Bageshwar News : अग्निवीर में नहीं हुआ चयन तो कपकोट के युवक ने जहर खाकर दी जान, रिजल्ट आने के बाद उठाया खतरनाक कदम
Bageshwar News : अग्निवीर में न हुआ चयन तो कपकोट के युवक ने जहर खाकर दे दी जान, रिजल्ट आने के बाद उठाया खतरनाक कदम
Bageshwar Agniveer news : कुमाऊं के बागेश्वर जिले में अग्निवीर भर्ती में असफल होने पर एक युवक ने जहर खा लिया। अस्पताल में इलाज के दौरान इस युवक की मौत हो गई है। युवक के इस आत्मघाती कदम से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। इस दुखदाई घटना के बाद युवक के गांव में मातम पसरा हुआ है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के फरसाली गांव निवासी 20 वर्षीय कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गोस्वामी लंबे समय से सेना में भर्ती होने की तैयारी में जुटा था। इस बार की अग्निवीर भर्ती में कमलेश फिजिकल और मेडिकल में फिट था। एनसीसी का सी सर्टीफिकेट भी उसके पास था, जिसके चलते उसे अपना चयन होने का पूरा भरोसा था। लेकिन सोमवार 31 अक्टूबर को जब भर्ती का परीक्षाफल आया तो उस समय कमलेश अपने खेत में काम कर रहा था। घर आने पर कमलेश ने मोबाइल पर रिजल्ट देखा तो वह असफल हो गया था। कई साल की उम्मीद के बाद भी भर्ती रैली में असफल होने से आहत कमलेश ने जान देने के मकसद से घर में ही रखा जहर खा लिया।
जहर के प्रभाव से कमलेश की हालत खराब होने पर परिजन तत्काल उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां से डाक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान कमलेश ने दम तोड़ दिया।
फिजिकल परीक्षा में 100 अंक, मेडिकल पास और NCC C प्रमाण पत्र होने के बावजूद भी एक अभ्यर्थी का अग्निवीर भर्ती रिजल्ट में नाम नही आया और इस भर्ती से अनगिनत उम्मीद लिए इस युवा ने दबाव में आकर जहर खा लिया। बागेश्वर चिकित्सालय में अंतिम सांस ली।
जानकारी के अनुसार कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गिरि गोस्वामी का परिवार बागेश्वर के कपकोट में रहता है। कमलेश लंबे समय से सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था। इसके लिए उसने खूब मेहनत भी की थी, लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ तो कमलेश इस कदर टूटा कि उसने खुदकुशी कर ली। कमलेश की मौत की घटना के बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
तीन भाइयों में था सबसे छोटा
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बताया कि कमलेश तीन भाई हैं, जिसमें एक भाई प्राइवेट नौकरी और एक दुकानदारी करता है। पिता भी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। कमलेश अपने परिवार का सबसे छोटा सदस्य था। वह कोरोना काल से फौज में जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन पिछली बार भी भर्ती रैली में असफल रहा था।
उधर थानाध्यक्ष कपकोट विवेक चंद्र ने बताया कि जहर खाने से पूर्व मृतक ने इंटरनेट मीडिया पर अपना स्टेट्स भी डाला था, जिसमें उसने भर्ती नहीं होने के कारण यह कदम उठाने की बात की है। इस घटना की जांच की जा रही है। सेना की भर्ती रैली में असफल होने की जानकारी उनके पास नहीं है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।