हुए हैं जिस पर देश की सबसे बड़ी अदालत माननीय सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2019 के आदेश (सं wp 109/2008) द्वारा वनाश्रित समुदाय को वन भूमि से हटाए जाने पर रोक (स्टे) लगाई हुयी है। इसके बावजूद भी वन विभाग द्वारा गूजरों के घरों के बाहर खाई खोद कर तोड़-फोड़ की जा रही है जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। तरुण जोशी ने कहा कि वन गूजरों के घरों में तोड़-फोड़ के जिम्मेदार वनाधिकरियों व कर्मचारियों के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

धरने के बाद आंदोलनकसरियों ने जुलूस निकालकर एसडीएम, रामनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन प्रेषित किया तथा विद्युत निगम के कार्यालय में नारेबाजी कर एसडीओ का घेराव करके विद्युत निगम द्वारा वन भूमि पर बसे लोागें की बिजली काटे जाने की धमकी पर रोष व्यक्त किया।

इस दौरान हुयी सभा को महिला एकता मंच की ललिता रावत, नवीन नैथानी, आप नेता शिशुपाल रावत, महेश जोशी, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, उपपा नेता प्रभात ध्यानी आदि ने संबोधित किया।

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