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Indian Army : 3 साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती निकालेगी मोदी सरकार, क्या सेना में भी शुरू हुई ठेका प्रथा

Janjwar Desk
7 April 2022 11:06 AM IST
Indian Army : 3 साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती निकालेगी मोदी सरकार, विस्तार से समझें तैयारी करने वाले युवा
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अब 3 साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती निकालेगी मोदी सरकार।

Indian Army : अब संविदा के आधार पर सेना में तीन साल के लिए भर्ती हो सकती है। इस दौरान युवाओं को शिक्षा भी दी जाएगी। आतंकरोधी अभियानों में काम करने का मौका भी युवाओं को मिलेगा।

Indian Army : भारतीय सेना में पिछले दो साल से भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। ताजा अपडेट के मुताबिक जवानों की भर्ती के लिए जल्द ही नई प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत अब सेना में जवानों की भर्तियां संविदा के आधार ( contract basis ) पर हो सकती है। यानि अब सेना ( Indian Army ) में जल्द ही युवाओं को भर्ती होने का मौका मिलेगा। इस योजना के तहत सेना में भर्ती का प्रस्ताव आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ एमएम नरवने ने 2020 में दिया था।

आतंक रोधी अभियानों में युवाओं को मिलेगा काम का मौका

सरल भाषा में कहें तो सरकार इस प्रक्रिया को कम बजट से शुरू कर रही है। इस योजना के तहत सेना भर्ती ( recruitment in Indian Army ) तीन साल के लिए हो सकती है। इन तीन सालों के दौरान युवाओं को शिक्षा भी दी जाएगी। इसके माध्यम से चयनित उम्मीदवार को आतंकवाद विरोधी अभियान, खुफिया जानकारी जुटाने और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में काम का मौका मिलेगा।

2 साल से भर्ती के इंतजार में हैं युवा

सरकार आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 और 2019-20 में भारतीय थल सेना में क्रमश: 53,431 और 80,572 भर्तियां हुईं। 2020-21 और 2021-22 में भारतीय नौसेना में क्रमश: 2,772 और 5,547 कर्मियों की भर्तियां हुई। वायुसेना में 2020-21 और 2021-22 में क्रमश: 8,423 और 4,609 कर्मियों की भर्ती हुई जो पहले की तुलना में न के बराबर है।

ठेके पर भर्ती से टूटेगा सेना का मनोबल

सेना में संविदा पर भर्ती से युवाओं को रोजगार का अवसर तो मिलेगा, लेकिन यह उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाला नहीं होगा। ऐसा इसलिए कि पिछले कुछ वर्षों से देखने को मिला है कि सेना के प्रति युवाओं में आकर्षण कम हुआ है। अब युवा पहलीे की तरह सेना में भर्ती के लिए उत्सुक नहीं हैं। ये बात अलग है कि बेरोजगारी की वजह से भर्ती में शामिल होने वालों की लंबी फौज है। फिर संविदा के आधार पर भर्ती में पैसे भी कम मिलेंगे। मोदी सरकार की योजना अग्निपथ का मकसद ही कम पैसों में सेना में जवानों की भर्ती करने की है। ऐसे में जब नय जवान पुराने की सेवा शर्तों के साथ खुद की तुलना करेंगे, तो उनका मनोबल बढ़ने के बजाय कमजोर होगा।

अग्निपथ योजना पर काम कर रही है मोदी सरकार

दरअसल, मोदी सरकार ( Modi Government ) सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ प्रवेश योजना ( Agnipath Yojna ) लॉन्च करने वाली है। इस नये सिस्टम के तहत सेवा में आये सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा। इस योजना के तहत सैनिकों को तीन वर्ष की नौकरी के बाद सेना से हट जाएंगे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले युवाओं को सेवा में बनाए रखा जाएगा। शेष युवा सिविल सेक्टर की नौकरियों के लिए ट्राई कर सकेंगे। योजना के मुताबिक तीन साल बाद जवान सेना से निकलकर सिविल सेवा जॉब में जा सकेंगे। पिछले कुछ साल में कई कॉरपोरेट कंपनियां इस तरह के जवानों को अपने यहां भर्ती करने में दिलचस्पी दिखा चुकी हैं। सेना में तीन साल तक काम करने के बाद युवाओं को यहां पर काम करने का अवसर मिल सकता है।

सेना में खाली पड़े हैं 1,25,364 पद

Indian Army : बता दें कि कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल में सेना की भर्ती में भारी कमी आई है। एक रजिस्टर के मुताबिक थल सेना, वायुसेना और नौसेना में फिलहाल 1,25,364 पद खाली हैं। इन पदों भरने से संबंधित प्रस्ताव को जल्द ही हरी झंडी मिलने की संभावना है।

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