दक्षिण एशिया में GDP के मुकाबले सबसे ज्यादा कर्ज वाला देश होगा भारत, पाक-बांग्लादेश से भी बुरी होगी आर्थिक हालत
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि आईएमएल के नए अनुमानों ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल आईएमएफ की वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत का कुल सरकारी कर्ज जीडीपी के मुकाबले 89.3 फीसदी के बराबर हो सकता है। साल 2003 में यह कर्ज जीडीपी के मुकाबले 84.2 प्रतिशत था। ऐसा पहली बार है जब भारत पर जीडीपी के मुकाबले कर्ज इतना ज्यादा होगा।
पांच साल पहले 2015 में भारत का कर्ज जीडीपी के मुकाबले 68.8 प्रतिशत था जबकि 2019 में यह आंकड़ा 72.3 प्रतिशत ही था। साफ है कि नोटबंदी, कोरोना संकट में लॉकडाउन आदि से सरकार की आय में बड़ी गिरावट आयी और तमाम योजनाओं के लिए कर्ज लेकर खर्च करने के चलते यह स्थिति हुई है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसके चलते अब दक्षिण एशिया में अन्य पड़ौसी देशों की तुलना में भारत जीडीपी के मुकाबले सबसे ज्यादा कर्ज वाला देश होगा। भारत के अलावा केवल भूटान और श्रीलंका पर ही जीडीपी तुलना में सबसे ज्यादा कर्ज है। जबकि पड़ोसी बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल जैसे देश भी भारत की तुलना में ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं।
आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण एशिया में श्रीलंका के बाद भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित होगी, जिसकी प्रति व्यक्ति जीडीपी चालू कैलेंडर वर्ष में 4 प्रतिशत गिरेगी। इसकी तुलना में नेपाल और भूटान की अर्थव्यवस्था बढ़ने की संभावना है।
गौरतलब है कि हाल ही में आईएमएफ ने अपने एक अनुमान में कहा था कि भारत प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में 2020 में बांग्लादेश से पिछड़ सकता है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमान के मुताबिक बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में 4 प्रतिशत की दर से बढ़ते हुए 1888 डॉलर के स्तर पर पहुंच सकती है। वहीं बारत में प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.5 फीसदी की गिरावट के साथ 1877 डॉलर तक गिर सकती है।